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अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
रूसवाइयांँ¹ मिलेगी, बे_क़दर, बे_नूर हो जाओगे,
_सुलेखा.
उदासियाँ भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
_सुलेखा.
उदासियाँ भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
_सुलेखा.
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
_सुलेखा.
जीना है तो ज़माने के रंग में रंगना पड़ेगा,
_सुलेखा.
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
_सुलेखा.
यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?
_सुलेखा.
यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?
_सुलेखा.
हर शय¹ की अहमियत होती है अपनी-अपनी जगह
_सुलेखा.
छोटी-छोटी बातों से, ऐ दिल परेशाँ न हुआ कर,
_सुलेखा.
दिल में उम्मीदों का चराग़ लिए
_सुलेखा.
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
_सुलेखा.
मरना बड़ी बात नही जीना बड़ी बात है....
_सुलेखा.