तेजवीर सिंह "तेज" 106 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next तेजवीर सिंह "तेज" 5 Jun 2017 · 1 min read ?? विश्व पर्यावरण दिवस ?? ?पर्यावरण ? व्यथित हुआ पर्यावरण, देख मनुज की चाल। जितने किये उपाय हैं, उतने बढ़े सवाल।। मनुज न हो जब तक यहाँ, जीव-जगत का मीत। तब तक तरसें तरुण तरु,... Hindi · दोहा 213 Share तेजवीर सिंह "तेज" 31 May 2017 · 1 min read ?माता-पिता? ?? *मुक्तक* ?? ?बह्र - 1222 1222 1222 1222? ?????????? अभागे लोग होते हैं पिता-माँ को सताते हैं। कभी भी चैन जीवन में न वे दिन-रात पाते हैं। मुसीबत जान... Hindi · मुक्तक 309 Share तेजवीर सिंह "तेज" 29 May 2017 · 1 min read श्रीराम..... ? श्रीराम गुणगान ? राम नाम सुंदर सरस,मेटत है जग ताप। श्रीहरी विष्णु रूप कौ,पावन पुण्य प्रताप। पावन पुण्य प्रताप,भरत-सी राखौ प्रीती। सब विधि हो कल्याण,निभाते रघुपति रीती। अनुपम भरत-मिलाप,जीव... Hindi · कुण्डलिया 325 Share तेजवीर सिंह "तेज" 29 May 2017 · 1 min read श्रीराधे की ड्यौढ़ी..... ?? जय जय श्रीराधे ?? ?????????? कछु नेह आपकौ अद्भुत है, कछु किरपा है महारानी की। कछु सद्जन कौ सत्संग मिल्यौ, कछु महर यमुन के पानी की। कछु भाव उजागर... Hindi · कविता 264 Share तेजवीर सिंह "तेज" 29 May 2017 · 1 min read ख़्वाहिश..... ?? मुक्तक ?? ?????????? फ़क़त इतनी सी ख़्वाहिश थी वतन के काम आता सर। तिरंगे का कफ़न होता गर्व से उठ ही जाता सर। लहू पानी है जो ना काम... Hindi · मुक्तक 222 Share तेजवीर सिंह "तेज" 26 May 2017 · 1 min read ? श्रीराधे चिंतन ? ? श्रीराधे चिंतन ? ????????? टेर-टेर बांसुरी सौं स्वामिनी रिझावत है यमुना के तीर खड्यौ मंद-मंद करै शोर। चितवत चितचोर चंद्रकांत चँहुओर राधे कूं देख तुरत भाव सौं भयौ विभोर।... Hindi · घनाक्षरी 259 Share तेजवीर सिंह "तेज" 22 May 2017 · 1 min read ?? जल संरक्षण ?? ?? जल संरक्षण ?? जल-संकट है धरा पर,लो इसको पहचान। जल का रक्षण सभी करें,तभी बचेगी जान। तभी बचेगी जान,विकास हेतु जल-सीढ़ी। गर ना मानो बात , लुप्त हो जाएँ... Hindi · कुण्डलिया 272 Share तेजवीर सिंह "तेज" 20 May 2017 · 1 min read ? अन्नदाता किसान..... ? ? क्षणिकाएँ ? जाड़ा गर्मी वर्षा सहके श्रम-स्वेद में नितप्रति बहके अन्न उगाकर करता दान पर-उपकारी हुआ "किसान"। ????????? तप रहा तन भट्टियों सा कर रहा फिर भी श्रमदान धन्य... Hindi · कविता 631 Share तेजवीर सिंह "तेज" 17 May 2017 · 1 min read ?हास्य-साली है फ़िल्मी चित्रहार.... ???????? साली है फ़िल्मी चित्रहार, बहुरंगी-सी पिचकारी है। मदभरी चाल जब चलती है, अच्छे-अच्छों को भारी है। पत्नी तो ढोल बेसुरा सा, बेढंगा राग बजाती है। खाने से भरता पेट... Hindi · कविता 1k Share तेजवीर सिंह "तेज" 17 May 2017 · 1 min read ? हास्य जीजा-साली ? जीजा-साली कुण्डलिया ????????? जीजा-साली सों कहे,सुन ले देकर ध्यान। कह दे अपनी बहन ते,करै मेरौ सम्मान। करै मेरौ सम्मान,मान कें पति-परमेश्वर। मेरे नाज उठाय,त्याग दे अपने तेवर। बीबी बोली घाघ,... Hindi · कुण्डलिया 1k Share तेजवीर सिंह "तेज" 15 May 2017 · 1 min read ? माँ के साथ...