विनय "बाली" सिंह Tag: गीत 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनय "बाली" सिंह 21 Sep 2019 · 1 min read "बिन तेरे" बिन तेरे...मिल जाए सबकुछ, तो भी लगता कमतर है। बिन तेरे..........आँसू के बहने, रोने में भी अन्तर है। बिन तेरे..धड़कन से अपनी, अनबन सी कुछ रहती है, बिन तेरे.....क्यों लगता... Hindi · गीत 3 285 Share विनय "बाली" सिंह 22 May 2021 · 1 min read बरसात प्रेम-मिलन की आशा लेकर, याद पिया की आई है। बारिश की बूंदों ने जब-जब, हिय में आग लगाई है। ठुमक-ठुमक कर नाचे पायल, झुमके झूला झूल रहे। चूड़ी, कंगन शर्म-हया... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 3 6 438 Share विनय "बाली" सिंह 17 May 2020 · 1 min read फिर जमाना मुस्कुराएगा। साज छेड़ेगा, नया धुन गुनगुनायेगा। फिर जमाना मुस्कुराएगा.............। (१) फिर चलेगी रेल गाड़ी, फिर सड़क गुलजार होंगे। खेल के मैदान में, फिर से इक्कठे यार होंगे। फिर शहर आबाद होकर,... Hindi · गीत 2 2 318 Share विनय "बाली" सिंह 26 Sep 2019 · 1 min read मुझे माँ याद आई है। किसी उलझन में' उलझा हूँ, नहीं तो चोट खाई है। कही कुछ दर्द है शायद, मुझे माँ याद आई है। (१) बिना कारण भला ये आज कैसे अधमरा होगा, थका... Hindi · गीत 349 Share