आलोक प्रतापगढ़ी 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आलोक प्रतापगढ़ी 27 Jan 2017 · 1 min read देश के वीरों के लिए मेरी कविता देश के वीरों को समर्पित है। ना धन चाहिए, ना रतन चाहिए। हमको, पूरा मेरा वतन चाहिए।। कट गये जिनके सर, इस वतन के लिए। ऐसे वीरों का... Hindi · कविता 755 Share आलोक प्रतापगढ़ी 4 Mar 2017 · 1 min read बड़ो से कर ली दोस्ती, तो कोई बड़ा नहीं होता बड़ो से कर ली दोस्ती, तो कोई बड़ा नहीं होता। मुकद्दर बदलने के वास्ते कोई खड़ा नहीं होता।। समुद्री लहरों से सीख लो, बढ़ना और घटना। कि वक्त बदलता है... Hindi · शेर 496 Share आलोक प्रतापगढ़ी 4 Mar 2017 · 1 min read “माँ तू कितनी प्यारी है“ बंद किये ख्वाबो के पलके, मै तेरे जीवन में आया आँख खुली तो सबसे पहले माँ मैंने तुझको ही पाया तेरे गोद में मैंने अपना बचपन हँस कर खेला है... Hindi · कविता 391 Share