माँ के बाद... ? दो मुक्तक ? *माँ के साथ* मिली माँ मुझको सजदे में कभी जब भी हुई देरी। सदा लेकर के पहलू में छुपा दीं गलतियाँ मेरी। मैं माँ के "तेज"... Hindi · मुक्तक 571 Share तेजवीर सिंह "तेज" 15 May 2017 · 1 min read ?व्हाट्सअप बजमारौ.....? ?? ? व्हाट्सअप?? व्हाट्सप बजमारौ खाय रह्यौ खून मेरौ पढें नाय छोरा-छोरी कह रई मइया। खुद रात बारै बजे भावना की गंग बीच गोतन लगाती भई दिख रई दइया। प्रातः... Hindi · घनाक्षरी 300 Share तेजवीर सिंह "तेज" 14 May 2017 · 1 min read मातृशक्ति को नमन् ?? माँ ?? ?????????? *माँ* ममता मूरत मधुर,माँ मधुरिम मनुहार। सार सदा सतसत्य सा,शरण सकल संसार। बेशक़ ग़म पर्वत रहें, *माँ* ना खाये खार। पाठ पढ़ा के धैर्य का, करती... Hindi · दोहा 1 303 Share तेजवीर सिंह "तेज" 14 May 2017 · 1 min read ? मातृ वंदना ? ? मातृ वंदना ? ???मधुशाला छंद??? ?????????? *माँ* ममता-मय मंत्र मोहिनी,मधुरिम मंगल मनका है। सुख-समृद्धि *शक्ति* सरूपा,सुंदर सुलभ सुजनका है। भरण भाव भारी भर-भरके,भव्य भवन भरवाती है। जब-जब जीवन जागा... Hindi · कविता 625 Share तेजवीर सिंह "तेज" 12 May 2017 · 1 min read ? दिव्य राधा-कृष्ण रास.....? ?? मनहरण घनाक्षरी ?? ?????????? दिव्य राधा-कृष्ण रास' ब्रजवास सिद्ध आस देव जहां करें वास ? दर्श हेतु आइये।? देवभूमि हिंद धरा प्रकृति का कोष हरा कृषकों की धरती पे... Hindi · घनाक्षरी 257 Share तेजवीर सिंह "तेज" 12 May 2017 · 1 min read ⌚⌚ वक्त ⌚⌚ ?? वक्त ?? ?????????? "वक्त को वक्त मिला जब भी" तब वक्त ने वक्त पे ली अंगड़ाई। वक्त पे वक्त निकाला नहीं तो वक्त से वक्त की देना दुहाई। 'वक्त... Hindi · कविता 628 Share तेजवीर सिंह "तेज" 12 May 2017 · 1 min read ? खोल गिरह की गांठ जरा.....? ??? ग़ज़ल ??? ????????? खोल गिरह की गांठ जरा, अपने दिल में झांक जरा। दुनियां का दस्तूर न देख, गम को खूंटी टांक जरा। अहम किसी से ना टकरा, बचा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 292 Share तेजवीर सिंह "तेज" 10 May 2017 · 1 min read प्रेम गरल का प्याला..... ?? गीत ?? ?????????? जान-बूझकर पी बैठे हम प्रेम-गरल का प्याला जी। *पत्थर से टकराके दिल को पत्थर ही कर डाला जी।* मन्दिर मस्जिद गिरजा देखा उसमें कभी शिवाला जी।... Hindi · गीत 301 Share तेजवीर सिंह "तेज" 10 May 2017 · 1 min read ? बुद्ध पूर्णिमा की अनंत शुभकामनाएं ? महात्मा बुद्ध धर्म नीति न्याय प्रीति के अनौखे सार को। लुंबिनी पावन हुई पाकर परम् अवतार को। जन्म माया ने दिया माँ गौतमी ने प्यार भी। जनक शुद्धोधन ने किये... Hindi · कविता 1 1 533 Share तेजवीर सिंह "तेज" 9 May 2017 · 1 min read ?महाराणा प्रताप जयंती? ? वीर शिरोमणि *महाराणा प्रताप जन्म दिवस* की अनंत शुभकामनाएं। ? ?? शुद्ध गीता छंद ?? ?