sushil sarna 547 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sarna 6 Sep 2021 · 2 min read लौट भी आओ न .... लौट भी आओ न .... लौट भी आओ न देखो ! प्रतीक्षा की सीढ़ियों पर साँझ उतरने लगी है भोर अपने वादे से मुकरने लगी है आँखों की मुट्ठियों से... Hindi · कविता 5 4 453 Share sushil sarna 12 Jan 2024 · 1 min read ये कैसा घर है. . . . ये कैसा घर है .... ये कैसा घर है जहां सब बेघर रहते हैं दो वक्त की रोटी उजालों की आस हर दिन एक सा और एक सी प्यास चेहरे... 2 88 Share sushil sarna 23 Feb 2024 · 1 min read झुर्री-झुर्री पर लिखा, झुर्री-झुर्री पर लिखा, जीवन का संघर्ष । जरा अवस्था देखती , मुड़ कर बीते वर्ष ।। सुशील सरना /23-2-24 Quote Writer 2 79 Share sushil sarna 1 Jun 2017 · 1 min read स्पर्श .... स्पर्श .... क्षण भर के आलिंगन का संसार मुझे तुम लौटा दो रजनी के एकांत पलों की झंकार मुझे तुम लौटा दो नैन पटों में नयनों का अनुरोध जो अब... Hindi · मुक्तक 1 250 Share sushil sarna 14 Jun 2017 · 1 min read अमर कलम ... अमर कलम ... चलो आओ अब सो जाएँ अश्रु के सीमित कणों में खो जाएँ घन सी वेदना के तिमिर को कोई आस किरण न भेद पाएगी पाषाणों से संवेदहीन... Hindi · कविता 1 2 268 Share sushil sarna 5 Aug 2017 · 1 min read क्षणभंगुर ... क्षणभंगुर ... क्षणभंगुर इस जीवन का कहाँ कोई ठिकाना है l हर कदम पे उलझन में लिपटा एक फ़साना है l हो सका न मुक्त कभी आदि , अंत की... Hindi · मुक्तक 1 576 Share sushil sarna 13 Aug 2017 · 1 min read तिनका तिनका.... तिनका तिनका.... तिनका तिनका करके आशियाना बनाया जाता ..है l कतरा कतरा मोहब्बत से दिल को सजाया जाता है l राज दिल के खोल न दे कहीं सावन ये ...आँखों... Hindi · मुक्तक 1 464 Share sushil sarna 24 Aug 2017 · 1 min read अंतिम घट ... अंतिम घट ... हर आदि का ..अंत ..है मरघट l हर देह ..का ..मरघट ..पनघट l जिस तट बंधी नाव .श्वासों ..की - प्राणपथिक का वही अंतिम घट l सुशील... Hindi · मुक्तक 1 406 Share sushil sarna 11 Oct 2023 · 1 min read तन्हा खड़ी हूँ … … तन्हा खड़ी हूँ…. उस दिन जब तुमने मेरे काँधे पर अपना हाथ रखा था कितने ख़ुशनुमा अहसास मेरे ज़हन में उतर आये थे लगा भटकी कश्ती को जैसे साहिलों ने... Hindi 1 106 Share sushil sarna 24 Oct 2023 · 1 min read दशहरा पर्व पर कुछ दोहे : दशहरा पर्व पर कुछ दोहे. . . . सदियों से लंकेश का, जलता दम्भ प्रतीक । मिटी नहीं पर आज तक, बैर भाव की लीक।। सीता ढूँढे राम को, गली-गली... 1 137 Share sushil sarna 19 Nov 2023 · 1 min read दोहा कर्मठ अपने कर्म का, सदा निभाता धर्म । धर्म- कर्म परिणाम का, ज्ञानी जाने मर्म ।। सुशील सरना / 19-11-23 1 160 Share sushil sarna 19 Nov 2023 · 1 min read दोहा मुक्तक संकेतों के हो गए, जब पूरे दस्तूर । लाज लजीली हो गई, बांहों में मजबूर । साँसों की सरगोशियाँ, तन्हाई का शोर - दौर समर्पण का चला, मद में तन... 1 142 Share sushil sarna 23 Nov 2023 · 1 min read बे-आवाज़. . . . बे-आवाज़ ... छू लिया था फ़लक को मौन शमशान में एक तन्हा जलते हुए जिस्म के धुऐं ने रोने वाली कोई आँख साथ न थी शायद कोई लावारिस था या... 1 2 131 Share sushil sarna 24 Nov 2023 · 1 min read माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . . माँ को अर्पित कुछ दोहे : .......... कण - कण में है सृष्टि के , माँ के चारों धाम। बिन माँ के संसार में, कहीं नहीं विश्राम।। हौले -हौले गोद... 1 104 Share sushil sarna 27 Dec 2023 · 1 min read दोहा उल्फ़त की रुख़सार पर, अश्क लिखें तहरीर । दर्द भरी तन्हाइयाँ , इसकी है तासीर ।। आँसू, आहें, हिचकियाँ, उल्फ़त के अंजाम । तन्हा बीते दिन यहाँ, तन्हा बीते शाम... 1 63 Share sushil sarna 2 Jan 2024 · 1 min read माँ ....