Vivek saswat Shukla Tag: हिंदी है 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Vivek saswat Shukla 15 Feb 2024 · 1 min read पार्थगाथा प्रातः हाथी सजे हुए थे, घोड़े कुछ घबराए थे,, मानो रणभूमि मध्य स्वयं यम, कौतूहल करने आये थे। रक्तपिपासी तलवारें, गर्दन को देख रही थी,, धरा रक्त पीने को, माधव... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · विवेक शाश्वत · विवेक शाश्वत शुक्ल · हिंदी है · हिंदी-साहित्य 155 Share