शिल्प विधान ? प्रति चरण में 27 मात्राएँ, 14,13 मात्रा पर यति, आदि में... Hindi · कविता 282 Share तेजवीर सिंह "तेज" 9 May 2017 · 1 min read ? हौसलों की उड़ान? ?? *हौसलों की उड़ान* ?? ?????????? ए परिंदे ! डर रहा क्यों *हौसलों की उड़ान* से। अभी तो दो-दो हाथ करने हैं तुझे असमान से। पूछ लेना *"ऐ हवाओ! क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 591 Share तेजवीर सिंह "तेज" 7 May 2017 · 1 min read पथिक तुम चलते रहना रे! ?पथिक तुम चलते रहना रे! ?????????? पथिक तुम चलते रहना रे! रस्ता रोकें विकट हवाएँ। चारों ओर घोर तम छाए। मौसम कितना भी भरमाए। डट के रहना रे! पथिक तुम... Hindi · गीत 871 Share तेजवीर सिंह "तेज" 7 May 2017 · 1 min read ? शाकाहारी बनो...? ?? मनहरण घनाक्षरी ?? ? शिल्प- 8887 लघु गुरु ? ?????????? प्रकृति ने मानव को रूप दिया *शाकाहारी* *नख-दन्त अंतड़ी हैं* *शाकाहारी* देखिए। मार-मार जीव-जन्तु मुरदे पकाते-खाते जीभ के ही... Hindi · घनाक्षरी 448 Share तेजवीर सिंह "तेज" 5 May 2017 · 1 min read मांसाहार छोड़कर,शाकाहारी बनो..... ? विनम्र निवेदन ? ?? मनहरण घनाक्षरी ?? ? शिल्प- 8887 लघु गुरु ? मांसाहार छोड़कर शाकाहारी बनें सभी मानवीय गुण हेतु करिए प्रयास जी। गऊ सेवा गऊ ग्रास करते... Hindi · घनाक्षरी 434 Share तेजवीर सिंह "तेज" 5 May 2017 · 1 min read ? ब्रजरज ? ?? ब्रज के दोहे ?? ????????? ब्रजरज सों कट जात हैं,भव-सागर के फंद। राधे जू की कृपा सों,मिल जाएं ब्रजचंद।। ब्रजरज है पावन परम,माथे लीजै धार। पाप-ताप पल में कटें,है... Hindi · दोहा 1 392 Share तेजवीर सिंह "तेज" 5 May 2017 · 1 min read ? बेटी का चिंतन ? ???बेटी का चिंतन ??? ?????????? जीवन की पुस्तक में ढूंढे रिश्तों की परिभाषा। *बेटी* बनना चाहे सबके जीवन की अभिलाषा। पाती है चंहुओर घोर तम हानि-लाभ की आशा। हाय विधाता... Hindi · गीत 282 Share तेजवीर सिंह "तेज" 29 Apr 2017 · 1 min read ?? हास्य ? गीत ?? ?? हास्य ? गीत ?? इस *दिले नादान* ने मुझपे कहर बरपा दिया। वो मिली-बिछड़ी औ गम का टोकरा थमा दिया। फिर मिली वो बाद अरसा और हमें भरमा दिया।... Hindi · गीत 333 Share तेजवीर सिंह "तेज" 29 Apr 2017 · 1 min read अक्षय तृतीया पर्व ? आज की साधना ? ??? जलहरण घनाक्षरी ??? ? शिल्प - 8888 चरणान्त लघु लघु? परम् प्रदाता पुण्य पावन पुनीत पर्व परै जु *प्रदोष-पुष्ट* मिल जाय शुभ फल। प्रथम... Hindi · घनाक्षरी 449 Share तेजवीर सिंह "तेज" 28 Apr 2017 · 1 min read ?भगवान परशुराम? ???मनहरण घनाक्षरी??? ?????????? मिलते हैं *कभी-कभी* पितृ-भक्त धरा पर पितृ आज्ञा काट लेत जननी के शीश कूं। परशु को धार कर हर-हर नाद कर क्षत्रिय विहीन धरा बार इक्-कीस कूं।... Hindi · घनाक्षरी 386 Share तेजवीर सिंह "तेज" 25 Apr 2017 · 2 min read शब्द-विद्रोह-सुकमा नक्सली हमला..... ?