vishwambhar pandey vyagra 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid vishwambhar pandey vyagra 23 May 2022 · 2 min read कविता " बोध " [ प्रतियोगिता हेतु विषय-पिताजी ] बोध... (कविता) """"""""""""""""""" मैं विचलित था बरसों से, ये सोचकर तुम छोड़ गये, मुझे अकेला इस भीड़ भरे संसार में मैं भी कैसा अबोध बहाता... Hindi · कविता 623 Share vishwambhar pandey vyagra 6 Nov 2018 · 1 min read माँ (विषय- माँ प्रतियोगिता हेतु) माँ """"" माँ सुबह बनके जगाती है सबको चिड़िया सी चहकती फुलबारी सी महकती फिर दोपहर बन जाती सबको भोजन खिलाती फिर स्वयं खाती ढ़लती दोपहरी की तरह बिन ज़िरह... Hindi · कविता 3 1 453 Share vishwambhar pandey vyagra 6 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ """"" माँ सुबह बनके जगाती है सबको चिड़िया सी चहकती फुलबारी सी महकती फिर दोपहर बन जाती सबको भोजन खिलाती फिर स्वयं खाती ढ़लती दोपहरी की तरह बिन ज़िरह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 28 418 Share vishwambhar pandey vyagra 6 Nov 2018 · 1 min read आना चाहती हूँ ... आना चाहती हूँ ... (प्रतियोगिता के लिए) """"""""""""""""""""""""" मैं इस जग में आना चाहती हूँ माँ तेरे दर्शन करना चाहती हूँ जन्म देना तुम मुझे संसार में मैं तुझसे कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 254 Share vishwambhar pandey vyagra 1 Oct 2018 · 1 min read ऐ जिंदगी...(कविता) ऐ जिंदगी ! तू कितने रंग दिखलायेगी ऐ जिंदगी ! तेरे इन रंगो से अब मैं डरने लगा हूं तू कभी प्यारी थी न्यारी थी तेरी मेरे प्रति खुद्दारी थी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 245 Share