Vivek Sharma 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vivek Sharma 22 Feb 2017 · 1 min read ऐ सुनो!! ऐ सुनो!! मुझको कुछ कहना है, संग तुम्हारे रहना है। डोर संग पतंग सा, गीत संग तरंग सा। नींद संग ख़्वाब सा, कातिब संग क़िताब सा। तारों संग क़मर सा,... Hindi · कविता 507 Share Vivek Sharma 3 Feb 2017 · 1 min read हैरानी (विवेक बिजनोरी) "मुझे जानकर ये हैरानी बहोत है, ये सन्नाटे की चीखें पुरानी बहोत है कहाँ गुम हो गयी आँगन की रौनक, घरों में आजकल वीरानी बहोत है।" (विवेक बिजनोरी) Hindi · शेर 1 306 Share Vivek Sharma 3 Feb 2017 · 1 min read मैं चाहता हूँ...(विवेक बिजनोरी) "मेरे ख़्वाब में फ़िर यूँ आने से पहले, मुझे इस तरहा फ़िर सताने से पहले। मैं चाहता हूँ तुम भी मेरे साथ जागो यूँ रातों में मुझको जगाने से पहले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share Vivek Sharma 20 Jan 2017 · 1 min read क्या लिखूँ (विवेक बिजनोरी) “सोचता हूँ क्या लिखूँ दिल ए बेकरार लिखूँ या खुद का पहला प्यार लिखूँ सावन की बौंछार लिखूँ या सैलाबो की मार लिखूँ खुशियों का वो ढ़ेर लिखूँ या किस्मत... Hindi · कविता 379 Share Vivek Sharma 20 Jan 2017 · 1 min read भूल गया (विवेक बिजनोरी) “जबसे होश संभाला है खुशियों का जमाना भूल गया, इससे अच्छा पहले था अब हँसना हँसाना भूल गया। पहले ना थी चिंता कोई बेफिक्रा मैं फिरता था, अब अपनी ही... Hindi · शेर 531 Share Vivek Sharma 19 Jan 2017 · 1 min read “काश” (विवेक बिजनोरी) “काश कोई जुल्फों से पानी झटक के जगाता, काश कोई ऐसे हमको भी सताता काश कोई बतियाता हमसे भी घंटो, काश कोई होता जो तन्हाई मिटाता” काश कोई जुल्फों से... Hindi · कविता 1 386 Share Vivek Sharma 19 Jan 2017 · 1 min read मुफ़लिसी (विवेक बिजनोरी) “गुलिस्तां -ऐ-जिंदगी में खुशबू सा बिखर के आया हूँ, हर एक तपिश पर थोड़ा निखर के आया हूँ इतना आसां कहाँ होगा मेरी हस्ती मिटा देना, मैं मुफ़लिसी के उस... Hindi · शेर 267 Share Vivek Sharma 19 Jan 2017 · 1 min read ख्वाइश (विवेक बिजनोरी) “मेरे ताक -ऐ- हुजरे के दीपक जला दे कोई, दिया,बाती, तेल सब तैयार है बस माचिस दिखा दे कोई मैं भूलता सा जा रहा हंसी क्या ख़ुशी क्या, एक धुंदली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 363 Share Vivek Sharma 19 Jan 2017 · 1 min read इंसान कहाँ इंसान रहा (विवेक बिजनोरी) “आज सोचता हूँ कि कैसा है इंसान हुआ, इंसान कहाँ इंसान रहा अब वो तो है हैवान हुआ कभी जिसको पूजा जाता था नारी शक्ति के रूप में, उसकी इज्जत... Hindi · कविता 1 533 Share Vivek Sharma 18 Jan 2017 · 1 min read बिटिया प्यारी उजियारा लेकर के आई अँधेरे इस जीवन में, बहुत ख़ुशी थी घर पे सबको, था उल्लास भरा सबके मन में लोग न जाने फिर भी क्यूँ बेटो पे ही खुश... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share