Sureshpal Jasala 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sureshpal Jasala 29 Jul 2016 · 1 min read ***द्विपदी *** (१) जिन्दादिली के साथ जीना ही जिन्दगी है , वरना मुर्दों की कमी नहीं है इस शहर में । (२) खोदकर पहाड़ निकाली थी एक चुहिया, देखते ही देखते उसे... Hindi · शेर 5 1 748 Share Sureshpal Jasala 29 Jul 2016 · 1 min read *****दोहे***** (१) धरम करम के सार को, रहे कृष्ण जी सींच । राजनीतिक के व्याल को, रक्खा मुट्ठी भींच ।। (२) धडक-धडक करता जिया, रोते नित ये नैन । जातपाँत के... Hindi · दोहा 2 635 Share Sureshpal Jasala 28 Jul 2016 · 1 min read ***** एक मुक्तक : श्रृंगारिक दर्शन ***** ***** एक मुक्तक : श्रृंगारिक दर्शन ***** एक तरफ तो अर्द्ध नग्नता थी, एक तरफ था पूर्ण लिबास, मन की आँखें अर्द्ध नग्नता पर, दिल ये पूजे पूर्ण लिबास, मन... Hindi · मुक्तक 498 Share Sureshpal Jasala 28 Jul 2016 · 1 min read **** नमन करगिल के वीरों को ***** **** नमन करगिल के वीरों को ***** करगिल के वीर जवानें का , दिल से अभिनंदन करते हैं, जान हथेली पर रखकर जो , कभी नहीं क्रन्दन करते हैं, हर-हर... Hindi · मुक्तक 1 1 508 Share Sureshpal Jasala 28 Jul 2016 · 1 min read ***** मुक्तक : फाँसी दो ***** ***** मुक्तक : फाँसी दो ***** जो पाकिस्तान से हमदर्दी रखते ,,,,,उनको तो बस फाँसी दो, जो पाकिस्तान का झंड़ा लहराते ,,,, उनको भी बस फाँसी दो, जो देश द्रोही... Hindi · मुक्तक 713 Share Sureshpal Jasala 13 Jul 2016 · 1 min read ***** "काश्मीर की कली" की घाटी ***** ***** काश्मीर की कली की घाटी ***** अलगाववादियों के सँग में, जो आतँकी नृतन करती है, ''काश्मीर की कली'' की घाटी, अब देखो क्रन्दन करती है, धरा का स्वर्ग होती... Hindi · मुक्तक 562 Share Sureshpal Jasala 11 Jul 2016 · 1 min read *** मुक्तक : धारा परिवर्तन माँग रही *** *** मुक्तक : धारा परिवर्तन माँग रही *** आतंकी जब भी मरते हैं, घाटी सड़कों पर आती है , रक्षा करते जो वीर वहाँ, उनका ही खून बहाती है ,... Hindi · मुक्तक 1 683 Share Sureshpal Jasala 9 Jul 2016 · 1 min read *** मुक्तक : क्यूँ आतंकी प्यारे लगते *** ** मुक्तक : क्यूँ आतंकी प्यारे लगते ** क्यूँ आतंकी प्यारे लगते बद्जुबानी नेता को , मृत्यु का फरमान सुना दो अब गद्दारी नेता को, जान गँवाते वीरों का ये... Hindi · मुक्तक 2 804 Share Sureshpal Jasala 7 Jul 2016 · 1 min read ** नव मुक्तक ** ***** मुक्तक ***** हम धर्म के मर्म को जानें, नफरत की पीडा को जानेंं, गीता बाइबिल कुरान ग्रन्थ की, आत्मा को भी हम जानें, मानवता पर जो थूक रहे, उन... Hindi · मुक्तक 649 Share Sureshpal Jasala 6 Jul 2016 · 1 min read वर्ण पिरामिड और सिंहावलोकनी दोहा मुक्तक यह मेरी नवविधा है - ''वर्ण पिरामिड'' ************* [इसमे प्रथम पंक्ति में -एक ; द्वितीय में -दो ; तृतीया में- तीन ; चतुर्थ में -चार; पंचम में -पांच; षष्ठम में- छः;... Hindi · Sahitya Kaksha · लेख 21 8 1k Share Sureshpal Jasala 6 Jul 2016 · 3 min read मात्राभार गणना ( विस्तृत ) मात्राभार गणना ( विस्तृत ) ********************* मात्रा आधारित छंदमय रचनायें लिखने के लिए मात्रा या मात्राभार की गणना का ज्ञान होना अति आवश्यक है ,,,,आओ इस ज्ञान- विज्ञान को जाने... Hindi · Sahitya Kaksha · लेख 11 11 15k Share Sureshpal Jasala 6 Jul 2016 · 1 min read **** मुक्तक **** **** मुक्तक **** माँ की कृपा की छाया बस , सबके ऊपर बनी रहे ; मधुर प्यार-स्नेह की वर्षा ,सदा सभी पर बनी रहे ; जो भी कष्ट हो जीवन... Hindi · मुक्तक 380 Share Sureshpal Jasala 1 Jul 2016 · 2 min read ***हम तो कबूतर शांति पथ के*** ***हम तो कबूतर शांति पथ के*** [मुहावरों का प्रयोग] **************************************** हम तो कबूतर शांति पथ के ,क्यूँ उल्लू हमको घूर रहे। मानवता है धर्म हमारा , वो मानवता से दूर... Hindi · कविता 1k Share Sureshpal Jasala 1 Jul 2016 · 1 min read नवविधा - ''वर्ण पिरामिड' ((((((****यह मेरी नवविधा है - ''वर्ण पिरामिड''****))))) [इसमे प्रथम पंक्ति में -एक ; द्वितीय में -दो ; तृतीया में- तीन ; चतुर्थ में -चार; पंचम में -पांच; षष्ठम में- छः;... Hindi · कविता 2 802 Share Sureshpal Jasala 1 Jul 2016 · 1 min read गीतिका = रोना आता है गीतिका = रोना आता है मात्राभार= 24 प्रति पंक्ति समान्त =आ / पदान्त = रोना आता है ***************************** टूट रहा श्रम का कन्धा ,रोना आता है ; कानून बना है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 371 Share Sureshpal Jasala 1 Jul 2016 · 1 min read **** भीषण गर्मी **** **** भीषण गर्मी **** यूँ गर्मी का रंग चढ़ा ,उल्का सी पड़ी है आँगन में । रुष्ठ हुए हैं इन्द्रदेव ,आग लगी है सावन में ।। उत्पात मचा था उष्ण... Hindi · कविता 799 Share Sureshpal Jasala 1 Jul 2016 · 2 min read ---------मानवता का दीप -------- ---------मानवता का दीप -------- उगते सूरज का मैं मन से ,अति अभिनन्दन करता हूँ-- सप्त अश्व पर चढ़कर आता ,उसका वंदन करता हूँ-- पवन देव की मधुर सुगंध का ,ये... Hindi · कविता 1 754 Share Sureshpal Jasala 1 Jul 2016 · 2 min read *******वीर जवानों की गाथायें ******* *******वीर जवानों की गाथायें ******* वीर जवानों की गाथायें,तुमको आज सुनाता हूँ ; तूफानों में डटे रहे जो ,उनको शीश झुकता हूँ ; कर्मपथ के वे अनुरागी ,मैं तो उनका... Hindi · कविता 1 2k Share