सुरेश्वर मद्धेशिया 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुरेश्वर मद्धेशिया 6 Nov 2018 · 1 min read ऐसी दीवाली पावन ज्योति पर्व संध्या में, हमसब ऐसे दीप जलायें मिटा तिमिर तन-मन के जन का, जीवन में उजियारा फैलायें दीप से दीप जलाकर हम, दीपों में यह भाव जगायें साथ... Hindi · कविता 3 1 534 Share सुरेश्वर मद्धेशिया 6 Nov 2018 · 1 min read माँ वर्णनातीत है माँ पर लिखना बहुत ही कठिन है, सोच नहीं पा रहा हूँ क्या लिखूँ माँ को जमीं लिखूँ कि आसमां लिखूँ ...नहीं... माँ पर कुछ ना लिखूँ.... माँ तो स्वयं... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 21 755 Share