विजय प्रताप शाही 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विजय प्रताप शाही 22 Dec 2021 · 1 min read सत्यनिष्ठ सुनों, कई बार, बड़ा आसान होता है, कुछ सत्यनिष्ठ लोगों के लिए, चिर परिचित सत्य को नकार देना, और, किसी के अस्तीत्व को मार देना । (स्वरचित - मौलिक) विजय... Hindi · कविता 233 Share विजय प्रताप शाही 22 Dec 2021 · 1 min read नशा नशा, व्यक्ति को तोड़ देता है, जिन्दगी बरबाद कर के छोड़ देता है । बुद्धि विवेक मान मर्यादा, रिश्ते नाते सब तार तार करता है, नशा व्यक्ति के अस्तीत्व पर... Hindi · कविता 1 545 Share विजय प्रताप शाही 22 Dec 2021 · 1 min read रणबीर कठिनाई पथ की देख, पथिक, पथ अगर छोड़ दे, ऊँची लहरों से डरे, खिवैया, सफर छोड़ दे, मंजिल कैसे पाये, चलने से, जो घबराए, विपरीत हवा से, लड़े, भिड़े, जूझे,... Hindi · कविता 1 1 244 Share विजय प्रताप शाही 22 Dec 2021 · 1 min read योद्धा राष्ट्र रक्षा हेतु नभ पथ पर अरे जो जन गया । चूम कर धरती हिमालय से बड़ा वो बन गया ।। धर्म पथ पर धैर्य धर कर जो सतत चलता... Hindi · कविता 2 368 Share विजय प्रताप शाही 22 Dec 2021 · 1 min read आओ हे मधुमास आओ हे मधुमास, नया उल्लास भरो फिर, कण- कण में.... आओ हे मधुमास, नया अहसास भरो फिर, कण-कण में... अभिसिंचित फिर करो, सृष्टि को, नव ऊर्जा से, दे दो आज... Hindi · कविता 2 185 Share