VIKASH Yadav 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid VIKASH Yadav 21 Dec 2021 · 1 min read हिन्दी ऑनलाइन जानकारी सदियों का दैन्य-तमिस्र तूम, धुन तुमने कात प्रकाश-सूत, हे नग्न! नग्न-पशुता ढँक दी बुन नव संस्कृत मनुजत्व पूत। जग पीड़ित छूतों से प्रभूत, छू अमित स्पर्श से, हे अछूत! तुमने... Hindi · कविता 3 363 Share