सुनीता सिंघल Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुनीता सिंघल 16 May 2021 · 1 min read मेरी बारिश मुझसे रूठी है पूछा बेटी ने एक रोज़, मॉं बारिश की बूँदे गोल क्यों होती हैं । बेतुका उत्तर था मेरा, सुनकर वो हँस देती है । बूंदें गोल हैं, क्योंकि मेरी बारिश... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 7 511 Share सुनीता सिंघल 27 Dec 2020 · 1 min read कवि कहॉं मरता है कवि कभी मरता नहीं, वाणी शेष होती नहीं। वह रह जाता है नीली स्याही में वह रह जाता है प्रेम की पाती में। वह रह जाता है आमों ख़ास के... Hindi · कविता 12 20 388 Share सुनीता सिंघल 15 Dec 2020 · 1 min read ईश्वर ढूंढते थे ईश्वर मंदिरों में,विपदा पड़ी तो जाना, वो तो,रहते हैं थाने और अस्पतालों में। न अपनों से मुलाकात,न आराम की कोई बात, पी.पी.ई ,की परतों के बीच ,पसीने से... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 69 187 1k Share सुनीता सिंघल 13 Nov 2020 · 1 min read इस बार की दिवाली आओ इस बार भी दिवाली मनाएँ, फैली है चहुँओर निराशा,चलो आशा का नवदीप जलाएँ, विदेशी झालर, चाइनीज़ लैम्प भले न ख़रीदने जाएँ, मिट्टी के दियों में प्रेम की ज्योत जगाएँ,... Hindi · कविता 7 2 503 Share सुनीता सिंघल 9 Nov 2020 · 1 min read पहली किताब आज अपनी पहली किताब हाथ में लेते हुए मॉं तुम बहुत याद आ रही हो तुम्हें देना चाहती थी, सबसे पहली प्रति दे न सकी, कुछ जल्दी चली गयी तुम... Hindi · कविता 6 2 320 Share सुनीता सिंघल 8 Nov 2020 · 1 min read चाय की चुस्की चाय की चुस्की चाय की चुस्कियों की मिठास जाने कहॉं खो गई कुटी हुई अदरक में से सेहत कहॉं गुम हो गई कॉफी पहले केवल मेहमानों के लिये बना करती... Hindi · कविता 7 683 Share सुनीता सिंघल 3 Nov 2020 · 2 min read मोहल्ला घूरता है बलात्कार मेरा हुआ, अस्मत मेरी लुटी हुई, मैं दुपट्टे के पीछे मुँह अपना छुपाती हुई, खुलेआम मुँह उघाड़े, वह बेपरवाह घूमता है, उसे कोई हीनता से देखे न देखे, मुझे... Hindi · कविता 7 2 338 Share