विवेक आस्तिक Tag: मुक्तक 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विवेक आस्तिक 5 Feb 2020 · 1 min read धड़कन सुनना होता है तन्हाई में सिर को धुनना होता है। दीवारों की धड़कन सुनना होता है। दुनिया वाले तो कीलें ही बोयेंगे , सखे! मार्ग तो ख़ुद ही चुनना होता है। ---©विवेक आस्तिक Hindi · मुक्तक 2 444 Share विवेक आस्तिक 5 Jan 2017 · 1 min read कहीं लुटती शीला मुन्नी कहीं बदनाम होती है भरी महफिल में' जा देखो जाम की शाम होती हैं । यहाँ लिव इन रिलेशनशिप की बात कुछ आम होती है। सुनो फिल्मों ने भी' तोड़ा है यारों दायरा अपना... Hindi · मुक्तक 298 Share विवेक आस्तिक 5 Jan 2017 · 1 min read वही पल - पल सताता है जिसे जितना भुलाता हूँ बेवफा थी मगर उसके घर तक गया । मानकर प्रेम पावन शिखर तक गया । वो न समझी तो' इसमे खता क्या मेरी, आस दिल में जगा साल भर तक... Hindi · मुक्तक 250 Share विवेक आस्तिक 4 Jan 2017 · 1 min read देख लो दोहे बिहारी के सभी जीवंत हैं शब्द संयोजन, अटल आधार होना चाहिए । कम सही,थोथा नहीं,कुछ सार होना चाहिए । देख लो दोहे बिहारी के सभी जीवंत हैं, जो लिखो दिल से वो' दिल के पार... Hindi · मुक्तक 414 Share विवेक आस्तिक 3 Jan 2017 · 1 min read बसा परदेश में आकर अकेला छोड़कर माँ को (1)-दहल जाता हृदय हरपल करारी पीर देती है । उदासी मुख पे ' छा जाती नयन भर नीर देती है । बसा परदेश में आकर अकेला छोड़कर माँ को, सताती... Hindi · मुक्तक 387 Share