_सुलेखा. Tag: कविता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid _सुलेखा. 18 Mar 2024 · 1 min read अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह गु़रूर खाक़ हो जाएंगे एक रोज़ बनराई की तरह मजार में इतर चढ़ा या मस्जिद में फातिहा पढ़ मंदिर में दिया जला... Hindi · कविता 87 Share