Vijay kumar Pandey Tag: कविता 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vijay kumar Pandey 11 Oct 2024 · 1 min read ये ताकत जो बक्सी तुझे कुदरत ने , नशे में न झोंको उबर जाओ भाई एक ग़ज़ल चले हम इधर तुम उधर जाओ भाई । चले हम घर तुम भी घर जाओ भाई। जो कहना हमें था सभी आदमी से, जिसे है सुधरना सुधर जाओ... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 25 Share Vijay kumar Pandey 8 Aug 2024 · 1 min read हँसता दिखना दर्द छुपाना हां मैं तुमसे -विजय कुमार पाण्डेय हँसता दिखना दर्द छुपाना हां मैं तुमसे सीख लिया। कैसे रहना क्या दिखलाना हां मैं तुमसे सीख लिया। *** बात मिलाई कुछ ना मैंने सब सीधा सब सादा है कहना... Hindi · कविता 68 Share Vijay kumar Pandey 6 Aug 2024 · 1 min read बिल्ली पर कविता -विजय कुमार पाण्डेय बिल्ली देखो देखो बिल्ली आई, इसके पास बहुत चतुराई। इसे शौक खाने -पीने की, मिले उड़ाती दूध मलाई ।०देखो- भागे फिरती इधर उधर यह, दिख जाती घर किसी डगर यह।... Hindi · कविता 1 51 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read भारतीय रेल (Vijay Kumar Pandey 'pyasa' सुखदाई और प्यारा रेल। कभी ना देखा हारा रेल। रेल सफर आसान बनाती । समझें इसे देश की थाती। सोचें जहां आपको जाना । इसका काम वहां पहुंचना। रेल न... Hindi · कविता 65 Share Vijay kumar Pandey 10 Feb 2024 · 1 min read हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा' हिन्दी पढ़ लो हिन्दी सीखो देश करो हिन्दीमय सारा । हिन्दी का नित ज्ञान बढ़ा लो, करो काम हिन्दी में सारा। हिन्दी बोलो पढ़ो क़िताबें । हिन्दी-बल जग हितकारी है... Hindi · कविता 2 125 Share Vijay kumar Pandey 7 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद) गगन सूरज चांद सभी धरा। जलज जीवन से सब जो बना। शलभ कीट-मकोड़ प्रजातियां । प्रकृति रूप सजी मिल घाटियां ।१। अचल से छँट सूरज रौशनी । बिटप पार करे... Hindi · कविता 1 107 Share Vijay kumar Pandey 30 Jan 2024 · 1 min read द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा" द्रुत विलम्बित छंद ( गणतंत्रता ) -'प्यासा सुखद है गणतंत्र सदा सदा। समझ लो यह मंत्र स्वतंत्रता। यह वही दिन वक्त विधान का। लिखित रूप मिला अधिकार का।।१ अब हमे... Hindi · कविता 1 142 Share Vijay kumar Pandey 25 Jan 2024 · 1 min read माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में.. #जयमाँ मां सरस्वती अन्तर्मन में, इक बार तु दर्शन दे दो मांँ। यह भाग्य मेरा सुधर जाये, मम मस्तक चंदन दे दो मांँ। मै आँख मे निज तुझे ढूँढूँ ,... Hindi · कविता 139 Share Vijay kumar Pandey 18 Jan 2024 · 1 min read प्यासा के राम प्यारे मेरे राम सुनोना अबकी तो। गाता कैसा दास कहे ना तबकी तो। होना मेरा हास कहीं ना चुपके से देखो मेरे राम भुलो ना अबकी तो। रोते-रोते माह गये... Hindi · कविता 1 191 Share Vijay kumar Pandey 10 Jan 2024 · 1 min read राम छोड़ ना कोई हमारे.. राम छोड़ ना कोई हमारे। चलती नईआ राम सहारे । मन जो हारे जगत पीड़ा से, एक राम ही हमें सम्हारे। राम छोड़ ना कोई हमारे। नाम जाप और भाव-... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता 1 165 Share Vijay kumar Pandey 2 Jan 2024 · 1 min read गाल बजाना ठीक नही है गाल बजाना ठीक नहीं है। यह जीने की लीक नही है। बातें अच्छी ही तुम बोलो इससे अच्छी सीख नहीं है। गाल बजाना ठीक नही है। सुन्दर बातें सुन्दर भाषा... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता 1 184 Share Vijay kumar Pandey 21 Jan 2023 · 1 min read नववर्ष नई आशा, नूतन उल्लास, संघर्षरत तू अनवरत। हे कर्मवीर!तू कर्मरत, जीवन तू जीया समझ व्रत। मैं चला पुराना साल तुम्हें दे नववर्ष! तू जी सहर्ष, तू जी सहर्ष, तू जी... Hindi · कविता 203 Share Vijay kumar Pandey 20 Jan 2023 · 1 min read माँ (ममता की अनुवाद रही) हे माँ ! तेरी है छवि उच्च, जग भर के रिश्तेदारों में। तु देव तुल्य गंगा जल सी, बसती मानव संस्कारों में। है कहाँ कोई तेरे सम जो, अपने पद... Hindi · कविता 2 330 Share Vijay kumar Pandey 8 Jan 2023 · 1 min read ~पिता~कविता~ पहचान पिता संतानों की, जो घर का बोझ उठाता है। बच्चों की इक मुस्कानों पर, अपना सर्वस्व लुटाता है। संस्कार,सभ्यता, मानवता, रग -रग में डाले प्यार करे। संघर्ष पिता का... Hindi · कविता · दोहा 1 281 Share