Surabhi bharati Tag: कविता 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Surabhi bharati 21 Aug 2021 · 1 min read "सुबह की चाय" बड़ी दिलचस्प कहानी है चाय की कि शादी के अगले दिन ही जब पतिदेव ने अपने हाथों से बनी चाय दी तो उस चाय ने हर चाय को मात दी... Hindi · कविता 452 Share Surabhi bharati 16 Jul 2021 · 2 min read मेरी परी मेरी प्यारी परी सच मे तुम परी ही थी जब तुम्हारी आने की दस्तक हुई हमसे ज्यादा खुश कोई नही था तुम्हारे आने से पहले झूला ले लिया था हमने... Hindi · कविता 1 679 Share Surabhi bharati 13 Jul 2021 · 2 min read "किरदार" मैं एक hosewife हूँ , अपने घर के सारे काम खुद करती हूँ घर के काम से मेरा मतलब सिर्फ घर के कामो से ही हैं जिसमे शामिल होता है... Hindi · कविता 1 4 276 Share Surabhi bharati 11 Jul 2021 · 1 min read "पापा का जन्मदिन" पापा को कभी नही हैं जन्मदिन मनाने का शौक, पर था ऐसा भी नही की हो कोई रोक... पापा से मुझे जन्मदिन पर कई तोहफे मिले, कभी कलाई घडी कभी... Hindi · कविता 2 213 Share Surabhi bharati 20 Jun 2021 · 1 min read "बचपन से देखा है पापा को" बचपन से देखा है पापा को बचत करते हुए सोचती थी की क्या हो जायेगा अगर दो चार ज्यादा खर्च हुए... बचपन से देखा है पापा को हमको सुबह उठाते... Hindi · कविता 3 2 527 Share Surabhi bharati 20 Jun 2021 · 1 min read "पिता" वो जानता है की वो सख्त हैं छोटी छोटी शाखाओ से झुका हुआ दरख्त हैं, वो जानता है की वो नही दिखा पता माँ की तरह अपनापन थोड़ा सा उसमे... Hindi · कविता 3 4 544 Share Surabhi bharati 30 May 2021 · 1 min read राखी बांधना छोड़ दे यू अच्छा नही लगाता तेरा बार बार घर आना, पति से लड़कर बच्चो को साथ लाना l माँ पापा है जब तक तो देख लेंगे, हमसे मत रखना उम्मीद की... Hindi · कविता 5 4 308 Share Surabhi bharati 21 May 2021 · 1 min read "चाय दिवस की शुभकमनाये" हाँ मुझे चाय सुकुन थी बचपन मे जब परीक्षा होती थी तब चाय ही उन सर्द रातो का सहारा होती थी हाँ मुझे चाय सुकुन देती है आज भी जब... Hindi · कविता 1 343 Share Surabhi bharati 18 May 2021 · 1 min read "बरसती आंखे" बरसात होती हैं आँखो से , जब एक औरत की उलाहना होती है... बरसात होती हैं आँखो से, जब उसका बनाया खाना उसके ससुराल वालो को बेस्वाद लगता है ....... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 2 377 Share Surabhi bharati 18 May 2021 · 1 min read औरत की कविता पहले कविता लिखने का शौक हुआ करता था, शादी के बाद सारे शौक धरे के धरे रह गये... जिस पति के लिए सबको छोड़ दिया था, उसकी ही वजह से... Hindi · कविता 535 Share Surabhi bharati 17 May 2021 · 1 min read "पहली बरसात" जब तुमसे पहली मुलाकात हुई थी, तब धीमी धीमी बरसात हुई थी उस दिन ट्रेन ज़रा लेट हुई थी, जब धीमी धीमी बरसात हुई थी तुम्हारा एक टक मुझे यू... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 6 381 Share Surabhi bharati 17 May 2021 · 1 min read बाल बारिश बारिश आई झम झम झम, नाची गुडिया छम छम छम! बादल गरजे गड़ गड़ गड़, छोटू छिप गया हाथ पकड़! बिजली चमकी चम चम चम, बाहर निकलना थोड़ा कम! ठंडी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बाल कविता 4 5 589 Share Surabhi bharati 16 May 2021 · 1 min read रहमतो की बरसात बरस आती है जब बरसात, बहुत कुछ लाती है अपने साथ हर उमर मैं अलग कहानी कह जाती हैं ये बरसात.... बचपन मे स्कूल से घर लोटते वक़्त एक दुसरे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 7 335 Share Surabhi bharati 15 May 2021 · 1 min read एकल परिवार कितना सुन्दर हैं एक परिवार, जब लगा है लोकडाउन परिवार का हर एक सदस्य मे है प्यार, नही कर रहे अपने आप को डाउन वो देखिए माँ बना रही है... Hindi · कविता 1 768 Share Surabhi bharati 14 May 2021 · 1 min read ईद मुबारक ईद पर मिलते थे एक दुसरे के गले पर आज मिल लो यादो मैं जैसे उन दिनो मिले, वक्त थोड़ा सा नही है साथ....हालत से मजबूर है हम और आप... Hindi · कविता 2 316 Share Surabhi bharati 13 May 2021 · 1 min read 13 मई (मैं तेरा) हर पल मदद के लिए मैं तेरा हूँ ज़ितना बनेगा जो भी बनेगा जैसे बनेगा तू बोलकर तो देख, मैं तेरा हूँ ... जब मेने कहा मैं तेरा हूँ तो... Hindi · कविता 297 Share Surabhi bharati 13 May 2021 · 1 min read इंसानियत आज का कुछ ऐसा हैं दौर हर तरफ है बस शोर , यू तो गली मौहल्ले है सुनसान बस सबके दिलो मे मचा है तुफान, इंसान बस बचा है नियत... Hindi · कविता 2 508 Share Surabhi bharati 12 May 2021 · 1 min read ज़िंदगी से प्यार सपने वो देखो जो साकार हो मानो उसको जो निराकार हो तुम्हारी कभी ना हार हो यही जीवन का सार हो तुम्हारी ज़िंदगी का आधार हो शायद कही ना कही....... Hindi · कविता 377 Share Surabhi bharati 12 May 2021 · 1 min read अधूरापन अधूरापन हमेशा ही सहा स्त्रीजाति ने... बालक से बालिका ने, पति से पत्नी ने, लड़के से लड़की ने, पुल्लिंग से स्त्रीलिंग ने.... Hindi · कविता 1 260 Share