Vivek saswat Shukla Language: Hindi 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vivek saswat Shukla 30 Oct 2024 · 1 min read करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं! करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं! रेशे वक्त के पिरोकर, जिंदगी बुन रहा हूं!! पहले मंजिल तो एक ही थी, दोनों की! वो कहां जा रहा है, मैं... Hindi · Gazal ग़ज़ल · Shero Shayar · Viveksaswat · Viveksaswatsher · Viveksaswatshukla 19 Share Vivek saswat Shukla 21 Sep 2024 · 1 min read "अबला" नारी पढ़ाई करो, करो सिलाई बुनाई भी, खुद को बचाने को मगर, थोड़ी तैयारी भी कर लो। होगी नहीं रक्षा तुम्हारे सम्मान की, इंस्टा की रील से, चूड़ियां उतारो अपनी, और... Hindi · Abla Nari · Poetviveksaswat · Top Hindi Poetry · Vivek Saswat Kavita · Viveksaswatshukla 56 Share Vivek saswat Shukla 19 Sep 2024 · 1 min read कभी हमसे पुछिए वो दिन, वो मंजर हमसे पूछिए,, वो सुखा किनारा, वो प्यासा समंदर हमसे पूछिए,, पूछिए हमसे… वो घड़ी,वो बात! वो वक्त,वो जज़बात!! वो रास्ता, वो सफ़र वो शाम, वो लहर... Hindi · Best Hindi Kavita · Poetviveksaswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla · कविता 45 Share Vivek saswat Shukla 27 Apr 2024 · 1 min read कुछ शब्द आपने दो शब्द में ही बयां कर दी दुनिया का राज, अच्छा है इसी बहाने आज आईना तो देखा हमने.. टहल रहा था समंदर किनारे में हंसता हुआ, आंखों में... Hindi · Vivek Saswat Shukla · Viveksaswat · कवि विवेक शाश्वत · विवेक शाश्वत शुक्ल शेर · हिंदी शायरी 130 Share Vivek saswat Shukla 24 Jan 2024 · 1 min read संघर्ष (एक युद्ध) ये अधर नहीं बोलेंगे अब, नयनों के अश्रु सूख गये। थी जिनकी प्रतीक्षा हमको,अब लगता है हमसे रुठ गये,, माना जीवन में दुख है बड़ा, संघर्षो ने मुझको जकड़ा।। होगा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · काव्य प्रतियोगिता · जीवन · पथ · विवेक शाश्वत 178 Share Vivek saswat Shukla 24 Jan 2024 · 1 min read राही भूख प्यास सब त्याग सदा, चलता राही राहों पर,, चलता है खुद का शव लेकर, राही अपने कंधों पर। स्वयं स्वयं में विलीन होकर, अंत ढूंढने चलता है।। निकल शून्य... Poetry Writing Challenge-2 · Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Top Hindi Poetry · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 112 Share Vivek saswat Shukla 24 Jan 2024 · 2 min read अवध हैं राम राम का देश यही, तुलसी का है उपदेश यही। यही भागीरथ परिपाटी है, हां यही अवध की माटी है।। है धाम पुण्य यह धामो का, श्रीरघुवर के बलिदानों... Poetry Writing Challenge-2 · Best Hindi Kavita · Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla · अयोध्या 107 Share