विवेक दुबे "निश्चल" Tag: कविता 53 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 विवेक दुबे "निश्चल" 9 Apr 2017 · 1 min read कहती है कलम नया क्या कुछ कहती है कलम नया खुशियों के लम्हे या हो ग़म नया डुबा कर कलम दिल की जज्वातों की स्याही से बस कर दो सब बयां रंग चढ़ें बिरह... Hindi · कविता 485 Share विवेक दुबे "निश्चल" 8 Apr 2017 · 1 min read आज और कल खो जाता है आज । जब तक आता कल ।। आज मन विकल हर पल । आता अविचलित अटल कल ।। जूझता आज समय से । निश्चित होता हर कल... Hindi · कविता 304 Share विवेक दुबे "निश्चल" 7 Apr 2017 · 1 min read मैं ....... शब्द लुटाता शब्द सजाता मैं । लिखता बस लिखता जाता मैं । खुद से खुद खुश हो जाता मैं । खुद को खुद से झुठलाता मैं । सच में कभी... Hindi · कविता 589 Share Previous Page 2