लघु कथा माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है । मम्मी को बेहोशी का फिट आ गया । अब नाश्ता वहीं कर लूँगा ।" "राहुल... 1 115 Share sushil sarna 10 Jan 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . शीत दोहा त्रयी. . . मौसम आया पोष का, लगे भयंकर शीत । मुख से निकले प्रीत के, कंपित सुर में गीत ।। लो धरती पर हो गया , शीत धुंध... 1 76 Share sushil sarna 10 Jan 2024 · 1 min read जाने क्यूँ .... जाने क्यूँ आज मुझे मेरी परछाईं में दर्द की लहर नज़र आई पहचान गई वो शायद मेरी हंसी के झूठ को सुशील सरना / 1 69 Share sushil sarna 12 Jan 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . दोहा त्रयी. . . कितना किसको क्या कहें, लगते सभी सुजान । ज्ञान बाँटना आजकल, जैसे हो अपमान ।। अर्थ आवरण में छुपी, अपनों की पहचान । सुख -दुख सब... 1 104 Share sushil sarna 18 Jan 2024 · 1 min read मौन सभी मौन सभी दंडित हुए प्रतिबन्ध खंडित हुए रोम रोम पर देह के स्पर्श स्वर मंडित हुए सुशील सरना Quote Writer 1 95 Share sushil sarna 19 Jan 2024 · 1 min read मैं .... मैं .... मैं कल भी ज़िंदा था आज भी ज़िंदा हूँ और कल भी ज़िदा रहूंगा । फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि मैं कल गर्भ था आज देह हूँ कल... 1 117 Share sushil sarna 20 Jan 2024 · 1 min read खामोश अवशेष .... खामोश अवशेष ... गोली बारूद धुआँ चीत्कार रक्तरंजित गर्द में डूबा अन्धकार शून्यता इस पार भी और उस पार भी बिछ गयी लाशें हदों के इस पार भी और हदों... 1 107 Share sushil sarna 23 Jan 2024 · 1 min read मेरे अंतस में ...... मेरे अंतस में .... कौन मेरी हथेली की लकीरों में आसमान लिख गया स्मृति मेघ की बूंदों से मन विहग के संचित सारे अरमान लिख गया मैं देखती रही अपलक... 1 69 Share sushil sarna 31 Jan 2024 · 1 min read पंछी पंछी ग़म के जाते नहीं और ख़ुशी के लौट कर आते नहीं आशियानों में सुशील सरना31-1-24 Quote Writer 1 90 Share sushil sarna 3 Feb 2024 · 1 min read मनमुटाव अच्छा नहीं, मनमुटाव अच्छा नहीं, आपस में ऐ मित्र । किस पल बदले क्या खबर , जीवन अपना चित्र ।। सुशील सरना / 3-2-24 Quote Writer 1 89 Share sushil sarna 8 Feb 2024 · 1 min read उधार ... उधार ... लम्बे अंतराल के बाद मिले भी तो किसी अजनबी की तरह इक दूजे को देखा थोड़ा सा मुस्कुराए और चुका दिया उधार इंतज़ार का सुशील सरना/8-2-24 Quote Writer 1 55 Share sushil sarna 22 Feb 2024 · 1 min read गौण हुईं अनुभूतियाँ, गौण हुईं अनुभूतियाँ, क्षीण हुए सम्बंध । नाम मात्र की रह गई, रिश्तों की बस गंध ।। सुशील सरना / 22-2-24 Quote Writer 1 72 Share sushil sarna 22 Feb 2024 · 1 min read जीवन में ऐश्वर्य के, जीवन में ऐश्वर्य के, साधन हुए अनेक । अर्थ दौड़ में खो गया, मानव धर्म विवेक ।। सुशील सरना / 22-2-24 Quote Writer 1 99 Share sushil sarna 22 Feb 2024 · 1 min read ब्रांड. . . . ब्रांड ... बिखरे बाल हाथ में झोला कई जगह से पैबंद लगा कुर्ते का चोला न जाने ऊपर वाले को क्या सूझा कि पत्नी के अखाड़े में पति को पेल... 1 59 Share sushil sarna 23 Feb 2024 · 1 min read मन मर्जी के गीत हैं, मन मर्जी के गीत हैं, मन मर्जी के छन्द । वेद पुराणों का भला, कहाँ मिले मकरंद ।। सुशील सरना / 23-2-24 Quote Writer 1 64 Share sushil sarna 23 Feb 2024 · 1 min read जीवन भर चलते रहे, जीवन भर चलते रहे, मिली न मन की ठाँव । मिली ठाँव तो हो गया, मौन देह का गाँव ।। सुशील सरना / 23-2-24 Quote Writer 1 106 Share sushil sarna 24 Feb 2024 · 1 min read केशों से मुक्ता गिरे, केशों से मुक्ता गिरे, अधर लगें अंगार । श्वेत वसन से झाँकता, उसका रूप अपार ।। सुशील सरना / 24-2-24 Quote Writer 1 76 Share sushil sarna 28 Feb 2024 · 1 min read मिथ्या इस संसार में, अर्थहीन सम्बंध। मिथ्या इस संसार में, अर्थहीन सम्बंध। देह घरोंदा जीव का, साँसों का अनुबंध । रिश्ते नातों के यहाँ, आभासी हैं रंग - कर्मों की संसार में, पीछे रहती गंध ।... Quote Writer 1 64 Share sushil sarna 28 Feb 2024 · 1 min read मुस्कानों की बागानों में मुस्कानों की बागानों में कभी- कभी उग आती है दर्द की खरपतवार आंसूओं की बरसात से सुशील सरना-/28-2-24 Quote Writer 1 65 Share sushil sarna 28 Feb 2024 · 1 min read हो जाती है साँझ हो जाती है साँझ कभी कभी साँझ से पहले घुट जाती है उम्मीद जब साँसों से पहले सुशील सरना/ Quote Writer 1 76 Share sushil sarna 29 Feb 2024 · 1 min read मित्र भेस में आजकल, मित्र भेस में आजकल, मिलते सब अय्यार । मीठे बनकर यह सदा, करें पीठ पर वार ।। सुशील सरना / 29-2-24 Quote Writer 1 80 Share sushil sarna 29 Feb 2024 · 1 min read दुम कुत्ते की कब हुई, दुम कुत्ते की कब हुई, सीधी मेरे यार । विषधर कितना भी करो, मारेगा फुफकार ।। सुशील सरना / 29-2-24 Quote Writer 1 81 Share sushil sarna 29 Feb 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया मनमानी किसकी चली, उसके आगे मित्र । वो जीवन के खींचता, चलते फिरते चित्र । चलते फिरते चित्र ,समझ ना कुछ भी आया । उस दाता के खेल, अजब... Quote Writer 1 72 Share sushil sarna 4 Mar 2024 · 1 min read बड़ी अजब है प्रीत की, बड़ी अजब है प्रीत की, इस जग में तासीर । भीगी रहती याद में, नैनों की प्राचीर ।। सुशील सरना / 4-3-24 Quote Writer 1 68 Share sushil sarna 4 Mar 2024 · 1 min read हुई नैन की नैन से, हुई नैन की नैन से, थोड़ी सी तकरार । टाल न पाए नैन की, नैन मधुर मनुहार ।। सुशील सरना / 4-3-24 Quote Writer 1 51 Share sushil sarna 4 Mar 2024 · 1 min read कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध । कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध । देह क्षुधा के दौर में, प्रेम हुआ निर्गंध ।। सुशील सरना / 4-3-24 Quote Writer 1 58 Share sushil sarna 4 Mar 2024 · 1 min read सच्ची मौत सच्ची मौत झूठा क्रन्दन थी मिलावट रिश्तों में सुशील सरना Quote Writer 1 60 Share sushil sarna 5 Mar 2024 · 1 min read बातें करते प्यार की, बातें करते प्यार की, करें न सच्चा प्यार । इस स्वार्थी संसार में, सब मतलब के यार ।। सुशील सरना / 5-3-24 Quote Writer 1 76 Share sushil sarna 5 Mar 2024 · 1 min read जिंदगी जिंदगी जीती रही जिंदगी के लिए मिट जाने के बाद भी निर्जीव फ्रेम की कैद में सुशील सरना / 5-3-24 Quote Writer 1 53 Share sushil sarna 8 Mar 2024 · 1 min read अजब तमाशा जिन्दगी, अजब तमाशा जिन्दगी, करती है दिन-रात । थोड़ी सी देती खुशी, ढेरों दे आघात ।। सुशील सरना Quote Writer 1 46 Share sushil sarna 8 Mar 2024 · 1 min read हिन्दी पर हाइकू ..... हिन्दी पर हाइकू ..... हिन्दी में बात अग्रेजी अनुवाद वक्त बर्बाद अपनी हिंदी हिन्दुस्तान का ताज विश्व को नाज अपनी भाषा पर भाषा से प्यारी अंग्रेजी हारी सुशील सरना / Quote Writer 1 58 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read कर्मों के परिणाम से, कर्मों के परिणाम से, गाफिल क्यों इंसान । ऐसे जीता जिंदगी, जैसे हो भगवान ।। सुशील सरना / 10-3-24 Quote Writer 1 27 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read भौतिक युग की सम्पदा, भौतिक युग की सम्पदा, कब देती आराम । अर्थ पाश में जिंदगी , भटके चारों याम ।। सुशील सरना / 10-3-24 Quote Writer 1 64 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read नश्वर तन को मानता, नश्वर तन को मानता, अजर -अमर परिधान । बस में समझे साँस को, यह दम्भी इंसान ।। सुशील सरना / 10-3-24 Quote Writer 1 55 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read साथ चली किसके भला, साथ चली किसके भला, अर्थ दम्भ की शान। खाक चिता पर हो गई, इंसानी पहचान ।। सुशील सरना 10-3-24 Quote Writer 1 50 Share Page 1 Next