विवेक जोशी ”जोश” Tag: कविता 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विवेक जोशी ”जोश” 20 Aug 2021 · 1 min read " यूँ तो बस एक डोर है राखी " यूँ तो बस एक डोर है राखी धागे के दो छोर है राखी कोई मोती से सजी हुई कोई रेशम से बुनी हुई कोई शंख पुष्प चन्दन चाँदी कोई तितली... Hindi · कविता 5 2 540 Share विवेक जोशी ”जोश” 4 Aug 2021 · 1 min read प्रश्न खत्म ही नहीं होते!! प्रश्न खत्म ही नहीं होते!! अनगिनत अनवरत विचार मन की धूरी समय की परिधि गणनाएं आंकलन तर्क समझौते प्रश्न खत्म ही नहीं होते!! जो बीत गया सो बीत गया आगे... Hindi · कविता 2 379 Share विवेक जोशी ”जोश” 1 Aug 2021 · 1 min read " मित्रता " : मित्रता क्षणिक आवेश नहीं, जीवन पर्यंत वचन सखा सहचर स्नेही सुहृदय,साथी दोस्त स्वजन मित्रता क्षणिक आवेश नहीं, जीवन पर्यंत वचन मित्र वो ही जो सुख दुख में साथ तुम्हारे रहता प्रेम भाव से आलोकित हो,हो ऐसा कोई... Hindi · कविता 1 4 666 Share विवेक जोशी ”जोश” 18 Jul 2021 · 1 min read और मैं मौन था... सन्नाटा पसरा था अंधेरा बिखरा था तिलस्म टूटा ना था और मैं मौन था अचानक सुनाई दिए शोर से मन के किसी छोर से मैं परिचित न था और मैं... Hindi · कविता 3 2 561 Share विवेक जोशी ”जोश” 3 Jul 2021 · 1 min read प्रश्न खत्म ही नहीं होते!! प्रश्न खत्म ही नहीं होते!! अनगिनत अनवरत विचार मन की धूरी समय की परिधि गणनाएं आंकलन तर्क समझौते प्रश्न खत्म ही नहीं होते!! जो बीत गया सो बीत गया आगे... Hindi · कविता 284 Share विवेक जोशी ”जोश” 3 Jul 2021 · 1 min read हिंदी से मेरा नाता कुछ कुछ मां जैसा है हिंदी से मेरा नाता कुछ कुछ मां जैसा है जैसे मां उंगली पकड़ पकड़ कर मुझे चलाई थी वैसे ही हिंदी से पहली अभिव्यक्ति आई थी सोचो गर ये सब... Hindi · कविता 1 2 502 Share