Umender kumar Tag: मुक्तक 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Umender kumar 3 Oct 2022 · 1 min read तुन्हे क्या कहे अब हम तुम्हें क्या, कहे तुम्हारी फितरत ही ऐसी है फूलों की महक तो देते हों, मगर उससे पहले कटीले झाड़ो से रूबरू कराते हो.. Hindi · मुक्तक 194 Share Umender kumar 26 Sep 2021 · 1 min read मैं ऐसा हु हम मीठे के सौदागर नहीं , यहां नीम के पत्ते मिलते हैं...... उमेंद्र कुमार Hindi · मुक्तक 286 Share Umender kumar 21 Sep 2021 · 1 min read नमक मुझे शिकायत है नमक से जो मेरे जखमों पर नहीं लगते..... उमेन्द्र कुमार Hindi · मुक्तक 432 Share Umender kumar 27 Aug 2021 · 1 min read सूरज का गर्व सूरज को भी आज अपने चांद पर गर्व है, कि , धरती वाले चांद आज मेरी जान को देखते हैं, और मेरी जान से दुआ मांगते हैं, कि , उनके... Hindi · मुक्तक 1 263 Share Umender kumar 25 Aug 2021 · 1 min read हम तो खाली हाथ थे लुटा कर बैठा महफिल में था सब अपना, क्या पता था, लूटने वाले फिर भी ना छोड़ेंगे... गम इस बात का नहीं के लुटे को लूट लिया, अफसोस रहा के,... Hindi · मुक्तक 4 462 Share Umender kumar 16 Aug 2021 · 1 min read "वक्त“ मत दो मुझे, "वक्त“ मत दो मुझे, मशगूल रहने दो जरा भी "वक्त" मिला तो मैं नहीं रहूंगा किसी की याद में ... उमेंद्र कुमार Hindi · मुक्तक 3 2 290 Share Umender kumar 16 Aug 2021 · 1 min read मैं शहंशाह हूं हम " दर्द ए शहंशाह ए आलम“ एलान करते हैं जहां के सारे दर्दो को हमारे महल में जमा करा दिया जाए हम एक-एक कर उनसे रूबरू होंगे... उमेंद्र कुमार Hindi · मुक्तक 2 2 309 Share Umender kumar 13 Aug 2021 · 1 min read घमंड बेल समान बेल हो बेल ही रहना, ऊपर चढ़ने की इजाजत क्या दे दी अपने दरख़्त समझने लगे..... अक्सर मौसम बदलने के साथ बेले बदल जाया करती है.. उमेंद्र कुमार Hindi · मुक्तक 2 341 Share Umender kumar 13 Aug 2021 · 1 min read हम मतलबी ना हो पाए बड़ा अफसोस है हमें, के हम उन शब्दों की तरह ना हो पाए जिन के दो मतलब निकलते हैं... उमेंद्र कुमार Hindi · मुक्तक 2 315 Share Umender kumar 7 Aug 2021 · 1 min read उसकी खुशी में मेरी खुशी लोग कहते हैं इतनी शिद्दत के साथ वह तुम्हें सुनाता है और तुम इतनी ही मासूमियत के साथ सुनते रहते हो, मैंने कहा, वह अपनी इसमें खुशी समझता है, मैं... Hindi · मुक्तक 2 439 Share Umender kumar 6 Aug 2021 · 1 min read हम पत्थर दिल ही सही अगर तू समझे हम पत्थर दिल है तो भी कोई अफसोस नहीं, मगर याद रखना, नदियों के स्त्रोत पत्थरों के पहाड़ हुआ करते हैं उमेंद्र कुमार Hindi · मुक्तक 2 338 Share Umender kumar 5 Aug 2021 · 1 min read वक्त वक़्त एक सा नहीं रहता । बदलते वक़्त से कुछ तो मिला और कुछ खोया भी। घड़ी में वक़्त आज भी वही है जो उस वक़्त था। मगर आज वो... Hindi · मुक्तक 1 421 Share Umender kumar 5 Aug 2021 · 1 min read धन के संबंध धन, मुद्रा, संपदा .. सब संबंधों का आधार है, बगैर इसके सब संबंध निराधार है... ^^ ज्यादा धन ज्यादा संबंध, कम धन अकेला जीवन....^^ उमेंद्र कुमार Hindi · मुक्तक 2 472 Share