Vijay kumar Pandey Language: Hindi 48 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vijay kumar Pandey 11 Oct 2024 · 1 min read ये ताकत जो बक्सी तुझे कुदरत ने , नशे में न झोंको उबर जाओ भाई एक ग़ज़ल चले हम इधर तुम उधर जाओ भाई । चले हम घर तुम भी घर जाओ भाई। जो कहना हमें था सभी आदमी से, जिसे है सुधरना सुधर जाओ... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 25 Share Vijay kumar Pandey 15 Sep 2024 · 1 min read खिचड़ी यदि बर्तन पके,ठीक करे बीमार । प्यासा की कुण्डलिया ~ एक कुण्डलिया छंद ~ खिचड़ी यदि बर्तन पके,ठीक करे बीमार । पकता रहे दिमाग में , जीवन हो दुश्वार।। जीवन हो दुश्वार, बिगड़ती जाये हालत। अच्छी वाली सोच, रखें... Hindi · कुण्डलिया · दोहा 1 73 Share Vijay kumar Pandey 9 Aug 2024 · 1 min read Pyasa ke gajal ~ ग़ज़ल ~ कोई पहले कोई बाद में परेशान हुआ। जो ना समझा हर इक बात में परेशान हुआ। *** ये दुनिया चल रही ऐसे ही रफ्तार में कुछ ,... Hindi · ग़ज़ल 91 Share Vijay kumar Pandey 8 Aug 2024 · 1 min read हँसता दिखना दर्द छुपाना हां मैं तुमसे -विजय कुमार पाण्डेय हँसता दिखना दर्द छुपाना हां मैं तुमसे सीख लिया। कैसे रहना क्या दिखलाना हां मैं तुमसे सीख लिया। *** बात मिलाई कुछ ना मैंने सब सीधा सब सादा है कहना... Hindi · कविता 68 Share Vijay kumar Pandey 7 Aug 2024 · 1 min read --पुर्णिका---विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा' ---पुर्णिका--- रख दूं कलम मै क्या ,ये बस का काम नही है। लिखना लिखाना सच, में खाना आम नही है। *** लिखते अगर हो व्यंग्य तो कुछ क्रुद्ध हो जायें,... Hindi · ग़ज़ल · पुर्णिका 86 Share Vijay kumar Pandey 6 Aug 2024 · 1 min read बिल्ली पर कविता -विजय कुमार पाण्डेय बिल्ली देखो देखो बिल्ली आई, इसके पास बहुत चतुराई। इसे शौक खाने -पीने की, मिले उड़ाती दूध मलाई ।०देखो- भागे फिरती इधर उधर यह, दिख जाती घर किसी डगर यह।... Hindi · कविता 1 51 Share Vijay kumar Pandey 20 Jul 2024 · 1 min read परिंदे बिन पर के (ग़ज़ल) ग़ज़ल परिंदे बिन पर के नही होते। उड़ान बिना डर के नही होते। हौसलों की बात कहां तक करें यह भी बिना ज़र के नही होते। रात कहे जा घर,उसे... Hindi 54 Share Vijay kumar Pandey 1 Jul 2024 · 1 min read दान गरीब भाई को कीजिए -कुंडलियां -विजय कुमार पाण्डेय एक कुंडलियां छंद- दान भ्रात को कीजिए,गर हो दीन -गरीब। सब दानों में सिद्ध यह ,दानी बने महीप।। दानी बने महीप, कीर्ति चारों दिश फैले । जन्म-जन्म का दोष, दूर... Hindi · कुण्डलिया 83 Share Vijay kumar Pandey 27 Jun 2024 · 1 min read कुण्डलियां छंद-विधान-विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा' दोहा-रोले संग दो, कुछ विधियां लें साथ। कुण्डलिया तैयार हो, 'प्यासा' हाथों हाथ।। 'प्यासा' हाथों हाथ , अंतिम चरण दोहे का। ले करें निर्माण, पहले चरण रोले का।। दोहा पहला... Hindi · कुण्डलिया 98 Share Vijay kumar Pandey 24 Jun 2024 · 1 min read नंगापन (कुण्डलियां छंद-) Vijay Kumar Pandey 'pyasa' नंगापन को क्यों कहो,करते हो स्वीकार। वसन हीन निर्वस्त्र हो,घुमते यूं बाजार।। घुमते यूं बाजार, नयापन इसको कहके । क्या देते संदेश, स्वयं को नंगा करके ।। कह 'प्यासा' तरजीह,ना... Hindi · कुण्डलिया 63 Share Vijay kumar Pandey 22 Jun 2024 · 1 min read एक कुण्डलियां छंद- एक कुण्डलियां छंद- रुपया-पैसा सब जगह,बिन पैसे नही कुछ। पैसा गया त बूझ लो, बिगड़ा जग का रूप।। बिगड़ा जग का रूप,जगत सम्मान न देता। टेढ़ा मुह सब करें, घरो-परिवार-चहेता।।... Hindi · Quote Writer 42 Share Vijay kumar Pandey 20 Jun 2024 · 1 min read एक कुंडलियां छंद- एक कुंडलियां छंद- रुपया-पैसा सब जगह,बिन पैसे नही कुछ। पैसा गया न बूझ लो, बिगड़ा जग का रूप।। बिगड़ा जग का रूप,जगत सम्मान न देता। टेढ़ा मुह सब करें, घरो-परिवार-चहेता।।... Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया 74 Share Vijay kumar Pandey 20 Jun 2024 · 1 min read रुपया-पैसा -प्यासा के कुंडलियां (Vijay Kumar Pandey pyasa' एक कुंडलियां छंद- रुपया-पैसा सब जगह,बिन पैसे नही कुछ। पैसा गया त बूझ लो, बिगड़ा जग का रूप।। बिगड़ा जग का रूप,जगत सम्मान न देता। टेढ़ा मुह सब करें, घरो-परिवार-चहेता।।... Hindi · कुण्डलिया 112 Share Vijay kumar Pandey 18 Jun 2024 · 1 min read प्यासा के कुंडलियां (pyasa ke kundalian) pyasa एक कुंडलियां छंद- मुश्किल-दुर्लभ हैं बहुत, राजनीति में मित्र। सत्य मुँह के भी झूठे,होते यहां विचित्र।। होते यहां विचित्र, स्वार्थ से बड़ा नही कुछ।। हुआ जुआ सा खेल, युधिष्ठिर हारे... Hindi · कुंडलियां 69 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा' दारू-मदिरा से सुनो,कभी न बनते काम। धीरे -धीरे हे सखे,बिगड़े जाते नाम ।। बिगड़े जाते नाम, स्वास्थ्य गिरते ही जाते। घर समाज सब जगह, मुफ्त में हँसी उड़ाते ।। 'प्यासा'लत... Hindi · कुंडलिनी छंद 66 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा') एक कुंडलियां छंद- जीवन जीना जानकर, समझ-बूझ के साथ। कदम-कदम हरि नाम का,पकड़े रहना हाथ।। पकड़े रहना हाथ, हरि नीज सांसों रखना । हर जीवों में व्याप्त, हरि रूप हरदम... Hindi · कुण्डलिया 83 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read भारतीय रेल (Vijay Kumar Pandey 'pyasa' सुखदाई और प्यारा रेल। कभी ना देखा हारा रेल। रेल सफर आसान बनाती । समझें इसे देश की थाती। सोचें जहां आपको जाना । इसका काम वहां पहुंचना। रेल न... Hindi · कविता 65 Share Vijay kumar Pandey 12 Jun 2024 · 1 min read दौलत -दौलत ना करें (प्यासा के कुंडलियां) दौलत दौलत ना करें,तज मानवता धर्म। जाते दौलत संग ना, जाते हैं बस कर्म। जातें हैं बस कर्म, छणिक दौलत की माया। जिसके जैसे कर्म, जियत जग में सुख पाया।।... Hindi · कुंडलिनी छंद 92 Share Vijay kumar Pandey 13 Feb 2024 · 1 min read Pyasa ke dohe (vishwas) ~छ: दोहे ~ ---------------- मेरे प्यारे मित्र तुम, होना नही निराश । तिनका-तिनका घोंसला,रचता मन विश्वास।।१ तजिए ना विश्वास को, रखिए आश विशुद्ध । मिल जायेंगे राम भी, मिल जायेंगे... Hindi · दोहा छंद · दोहे 1 183 Share Vijay kumar Pandey 10 Feb 2024 · 1 min read हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा' हिन्दी पढ़ लो हिन्दी सीखो देश करो हिन्दीमय सारा । हिन्दी का नित ज्ञान बढ़ा लो, करो काम हिन्दी में सारा। हिन्दी बोलो पढ़ो क़िताबें । हिन्दी-बल जग हितकारी है... Hindi · कविता 2 125 Share Vijay kumar Pandey 8 Feb 2024 · 1 min read प्यासा के हुनर ❤️❤️❤️ हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये। हुनर वैसा भी नही कि लीख का लाख हो जाये । यहां कहना है साहब कि हुनर ईमानदार हो... Hindi · मुक्तक · मुक्तक छंद 181 Share Vijay kumar Pandey 7 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद) गगन सूरज चांद सभी धरा। जलज जीवन से सब जो बना। शलभ कीट-मकोड़ प्रजातियां । प्रकृति रूप सजी मिल घाटियां ।