विक्रम कुमार Tag: मुक्तक 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विक्रम कुमार 21 May 2020 · 1 min read कौन गम की तेज धारा में , बहना चाहता है कौन यहां गम के अंधेरे में , रहना चाहता है कौन अक्सर दिल की वो बातें रह जाती हैं दिल में... Hindi · मुक्तक 1 3 313 Share विक्रम कुमार 27 Feb 2020 · 1 min read तीन मुक्तक भगवान के न आता चांद रातों में, दिन में धूप न खिलता बिना उनके इशारे के यहां पर कुछ नहीं मिलता होता दुनिया में जो है वो है भगवान की मर्ज़ी बिना... Hindi · मुक्तक 1 3 310 Share विक्रम कुमार 7 Dec 2019 · 1 min read तीन मुक्तक दहेज के दामन में अपने पाप को सहेज न लेना सुखों के बदले जलालत की सेज न लेना उनको भी हक शादी का है जो गरीब हैं सोचके इस बात को दहेज... Hindi · मुक्तक 389 Share विक्रम कुमार 16 Nov 2019 · 1 min read चाहता हूं मैं कि फिर यादों की बस्ती में जाना चाहता हूं मैं बहुत भटका हूं अब लेकिन ठिकाना चाहता हूं मैं कभी हंसने का वादा था किया मैंने मुकद्दर से मरकर भी... Hindi · मुक्तक 2 221 Share विक्रम कुमार 16 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक दिल के मामलों में हम जहाँ से बड़े हैं दिल तुमको देने को लिए हाथों में खड़े हैं लोगे तुम नहीं बिना दिए हम जाएंगे नहीं तुम जिद पे अडे़... Hindi · मुक्तक 2 315 Share विक्रम कुमार 13 Nov 2019 · 1 min read प्रेम प्रेम दुनिया में सबसे हसीं चीज है प्रेम अंतस में सबके बसी चीज है ना ही बंगला न कोठे न कोई भी शय प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी चीज है... Hindi · मुक्तक 2 1 205 Share