Umesh Kumar Sharma Tag: कहानी 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Umesh Kumar Sharma 21 Oct 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग १५ सन १९७३ में घर का दूसरी बार बँटवारा हुआ। पहली बार बड़े ताऊजी अलग हुए थे, जो मेरे जन्म से पहले की बात थी। उसका भी एक मजेदार किस्सा था,... Hindi · कहानी 3 2 295 Share Umesh Kumar Sharma 17 Sep 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग १४ तीज त्यौहारों में उनकी जान बसती थी। सावन की तीज पर तो उनका गांव में प्रसिद्ध झूला डलता था। घर के बाहर नीम के पेड़ ने अपनी चौथी भुजा ऊंची... Hindi · कहानी 3 317 Share Umesh Kumar Sharma 11 Sep 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग १३ वो किस्से , कहानियों और लोक मुहावरों की एक कोष ही तो थीं। उनकी किस्सागोई के सभी तलबगार थे घर में। रात के वक़्त खाना खाने के बाद हम बच्चे... Hindi · कहानी 4 4 690 Share Umesh Kumar Sharma 7 Sep 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग १२ दादी घर के पेड़ पौधों की भी माँ ही थीं। सारे उनके हाथ के ही लगाए हुए थे या फिर उनकी देख रेख में लगे थे। परिवार बढ़ने पर जब... Hindi · कहानी 2 8 458 Share Umesh Kumar Sharma 3 Sep 2020 · 8 min read फिल्मों का वो दौर सत्तर और अस्सी के वो दशक जो गांव में गुज़रे थे, उसमें फिल्में जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थीं। टेलिविजन उस समय न के बराबर थे और शुरू शरू में... Hindi · कहानी 4 6 664 Share Umesh Kumar Sharma 27 Aug 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग ११ चचेरी दीदी की शादी तय होनी थी। उनके लिए जब लड़का देखने झरिया गए, तो मैं भी गया था। बात पक्की करके जब ट्रेन से लौट रहे थे तो आद्रा... Hindi · कहानी 3 4 749 Share Umesh Kumar Sharma 24 Aug 2020 · 7 min read विजय भैया विजय भैया उर्फ बिज्जू भैया, बचपन में हमारे घर पर रहे। मेरी ताईजी उनकी बुआ लगती थी। मामाजी ने जमशेदपुर से हमारे यहां पढ़ने भेजा था। ये भी मजेदार बात... Hindi · कहानी 4 531 Share Umesh Kumar Sharma 23 Aug 2020 · 6 min read शिव कुमारी भाग १० अब तो वो पुश्तैनी घर वैसा नही रहा, पक्का मकान बन चुका है पर आँख बंद करते ही एक कच्चा मकान आज भी साफ साफ दिखाई देता है। घर की... Hindi · कहानी 3 4 387 Share Umesh Kumar Sharma 22 Aug 2020 · 3 min read शिव कुमारी भाग ९ दादी जब थोड़ी थोड़ी समझ मे आने लगी थी तो वो लगभग ८७-८८ वर्ष की हो चुकी थी, पूरा तो उनको दादाजी भी नहीं समझ पाए होंगे, वे भी आश्चर्यचकित... Hindi · कहानी 3 2 308 Share Umesh Kumar Sharma 21 Aug 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग ८ दादी ने कभी घड़ी नही पहनी। घड़ी पहन भी लेती तो भी उसमे लिखे अंक और संकेत वो समझ नही पाती। फिर भी समय की सुई उनके मस्तिष्क मे निरंतर... Hindi · कहानी 4 2 514 Share Umesh Kumar Sharma 20 Aug 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग ७ दादी को अपने पोते , पोतियों की अपेक्षा ज्यादा प्यारे थे। इस रूढ़िवादी विचारधारा से वो अछूती न रहीं। खुद एक औरत होकर भी वो इस मानसिकता से निकल नहीं... Hindi · कहानी 3 4 441 Share Umesh Kumar Sharma 19 Aug 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग ६ घर के बाहर दहलीज़ पर दादी की अदालत बैठती थी। मुहल्ले के एक हिस्से मे, मजदूरों और रिक्शेवालों की चंद झोपड़ियां थी। गरीब लोग पैसे की किल्लत मे गुज़ारा करते... Hindi · कहानी 6 6 283 Share Umesh Kumar Sharma 18 Aug 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग ५ दादी की कुशल चिकित्सा और तीमारदारी से मेरे चेचक के दाने सूखने लगे थे। मेरे खाने पीने का पूरा ख्याल रखती थी , बीच बीच मे चौके मे जाकर पता... Hindi · कहानी 3 3 308 Share Umesh Kumar Sharma 17 Aug 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग ४ मुझे जहाँ तक याद आ रहा है, दादी से