त्रिभवन कौल Tag: कविता 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid त्रिभवन कौल 18 Nov 2018 · 1 min read मंथन आयु के अंतिम पड़ाव पर एक छोर पर खड़ी एक ज़िन्दगी इतिहास बनने को उत्सुक दुविधा में पड़ी मंथन कर रही है क्या दिया है उसने संसार को उसके ज़िंदा... Hindi · कविता 12 9 848 Share त्रिभवन कौल 11 Oct 2018 · 1 min read नया युग, नयी औरत नया युग, नयी औरत ----------------------- क्रोध भरी नज़रों से न देखो मुझे दोष का भागीदार न बनाओ मुझे तुमने प्यार को समझा सौदा या क़रार भावनाहीन व्यक्ति को कभी हुआ... Hindi · कविता 3 2 350 Share त्रिभवन कौल 20 Jul 2018 · 1 min read भारत मेरा महान " हिन्दू पाकिस्तान ! " "हिन्दू तालेबान !" बड़बोलों का देश बना यह भारत मेरा महान ? एक "पड़ोसी अच्छा " कहता ! दूजा " जाओ पाकिस्तान " ! भारत... Hindi · कविता 2 600 Share त्रिभवन कौल 20 May 2018 · 1 min read नव विवाहिता मादक धरती मादक अम्बर मादकता से भरपूर चमन मादक कर्ण की लौ भी है मादक होंठों का प्यारा मिलन मदमस्त फ़िज़ा मदमस्त पवन मदमस्त हैं होंठ मदमस्त नयन मदमस्त यह... Hindi · कविता 2 644 Share त्रिभवन कौल 1 Apr 2018 · 5 min read बाल गीतिका (१८ बाल कविताओं का संग्रह ) बाल गीतिका/ त्रिभवन कौल अनुक्रमणिका १. नन्हा चूहा भागा दौड़ा २ छोटा टौमी दुम हिलाए ३ पिंजरे का तोता ४ नानी अम्मा लाइन में खड़ी ५ बिल्ली मौसी ६ मेमने... Hindi · कविता · बाल कविता 1 727 Share त्रिभवन कौल 11 Mar 2018 · 1 min read कश्मीरी युवाओं के नाम-एक पैगाम उस माँ से आज़ादी मांग रहे, जिस माँ ने तुमको जन्म दिया उस माँ से आज़ादी चाह रहे, जिस माँ का तुमने दूध पिया आज़ादी का शब्द नाद अरे आज़ादी... Hindi · कविता 727 Share त्रिभवन कौल 8 Mar 2018 · 1 min read नमन है तुझको नारी , मेरा नमन (विश्व नारी दिवस के उपलक्ष्य में ) नमन है तुझको नारी, मेरा नमन सलाम तमाम नारीत्व को तुम लक्ष्मी की अवतार दुर्गा की प्रतीक सरस्वती सी आदर्श मूर्ती धन-धान्य, साहस एवं विद्या की दात्री ओ नारी, सृजन... Hindi · कविता 345 Share त्रिभवन कौल 16 Feb 2018 · 1 min read पर्यटन ज़िंदगी, लहरों से खेलती चेतावनियों की उपेक्षा करती पर भंवर की क्षुधा से बचते हुए लहरों के उतार चढ़ाव को झेलती दुःख ,भ्रम उम्मीदों, आकांक्षाओं का बोझा लिए समुन्दर में... Hindi · कविता 266 Share त्रिभवन कौल 14 Jan 2018 · 1 min read एक महानगर पेड़ों के झुण्ड, खम्बों की कतारें सीमेंटेड सड़क,बेशुमार कारें ठिठुरते बदन, थिरकते होंठ जोर का ठहाका,भूख की दौड़ I झूमते मदहोश, अधनंगे बदन सीने से चिपकाए, खोखले स्तन स्टार कल्चर,... Hindi · कविता 582 Share त्रिभवन कौल 30 Dec 2017 · 1 min read कविता जो मन में है वह लिखती हूँ जो लिखती हूँ वह बोलती हूँ जो बोलती हूँ वह सत्य है जो सत्य है वह निर्विवाद है जो निर्विवाद है वह ईश्वर... Hindi · कविता 577 Share त्रिभवन कौल 24 Dec 2017 · 1 min read स्वप्न हे स्वप्न सुंदरी आती हो बार बार कर नव श्रृंगार हे नीलांभरी देखूँ मैं तुमको बारम्बार हे श्वेतांभरी तुम गगन की परी उतरी धरा पर ऐसे श्वेत हंसनी आयी हो... Hindi · कविता 527 Share त्रिभवन कौल 5 Dec 2017 · 1 min read ज़हर ज़हर ज़हर ज़हर ज़हर जीव बना ज़हर ज़हर जिधर देख ज़हर ज़हर सुबह शाम यहाँ ज़हर ज़हर ज़हर ज़हर ज़हर ज़हर ज़हर ज़हर ज़हर। पानी ज़हर हवा ज़हर सांसों साँस... Hindi · कविता 422 Share त्रिभवन कौल 27 Nov 2017 · 1 min read मन मन ----- मन कभी चंचल, कभी स्थिर कल्पनाजनित भ्रमजाल उत्पन करता आशा,निराशा,अपेक्षाओं और व्याकुलताओं का मायाजाल बुनता हुआ, कभी सत्य को मिथ्या और मिथ्या को सत्य में परिवर्तित करता यह... Hindi · कविता 1 1 526 Share त्रिभवन कौल 24 Nov 2017 · 1 min read बेचारा आम आदमी गाँधी जी के तीन बंदर तीनो मेरे अन्दर कुलबुलाते हैं बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो पर देखता हूँ, सुनता हूँ, कहता हूँ. क्यों ? क्यूंकि मैं... Hindi · कविता 447 Share