Sanjay Pahuja 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Sanjay Pahuja 19 Apr 2023 · 1 min read कुछ यादें अल्पांजली 2 से काला मन जिसका हुआ,चढ़े न दूजो रंग। जितना दूध पिलाइये,बदला कभी भुजंग।। मैं खुद भुगतूं आप ही,उसकी जो हो रज़ा । तू काहे चिंता करे, अपनी गिन तू सज़ा ।।... Hindi 110 Share