मेरी पहली औपचारिक बात चीत मुझे जब चेचक निकली थी तब शुरू हुई थी। उस वक़्त मेरी उम्र तीन चार वर्ष... Hindi · कहानी 4 4 295 Share Umesh Kumar Sharma 16 Aug 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग ३ शिव कुमारी भाग ३ मेरी शिव कुमारी से मुलाकात 53 वर्ष पहले हुई थी। अब मैंने माँ के पेट से बाहर आकर सांस लेनी शुरू कर दी थी। पहली बार... Hindi · कहानी 2 2 397 Share Umesh Kumar Sharma 15 Aug 2020 · 6 min read शिव कुमारी भाग १ शिव कुमारी का जन्म राजस्थान के एक कस्बे राजगढ़(शार्दुलपुर) मे लगभग १३३ साल पहले हुआ था। पिता बजरंग लाल जी की ये लाड़ली बेटी एक दम दूधिया रंग की पैदा... Hindi · कहानी 2 654 Share Umesh Kumar Sharma 13 Aug 2020 · 9 min read मझली दीदी बचपन में माँ द्वारा दी जाने वाली अक्षरज्ञान की दीक्षा के असफल प्रयासों की हताशा के बाद जब उनकी ये चिंता प्रबल होने लगी कि उनका ये नालायक पुत्र शायद... Hindi · कहानी 5 2 654 Share Umesh Kumar Sharma 12 Aug 2020 · 3 min read क़तील शिफ़ाई संजय भाई अपने आप को साहित्यिक किस्म का इंसान समझते थे। इस वजह से दोस्तों मे उनका थोड़ा रौब और इज्जत भी थी। कोलकाता की बड़ाबाजार लाइब्रेरी मे उनका अक्सर... Hindi · कहानी 3 4 493 Share Umesh Kumar Sharma 11 Aug 2020 · 4 min read कालूराम बचपन में ये नाम रंग को देखकर उसके मामाजी ने मजाक मजाक में दे डाला था जो एक सफल व्यवसायी तो थे ही, साथ ही संगीत में भी निपुण थे।... Hindi · कहानी 3 4 669 Share Umesh Kumar Sharma 11 Aug 2020 · 4 min read विवेक भैया उनसे मेरी मुलाकात एक परिचित के माध्यम से हुई थी। वो उनके यहां अपनी शिक्षा के तहत अभ्यासिक प्रशिक्षण ले रहा था। विवेक भैया की अपनी एक वाणिज्यिक परामर्श सेवा... Hindi · कहानी 2 4 528 Share Umesh Kumar Sharma 8 Aug 2020 · 7 min read अमूल्य बाबू अमूल्य बाबू अपने आप में एक शिक्षा संस्थान थे। गांव से निकले अधिकांश होनहार छात्र उनके मार्गदर्शन और ट्यूशन क्लास से होकर ही किसी न किसी वक़्त में गुज़रे ही... Hindi · कहानी 4 6 992 Share Umesh Kumar Sharma 7 Aug 2020 · 8 min read बाल उद्यमी बिज्जू मेरी चचेरी बहन का लड़का बिज्जू(विजय) बचपन में ही हमारे यहाँ रहने आ गया था। दीदी जब मायके आयी तो बड़ों ने कहा इसे यहीं रहने दो। यहाँ और भी... Hindi · कहानी 5 10 454 Share Umesh Kumar Sharma 6 Aug 2020 · 5 min read पानीपत की तीसरी लड़ाई दो चचेरे भाई एक ही घर में पले बढ़े ।उम्र में भी कोई चार पांच महीनों का ही फर्क होगा। एक बिल्कुल गोरा चिट्टा तो दूसरा साँवला पर आँख नाक... Hindi · कहानी 2 2 646 Share Umesh Kumar Sharma 5 Aug 2020 · 5 min read शिल्पी दी शिल्पी दी को पहली बार नज़दीक से हॉस्पिटल रोड में अपनी एक महिला मित्र के साथ टहलते देखा था। लंबी सी फ्रॉक पहने , दुबला पतला शरीर, गोरा रंग, धूप... Hindi · कहानी 3 2 528 Share Umesh Kumar Sharma 2 Aug 2020 · 3 min read दादी के हाथ की चाय साल में एक आध बार, जब कभी माँ या ताई जी के हाथ की बनी चाय को बेस्वाद कह कह कर दादी जब पूरी तरह से ऊब जाती, तो अचानक... Hindi · कहानी 3 6 685 Share Umesh Kumar Sharma 30 Jul 2020 · 3 min read प्रेम ऐसा भी घर से कुछ दूर मजदूरी करने वाले और रिक्शाचालक छोटी छोटी झोपड़ियों में रहते थे। बचपन में रोज घर के सामने से गुजरती वो दिख ही जाती थी बनठन कर... Hindi · कहानी 3 2 451 Share Umesh Kumar Sharma 20 Jul 2020 · 3 min read मेरे घर का कुआँ हमारे घर के पिछले हिस्से में एक छोटा सा कुआँ था। चूंकि उसका पानी मीठा नहीं था, इसलिए हम उसके जल को पीने में तो इस्तेमाल नहीं करते थे, पर... Hindi · कहानी 6 8 235 Share Umesh Kumar Sharma 18 Jul 2020 · 5 min read जुआरियों की बस्ती ये शीर्षक आपको शायद अज़ीब लगे। मेरा गाँव को जुआरियों की बस्ती भी कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। जब से होश संभाला था ताश के पत्तों को पहचानने लगा... Hindi · कहानी 4 5 785 Share