Sushila Joshi 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sushila Joshi 31 Jul 2022 · 5 min read लेख : प्रेमचंद का यथार्थ मेरी दृष्टि में -मुंशी प्रेमचंद का यथार्थ मेरी दृष्टि में ..... ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ मुंशी प्रेमचंद की जब भी कोई विधा पढ़ने को मिली ,उसमें मुझे भारत ही नही सम्पूर्ण धरा का यथार्थ नजर आया... Hindi · निबंध 3 422 Share Sushila Joshi 19 Dec 2022 · 2 min read आलेख : सजल क्या हैं क्या हैं सजल? सजल आज एक साहित्यिक विधा है जिसका अवतरण साहित्य में आज से चार वर्ष पूर्व हुआ और जिसकाश्रेय पूर्ण रूप से मथुरा निवासी डिग्री कालेज से सेवानिवृत... Hindi 1 701 Share Sushila Joshi 5 Aug 2022 · 1 min read नवगीत एक नवगीत,,.... कोई कृष्ण न आएगा ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ सम्हल द्रौपदी शस्त्र उठा अब कोई कृष्ण न आएगा ।। वो द्वापर था कृष्ण संग था तेरा कर्ज चुकाया था सहस्त्र चीर दे... Hindi 321 Share Sushila Joshi 5 Aug 2022 · 1 min read नव गीत एक नवगीत,,.... कोई कृष्ण न आएगा ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ सम्हल द्रौपदी शस्त्र उठा अब कोई कृष्ण न आएगा ।। वो द्वापर था कृष्ण संग था तेरा कर्ज चुकाया था सहस्त्र चीर दे... Hindi 3 9 292 Share Sushila Joshi 17 Jul 2022 · 1 min read कविता : व्रीड़ा व्रीड़ा खोया स्वत्व दिवा ने अपना अंतरतम पीड़ा जागी। घूँघट नैन छिपाए तब ही धड़कन में व्रीड़ा जागी। अधर कपोल अबीर भरे-से सस्मित हास लुटाती-सी। सतरंगी-सी चूनर ओढ़े द्वन्द विरोध... Hindi 3 7 293 Share Sushila Joshi 24 Oct 2022 · 2 min read दीपावली :दोहे ¥ दीपावली ¥ ^^^^^^^^^^^^^^^^ घोर अमावस तमस में, मने दिवाली पर्व । आसमान से उतर कर, तारे आये सर्व ।।1।। दीपावली की रात में, हुआ तम है निढाल । छोटे... Hindi 394 Share Sushila Joshi 18 Aug 2022 · 1 min read कविता 1 $--कविता --$ मन के भाव ललित हो जाएं एक छंद बनती है कविता । किसी भाव के शूल गड़े तो नवल बंध गढ़ती है कविता ।। भावो का अतिरेक... Hindi 1 231 Share Sushila Joshi 11 Aug 2022 · 1 min read रक्षा बंधन :दोहे दोहे--रक्षाबंधन 1--रक्षाबंधन रीत है, सिंधुघाटी अधार । एक कबीली रीत जो , बदली चुनरी धार ।। 2---अलक्षेन्द्र पत्नी बना,राजा पुरु सम्राट । पल में ही रण टल गया, राजा बना... Hindi 1 210 Share Sushila Joshi 23 Oct 2022 · 1 min read नवगीत---- जीवन का आर्तनाद जीवन का आर्तनाद पिघला लो पथराए मन को फिर सुन जीवन का आर्तनाद ।। कधि प्राकृतिक कधि नैसर्गिक अंतर्मन में अंकुर विनाश आसन्न समय के चेहरे पर युग वत्सलता का... Hindi · गीत 1 218 Share Sushila Joshi 10 Aug 2022 · 1 min read सजल : तिरंगा भारत का 59---- सजल पदान्त---- अता समान्त---- देख तिरंगा भारत का मात्रा भार ---30 आसमान से बातें करता देख तिरंगा भारत का। तूफानों से खेला करता देख तिरंगा भारत का। तेज हवा... Hindi 1 177 Share Sushila Joshi 23 Oct 2022 · 1 min read नवगीत: ऐसा दीप कहाँ से लाऊँ कहाँ से लाऊँ ? ऐसा दीप कहाँ से लाऊँ ।। तमस नाश करता है दीपक रोग शोक हरता है दीपक पीर हरे जो किसी दीन की ऐसा दीप कहाँ से... Hindi 2 169 Share Sushila Joshi 27 Jul 2022 · 1 min read सजल *एक सजल* पदान्त --- आते समान्त --लिखूँ न लिखूँ मात्रा भार --21 तनिक बताओ वे बातें लिखूँ न लिखूँ। मैं मृत्यु से मुलाकातें लिखूँ न लिखूँ।। रात रोती रही चंदा... Hindi 131 Share Sushila Joshi 22 Dec 2022 · 1 min read नवगीत नवगीत --१ बन गए हैं सभी विवादी ^^^^^^^^^^^^^^^ जीवन का अवलम्बन बन कर बन गए हैं सभी विवादी ।। द्वार बंद हैं सब नीड़ों के कराहती रहती साँसे कई दिनों... Hindi 146 Share Sushila Joshi 21 Jul 2022 · 2 min read घनाक्षरी --- वेणु-वादन प्रसंग वेणु-वादन प्रसंग से --- घनाक्षरी (१) देवलोकी देवियाँ भी , मुरली की धुन सुन, देवलोक बैठी बैठी , सुध-बुध खोवे हैं । कोई होवे मूर्छित तो, कोई प्रिय मिलन की... Hindi 114 Share