आचार्य विक्रान्त चौहान 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आचार्य विक्रान्त चौहान 20 May 2021 · 1 min read उठो पार्थ गाण्डीव सम्हालो हर मन हुआ अधर्मी है फिर, हर मानव में दानव है। उठो पार्थ गांडीव सम्हालो।। सभी हाथ दु:शासन के हैं, सभी केश पांचाली के। अब भी झुके हुए सब सर... Hindi · गीत 3 1 1k Share आचार्य विक्रान्त चौहान 19 May 2021 · 1 min read कोरोना दोहा दशक (भाग-१) १. कोरोना ने दे दिया, प्रकृति का संदेश। अर्थव्यवस्था ढह गई, रुका विकास विशेष।। २. प्रकृति से खिलवाड़ का, हुआ है ये अंजाम। पहिया रुका विकास का, रुका ये विश्व... Hindi · दोहा 6 5 524 Share आचार्य विक्रान्त चौहान 18 May 2021 · 1 min read राम राज्य :- एक स्वप्न मेरा सपना तब सच होगा। जब बीतेगा वनवास प्रिए, मिट जायेंगे सब त्रास प्रिए। छल दंभ द्वेष का ह्रास प्रिए। सब होंगे सफल प्रयास प्रिए। तब पूरा मेरा प्रण होगा।... Hindi · गीत 6 7 483 Share आचार्य विक्रान्त चौहान 15 May 2021 · 1 min read कयामत : एक विचार खड़ी मौत की डेहरी पर सारी दुनिया, इससे बढ़कर यार कयामत क्या होगी। काटे पेड़ बहाए नाले नदियों में, पाप किए जितने भी सबने सदियों में। रौंद दिया धरती को... Hindi · गीत 6 6 821 Share