विवेक दुबे "निश्चल" Tag: घनाक्षरी 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विवेक दुबे "निश्चल" 5 Jul 2018 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी निग़ाह राह टारता , रहा वक़्त गुजारता । हँस सँग दुनियाँ के , दर्द मैं बिसारता । जी कर खुशियों को भी , खुशी रहा निहारता । मैं एक दर्द... Hindi · घनाक्षरी 320 Share विवेक दुबे "निश्चल" 5 Jul 2018 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी ये बदल सावन के , पिया मन भावन से । रिम झिम बरसत , रस प्रियतम से । ज्यों प्रणय निवेदन , साजत है साजन से , थिरकन होंठो पर... Hindi · घनाक्षरी 1 672 Share विवेक दुबे "निश्चल" 7 Mar 2018 · 1 min read एक स्याह रात है नींद हमे न आए तो, नही कोई बात है । कल की फिक्र का हमे, करना इलाज़ है । फ़िक्र आज की बूंदों से तर जज़्बात है । अपनी तो... Hindi · घनाक्षरी 480 Share विवेक दुबे "निश्चल" 7 Mar 2018 · 1 min read धीरे से नैया पार लगा केवट उतरा धीरे से । नैया डोले नदिया तीरे धीरे धीरे से । केवट चला धरा पर अपनी धीरे से । सूनी नैया डूबी तीरे अपने धीरे... Hindi · घनाक्षरी 239 Share