सुकमा (छत्तीसगढ़) में नक्सलवादियों द्वारा किये गए हमले में हुई सैन्य-क्षति का विरोध करने हेतु उपजा शब्द-विद्रोह!!!) हिन्द धरा के इतिहासों में जुड़ गयी नई कहानी है। नक्सलवाद हुआ दुखदाई... Hindi · कविता 292 Share तेजवीर सिंह "तेज" 24 Apr 2017 · 1 min read ?? गौ वंदन ?? वन्दे गौ मातरम्!!! ???????? "शंकर और विष्णु बसत जाके सींगन में, उदर विशाल कार्तिकेय कौ निवास है। मस्तक में ब्रह्मा ललाट बसे रूद्र जाके, कानन की कोर बसे अश्विनी कुमार... Hindi · कविता 310 Share तेजवीर सिंह "तेज" 21 Apr 2017 · 1 min read ?बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ? ?? जलहरण घनाक्षरी ?? ?????????? *बेटियां बचाओ* और *बेटियां पढ़ाओ* सब बेटियों पे टिका जग बेटी है परम् धन। कोख में जो बेटी हो तो कभी न उजाड़ें कोख सृजन... Hindi · घनाक्षरी 309 Share तेजवीर सिंह "तेज" 20 Apr 2017 · 1 min read ??गीत?? ? तर्ज - तुम्हारी नजरों में हमने देखा..... ??????????… ??गीत?? ? तर्ज - तुम्हारी नजरों में हमने देखा..... ?????????? मोहक छवि के दरश को मोहन, प्यासी अंखियाँ तरस रही हैं। विरह की बदरी हृदय पे छाईं सावन - भादों... Hindi · गीत 461 Share तेजवीर सिंह "तेज" 20 Apr 2017 · 1 min read माँ-बाप ? मुक्तक ? ?????????? *तमन्ना* के भंवर में हर कोई गोते लगाता है। कोई आँसू बहाता है तो कोई मुस्कुराता है। पहाड़ों-सा मिले सम्बल किनारा *तेज* धारा में। जो सर... Hindi · मुक्तक 387 Share तेजवीर सिंह "तेज" 20 Apr 2017 · 1 min read मैं मिलन गीत लिख-लिख के गाता रहा... ?विधा - गीत ? विषय - मिलन ? ?लय - स्वतन्त्र? ?????????? अक्स दिल में बसा और लुभाता रहा। एक तूफान सा आता - जाता रहा। मेरे ख्वाबों - खयालों... Hindi · गीत 282 Share तेजवीर सिंह "तेज" 20 Apr 2017 · 1 min read गीत-मोहक छवि के दरश को मोहन... ?विधा - गीत ? ? तर्ज - तुम्हारी नजरों में हमने देखा..... ?????????? मोहक छवि के दरश को मोहन, प्यासी अंखियाँ तरस रही हैं। विरह की बदरी हृदय पे छाईं... Hindi · गीत 742 Share तेजवीर सिंह "तेज" 16 Apr 2017 · 1 min read पत्थरबाजों की शामत..... ??? मनहरण घनाक्षरी ??? शिल्प - 8-8-8-7 ?????????? सेना कौ नयौ प्रयोग ख़ुशी अति भये लोग सब दोऊ हाथन ते तालियां बजा रहे। बांध जो चले हो आप जीप पर... Hindi · घनाक्षरी 305 Share तेजवीर सिंह "तेज" 16 Apr 2017 · 2 min read सेना का गौरव..... ?घाटी की विषम परिस्थिति तथा सैनिकों के अपमान का विरोध करती रचना।? ???????????????????? भारत देश महान हमारा हर कोई यहाँ स्वतन्त्र हुआ। लूला-लंगड़ा अंधा-बहरा ये सरकारी तन्त्र हुआ। छला गया... Hindi · कविता 306 Share तेजवीर सिंह "तेज" 16 Apr 2017 · 2 min read क़तरा-क़तरा लहू..... ??? सैनिकों के सम्मान को समर्पित रचना ??? ???????????????????? क़तरा-क़तरा लहू टपकता *भारत माँ* की आँखों से। कलम आज अंगार उगलती नापाकी एहसासों से। हिन्द-धरा से भूल हुई क्या जो... Hindi · कविता 552 Share तेजवीर सिंह "तेज" 8 Apr 2017 · 1 min read हास्य व्यंग्य ?? हास्य व्यंग्य ?? विधा-गीत लय-स्वतन्त्र ?