Vivek saswat Shukla Tag: विवेक शाश्वत 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vivek saswat Shukla 15 Feb 2024 · 1 min read पार्थगाथा प्रातः हाथी सजे हुए थे, घोड़े कुछ घबराए थे,, मानो रणभूमि मध्य स्वयं यम, कौतूहल करने आये थे। रक्तपिपासी तलवारें, गर्दन को देख रही थी,, धरा रक्त पीने को, माधव... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · विवेक शाश्वत · विवेक शाश्वत शुक्ल · हिंदी है · हिंदी-साहित्य 153 Share Vivek saswat Shukla 1 Feb 2024 · 1 min read गांव की झोपड़ी है नमन तुम्हें यै पवित्र मिट्टी, मन से लिपटी तन से लिपटी,, नमन तुम्हें ये पवित्र मिट्टी। लहक रहे सरसों के फूल, महक रही है उड़ती धूल। महक रहे वाटिका... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कवि विवेक शाश्वत · गांव की याद · विवेक शाश्वत · हिंदी साहित्य परंपरा 103 Share Vivek saswat Shukla 1 Feb 2024 · 1 min read मजदूर नयनों से अश्रु बहते हैं, दिल में तूफान मचलता है,, हाथ बड़े मजबूत हमारे, लेकिन दिल बहुत पिघलता है। हम महलों के सुल्तान नहीं, झोपड़ी के अपने राजा हैं,, गौर... Poetry Writing Challenge-2 · Poem · मजदूर · विवेक शाश्वत · हिंदी साहित्य परंपरा · हिंदी है हम 105 Share Vivek saswat Shukla 1 Feb 2024 · 1 min read जीवन (एक पथ) संघर्षों के बड़े शिखर हैं, पथ पर मेरे अड़े खड़े हैं,, चलना मुश्किल अब राहों पर, पैरों में कांटे गड़े पड़े हैं। कर्तव्य पथ से जो मुंह फेर, वे कायर... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · विवेक शाश्वत · हिंदी साहित्य परंपरा · हिंदी है हम 168 Share Vivek saswat Shukla 24 Jan 2024 · 1 min read संघर्ष (एक युद्ध) ये अधर नहीं बोलेंगे अब, नयनों के अश्रु सूख गये। थी जिनकी प्रतीक्षा हमको,अब लगता है हमसे रुठ गये,, माना जीवन में दुख है बड़ा, संघर्षो ने मुझको जकड़ा।। होगा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · काव्य प्रतियोगिता · जीवन · पथ · विवेक शाश्वत 178 Share