सूर्येन्दु मिश्र 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सूर्येन्दु मिश्र 19 Jan 2022 · 1 min read जब भी मैं लिखने जाता हूं जब भी मैं लिखने जाता हूँ मन सतरंगी हो जाता है मधुमास में जब कोयलिया बैठ अमवा की डाली पर कुछ मीठे बोल सुनाती है पपीहरा मैं बन जाता हूं... Hindi · कविता 2 307 Share सूर्येन्दु मिश्र 21 Jan 2022 · 1 min read गरजते ये बादल आज काले बादल यूँ गर्जना कर रहे है नाराज से हैं वो कुछ वर्जना कर रहे हैं यूँ बेवक्त उनका आना कुछ तो बात होगी बहती हवा नें शायद कुछ... Hindi · मुक्तक 2 288 Share सूर्येन्दु मिश्र 20 Jan 2022 · 1 min read दूर क्षितिज के नीचे दूर क्षितिज के नीचे जब सूरज कहीं छिप जाता है पंक्षीगण चुप हो जाते है अन्धेरा घना छा जाता है चांद निकलता तिमिर चीरकर वह तारों संग रास रचाता है... Hindi · कविता 1 1 185 Share सूर्येन्दु मिश्र 14 Jun 2022 · 1 min read विषय-पिता विधा-कविता वह शख्श पिता होता है.. जीना जो हमें सिखाएं खुद जज्बात दफ़न कर जो सख़्ती से पेश आए खुद गम सारे पी कर हमेशा जो मुस्कुराए पहन के टूटी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता · पिता 6 3 188 Share