विषय - ये है यूपी पुलिस.....? ?????????? बचो रोमियो वरना भर देगी भुस। तेरी जूलियट हो सकेगी न खुश। किसी हाल में भी न... Hindi · गीत 376 Share तेजवीर सिंह "तेज" 7 Apr 2017 · 1 min read जान को मेरी.... ??? ग़ज़ल ??? बह्र - 212 - 212 - 212 - 212 ?????????? जान को मेरी अब यूँ निकालो न तुम। आज सीने से मुझको लगा लो न तुम। गश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 292 Share तेजवीर सिंह "तेज" 7 Apr 2017 · 1 min read ग़ज़ल ?????????? दुश्मनी भी न हम से निभाई गई। ये नज़र जब नज़र से मिलाई गई। चाक हैं दिल-जिगर नैन में नीर है। दिल्लगी ना किसी से बताई गई। मैं सलाई... Hindi · कविता 324 Share तेजवीर सिंह "तेज" 23 Mar 2017 · 1 min read शहीद दिवस ? अमर शहीदों को शत्-शत् नमन् ? ???????????????????? भगतसिंह सुखदेव राजगुरु,क्रांतिवीर निराले थे । आजादी के महा-समर में,कूद पड़े मतवाले थे। कांप उठे थे राजतन्त्र,गोरों की चूल लगीं हिलने। गंगा-जमना-सरस्वती... Hindi · कविता 426 Share तेजवीर सिंह "तेज" 22 Mar 2017 · 1 min read प्रीत का रंग भरो सजनी..... ?????????? गए बीत दिवस जाने कितने,जाने कितनी बीतीं रजनी। मेरे इस नीरस जीवन में,निज प्रीत का रंग भरो सजनी। अंतर की नीरस वादी को,तुम प्रेम-पगी हरियाली दो। उर के इस... Hindi · कविता 478 Share तेजवीर सिंह "तेज" 22 Mar 2017 · 1 min read जल ही कल है 'जल' जीवन है 'जीवन-जल',कह दिया कहने वालों ने। जीवन को महफूज रखा है,अब तक पोखर-तालों ने। जल का दोहन बहुत किया है,समर पम्प के जालों ने। स्रोतों को जी-भरके दोहा,खुद... Hindi · कविता 1 337 Share तेजवीर सिंह "तेज" 21 Mar 2017 · 1 min read मातृभूमि वन्दन ? विश्व कविता दिवस पर *मातृभूमि वन्दन*? ?????????? जम्बूद्वीप के भरतखण्ड में, "आर्यावर्त महान" है। आज धरा पर जिसकी अपनी, एक अलग पहचान है। दुनियां के परिदृश्य बदल गए,इसकी शान... Hindi · कविता 938 Share तेजवीर सिंह "तेज" 21 Mar 2017 · 1 min read मातृभूमि वन्दन ? विश्व कविता दिवस पर *मातृभूमि वन्दन*? ?????????? जम्बूद्वीप के भरतखण्ड में, "आर्यावर्त महान" है। आज धरा पर जिसकी अपनी, एक अलग पहचान है। दुनियां के परिदृश्य बदल गए,इसकी शान... Hindi · कविता 1 1k Share तेजवीर सिंह "तेज" 16 Mar 2017 · 1 min read मेरा हमदम आज..... ?? ग़ज़ल ?? ?????????? मेरा हमदम आज मुझको वो निशानी दे गया। टूटती साँसों को जैसे ज़िंदगानी दे गया। प्यार का प्यासा पथिक मरुथल में था भटका हुआ। झील-सी आँखें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 304 Share तेजवीर सिंह "तेज" 3 Mar 2017 · 1 min read ? ब्रज की होरी ? ?? ब्रज की होरी ?? ?????????? अरे कान्हा नै कर दई होरी, मैं पकर रंग में बोरी।...2 एक दिना धौरे-दौहपर,मेरे घर में घुस आयौ। रंग-पिचकारी लिए हाथ में,ग्वाल-बाल संग लायौ।... Hindi · गीत 340 Share तेजवीर सिंह "तेज" 3 Mar 2017 · 1 min read ? बेटी ? ?? मुक्तक ?? शर्त लगी थी एक शब्द में, लिखनी हैं जग की खुशियाँ । मैंने तो "बेटी" लिख डाला, करके अपना दर्द बयाँ। जग की सब नेमत हैं जिसके,धूल... Hindi · मुक्तक 269 Share Previous Page 2 Next