१। अचल से छँट सूरज रौशनी । बिटप पार करे... Hindi · कविता 1 107 Share Vijay kumar Pandey 30 Jan 2024 · 1 min read द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा" द्रुत विलम्बित छंद ( गणतंत्रता ) -'प्यासा सुखद है गणतंत्र सदा सदा। समझ लो यह मंत्र स्वतंत्रता। यह वही दिन वक्त विधान का। लिखित रूप मिला अधिकार का।।१ अब हमे... Hindi · कविता 1 142 Share Vijay kumar Pandey 25 Jan 2024 · 1 min read माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में.. #जयमाँ मां सरस्वती अन्तर्मन में, इक बार तु दर्शन दे दो मांँ। यह भाग्य मेरा सुधर जाये, मम मस्तक चंदन दे दो मांँ। मै आँख मे निज तुझे ढूँढूँ ,... Hindi · कविता 139 Share Vijay kumar Pandey 22 Jan 2024 · 1 min read प्यासा के कुंडलियां (झूठा) झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय। रहते हैं वो साथ में, अंदर अंदर खाय।।। अंदर अंदर खाय, निराली बातें उसकी। हर बातों में उसे, छूटे है प्यारी मुस्की।। हो... Hindi · कुण्डलिया 158 Share Vijay kumar Pandey 18 Jan 2024 · 1 min read प्यासा के राम प्यारे मेरे राम सुनोना अबकी तो। गाता कैसा दास कहे ना तबकी तो। होना मेरा हास कहीं ना चुपके से देखो मेरे राम भुलो ना अबकी तो। रोते-रोते माह गये... Hindi · कविता 1 191 Share Vijay kumar Pandey 10 Jan 2024 · 1 min read "प्यासा"के गजल टुटेगा जब दिल ,वफा जान जाओगे। तोड़ने का फलसफा जान जाओगे। यूं हँसते नही तो अच्छा था मुझपे , इक दिन नुकसान नफा जान जाओगे। क्या होता है बढ़ती उम्र... Hindi · Gazal ग़ज़ल 1 177 Share Vijay kumar Pandey 10 Jan 2024 · 1 min read राम छोड़ ना कोई हमारे.. राम छोड़ ना कोई हमारे। चलती नईआ राम सहारे । मन जो हारे जगत पीड़ा से, एक राम ही हमें सम्हारे। राम छोड़ ना कोई हमारे। नाम जाप और भाव-... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता 1 165 Share Vijay kumar Pandey 10 Jan 2024 · 1 min read "प्यासा"-हुनर "प्यासा"-हुनर हुनर हीरा हुनर सोना ,बहुत सुंदर हुनर होना , हुनर के बिन! ,,सब अधूरा,है जरूरी हुनर होना । हुनर से हर एक सुन्दर ,हुनर का हर डेग सुन्दर, हुनर... Hindi · Quote Writer 1 226 Share Vijay kumar Pandey 2 Jan 2024 · 1 min read गाल बजाना ठीक नही है गाल बजाना ठीक नहीं है। यह जीने की लीक नही है। बातें अच्छी ही तुम बोलो इससे अच्छी सीख नहीं है। गाल बजाना ठीक नही है। सुन्दर बातें सुन्दर भाषा... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता 1 184 Share Vijay kumar Pandey 17 Mar 2023 · 1 min read हुनर पे शायरी छिपे हुनर तुझमें, पहचान हुनर को। कोशिशों से अपने , दे जान हुनर को। छायेगा इक दिन, सबके जुबान पे , वादा रहा मेरा तु मान हुनर को। ✍️ प्यासा... Hindi 1 788 Share Vijay kumar Pandey 11 Mar 2023 · 1 min read मयस्सर नहीं अदब.. मयस्सर नहीं अदब जहां आदमी के कद को। बराय छोड़ देना उस श़हर के सरहद को। जलना मोहाल होता चरागे लौ का पलभर, जहां हवा न होती या तोड़ी जाती... Hindi 1 245 Share Vijay kumar Pandey 11 Mar 2023 · 1 min read आदमी से आदमी.. आदमी से आदमी का हैरान होना। बतलाता बामुश्किल है इंसान होना। ✍️"प्यासा" Hindi 459 Share Vijay kumar Pandey 11 Mar 2023 · 1 min read "प्यासा"प्यासा ही चला, मिटा न मन का प्यास । "प्यासा"प्यासा ही चला, मिटा न मन का प्यास । ज्ञान प्रभा खद्योत सम, मिलता मन को काश।। ✍️" प्यासा " Hindi · Quote Writer 230 Share Vijay kumar Pandey 8 Mar 2023 · 1 min read होली के कुण्डलिया रंगों में यूँ प्रेम को, ऐसे डालो यार। मन को गुदगुद सा लगे होली का त्योहार।। होली का त्योहार, मनो तक ऐसे होले । हर रंगों की बूंद, बोल होली... Hindi · कुण्डलिया 395 Share Vijay kumar Pandey 21 Jan 2023 · 1 min read चराग बुझते ही..... चराग बुझते ही अंधेरा छा गया। कहे बिना खुद की हैसियत बता गया। समझ सके ना खुद की नादानियों को, जल के दे गया क्या बुझ के बता गया। --"प्यासा" Hindi · मुक्तक 1 334 Share Vijay kumar Pandey 21 Jan 2023 · 1 min read नववर्ष नई आशा, नूतन उल्लास, संघर्षरत तू अनवरत। हे कर्मवीर!