त्रिलोक सिंह ठकुरेला Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid त्रिलोक सिंह ठकुरेला 24 Apr 2022 · 1 min read मुकरियाँ उससे सटकर, मैं सुख पाती। नई ताजगी मन में आती। कभी न मिलती उससे झिड़की। क्या सखि, साजन? ना सखि, खिड़की। जैसे चाहे वह तन छूता। उसको रोके, किसका बूता।... Hindi · कविता 321 Share त्रिलोक सिंह ठकुरेला 28 Aug 2016 · 1 min read कब आओगे अनगिनत दुःशासन चीरहरण करते वसुधा का, आँचल रोज सिमटता जाता, मधुसूदन, तुम कब आओगे ? कालियदह हर घाट बन गया भारत की सारी नदियों का, पग-पग पर विषधर-समूह जीवन-सरिता में... Hindi · कविता 1 418 Share त्रिलोक सिंह ठकुरेला 28 Aug 2016 · 1 min read देश हमारा सुखद, मनोरम, सबका प्यारा। हरा, भरा यह देश हमारा॥ नई सुबह ले सूरज आता, धरती पर सोना बरसाता, खग-कुल गीत खुशी के गाता, बहती सुख की अविरल धारा। हरा, भरा... Hindi · कविता 1 1k Share