Vivek saswat Shukla Tag: Sher 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vivek saswat Shukla 29 Mar 2024 · 1 min read मैं समन्दर पीने की थी तमन्ना मेरी, कतरा भी पी नहीं पाया हकीकत में मैं,, ये फिजा,ये हवा,ये आसमां,देखता होगा,तो सोचता होगा,, पहले कैसा था,अब कैसा हो गया हूं मैं।। बहुत... Poetviveksaswat · Sher · Viveksaswatsher · विवेक शाश्वत शायरी · विवेक शाश्वत शुक्ल शेर 157 Share Vivek saswat Shukla 22 Mar 2024 · 1 min read दो पंक्तियां थी आरज़ू मुकम्मल इश्क की हमें, है ग़म की मुंतशिर भी हो ना पाए,, दस्तक दी है, दरवाजे पर किसी ने फिर, इतनी रात में अब बाहर कौन जाए,, गला... Isq · Sayri · Sher · Vivek Saswat · Vivek Saswat Shukla 102 Share