तू कर्मरत, जीवन तू जीया समझ व्रत। मैं चला पुराना साल तुम्हें दे नववर्ष! तू जी सहर्ष, तू जी सहर्ष, तू जी... Hindi · कविता 203 Share Vijay kumar Pandey 20 Jan 2023 · 1 min read चार पैसे भी नही.. चार पैसे भी नही है पास अपने क्या करें? टूट कर बिखरे पड़े सब, आस -सपने क्या करें? शेष दिल में कुछ कहीं पे कर गुजरने का जूनुं, ले चला... Hindi · मुक्तक 262 Share Vijay kumar Pandey 20 Jan 2023 · 1 min read चार पैसे भी नही.... चार पैसे भी नही है,पास अपने क्या करें? टूट कर बिखरे पड़े सब, आस सपने क्या करें शेष दिल में कुछ कहीं पे, कर गुजरने का जूनुं, ले चला हमको... Hindi · मुक्तक 1 180 Share Vijay kumar Pandey 20 Jan 2023 · 1 min read तीन दोहे हारी पुस्तक पोथियां,जीत गया हथियार। ब्यर्थ तपस्या प्रेम का, ढूंढ रहा पतवार।।१। कविता रोटी दे नही, फिर भी कविता गान। कवि का कैसा रोग यह, करता नित हैरान।।२। "प्यासा"प्यासा क्यों... Hindi · दोहा 1 249 Share Vijay kumar Pandey 20 Jan 2023 · 1 min read कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं। ~प्यासा के ग़ज़ल~ ----------------- कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं। कुदरत से जो सीख मिले हैं अच्छे हैं। मौत की काली रातों से न डर जाना, आना जाना... Hindi · गजल · ग़ज़ल/गीतिका 1 526 Share Vijay kumar Pandey 20 Jan 2023 · 1 min read गजल आओ खुद को सम्हाल लेते हैं। हंस के नतीजे निकाल लेते हैं जिन्दगी होश में रहे तो अच्छा, बेकार में क्यों बवाल लेते हैं। उनकी हर बात अंधेरों वाली, हम... Hindi · गजल 2 264 Share Vijay kumar Pandey 20 Jan 2023 · 1 min read माँ (ममता की अनुवाद रही) हे माँ ! तेरी है छवि उच्च, जग भर के रिश्तेदारों में। तु देव तुल्य गंगा जल सी, बसती मानव संस्कारों में। है कहाँ कोई तेरे सम जो, अपने पद... Hindi · कविता 2 329 Share Vijay kumar Pandey 20 Jan 2023 · 1 min read माँ हे माँ ! तेरी है छवि उच्च, जग भर के रिश्तेदारों में। तु देव तुल्य गंगा जल सी, बसती मानव संस्कारों में। है कहाँ कोई तेरे सम जो, अपने पद... Hindi 198 Share Vijay kumar Pandey 19 Jan 2023 · 1 min read आनंद में सरगम.. आनंद में सरगम दोस्त होते हैं। कड़की में दरहम दोस्त होते हैं। बताती जोड़ी कृष्ण सुदामा की, हर दर्द में मरहम दोस्त होते हैं। --"प्यासा" Hindi · मुक्तक 246 Share Vijay kumar Pandey 15 Jan 2023 · 1 min read हौसला (हाइकु) हौसला हारे मंजिल ही पुकारे उठो दुलारे! (१) निराशाओं में हौसला बढाता सा कहीं कोई है! (२) --"प्यासा" Hindi 227 Share Vijay kumar Pandey 15 Jan 2023 · 1 min read बिखरा था बस.. कुतरा हुआ अंश बचा टूकड़ा था बस। खत्म थी खुशीयां केवल दुखड़ा था बस। गुजारे दौर ना मुकम्मल कभी गुजरे, सम्हलने में ही हरदम बिखरा था बस। --"प्यासा" Hindi · मुक्तक 298 Share Vijay kumar Pandey 8 Jan 2023 · 1 min read ~पिता~कविता~ पहचान पिता संतानों की, जो घर का बोझ उठाता है। बच्चों की इक मुस्कानों पर, अपना सर्वस्व लुटाता है। संस्कार,सभ्यता, मानवता, रग -रग में डाले प्यार करे। संघर्ष पिता का... Hindi · कविता · दोहा 1 281 Share