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हे मृत्यु तैयार यदि तू आने को प्रसन्न मुख आ द्वार खुला है,
Vishal babu (vishu)
पाया तो तुझे, बूंद सा भी नहीं..
Vishal babu (vishu)
सजाया जायेगा तुझे
Vishal babu (vishu)
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
Vishal babu (vishu)
मत पूछो मेरा कारोबार क्या है,
Vishal babu (vishu)
मैं चाँद को तोड़ कर लाने से रहा,
Vishal babu (vishu)
सियासत हो
Vishal babu (vishu)
जूते और लोग..,
Vishal babu (vishu)
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
Vishal babu (vishu)
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
हो गई जब खत्म अपनी जिंदगी की दास्तां..
Vishal babu (vishu)
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
Vishal babu (vishu)
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
Vishal babu (vishu)
तुम भी 2000 के नोट की तरह निकले,
Vishal babu (vishu)
वक्त से वकालत तक
Vishal babu (vishu)
चूड़ी पायल बिंदिया काजल गजरा सब रहने दो
Vishal babu (vishu)
अब मत करो ये Pyar और respect की बातें,
Vishal babu (vishu)
चाय बस चाय हैं कोई शराब थोड़ी है।
Vishal babu (vishu)
उड़ते हुए आँचल से दिखती हुई तेरी कमर को छुपाना चाहता हूं
Vishal babu (vishu)
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
Vishal babu (vishu)
कमाल करते हैं वो भी हमसे ये अनोखा रिश्ता जोड़ कर,
Vishal babu (vishu)
मुक्तक श्रृंगार रस
Vishal babu (vishu)
सादगी मशहूर है हमारी,
Vishal babu (vishu)
कुछ पैसे बचा कर रखे हैं मैंने,
Vishal babu (vishu)
आंखे बाते जुल्फे मुस्कुराहटे एक साथ में ही वार कर रही हो,
Vishal babu (vishu)
मैंने कहा मुझे कयामत देखनी है ,
Vishal babu (vishu)
उधार वो किसी का रखते नहीं,
Vishal babu (vishu)
बिखरने की सौ बातें होंगी,
Vishal babu (vishu)
जरा सी गलतफहमी पर
Vishal babu (vishu)
मेरी निगाहों मे किन गुहानों के निशां खोजते हों,
Vishal babu (vishu)
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
Vishal babu (vishu)
लबो पे तबस्सुम निगाहों में बिजली,
Vishal babu (vishu)
हमारी मोहब्बत का अंजाम कुछ ऐसा हुआ
Vishal babu (vishu)
मै हिन्दी का शब्द हूं, तू गणित का सवाल प्रिये.
Vishal babu (vishu)
प्रेम की बात जमाने से निराली देखी
Vishal babu (vishu)
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
Vishal babu (vishu)
तुम्हारी सादगी ही कत्ल करती है मेरा,
Vishal babu (vishu)
नज़र नज़र का फर्क है साहेब...!!
Vishal babu (vishu)
मैंने जला डाली आज वह सारी किताबें गुस्से में,
Vishal babu (vishu)
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैं ,
Vishal babu (vishu)
सितम तो ऐसा कि हम उसको छू नहीं सकते,
Vishal babu (vishu)
बरसो तो..🙏🙏🙏
Vishal babu (vishu)
बस एक गलती
Vishal babu (vishu)
मेरे दिल से उसकी हर गलती माफ़ हो जाती है,
Vishal babu (vishu)
चाहने लग गए है लोग मुझको भी थोड़ा थोड़ा,
Vishal babu (vishu)
दुख वो नहीं होता,
Vishal babu (vishu)
कि हम हुआ करते थे इश्क वालों के वाक़िल कभी,
Vishal babu (vishu)
मैंने पीनी छोड़ तूने जो अपनी कसम दी
Vishal babu (vishu)
जब हासिल हो जाए तो सब ख़ाक़ बराबर है
Vishal babu (vishu)
मेरी फितरत में नहीं है हर किसी का हो जाना
Vishal babu (vishu)