नाथ सोनांचली Tag: कविता 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नाथ सोनांचली 14 Jun 2023 · 2 min read भारत वर्ष (शक्ति छन्द) यह सृजन है नाथ भारतवर्ष के भूगोल का मानचित्रों से इतर निर्जीवता के बोल का सीप में मोती पले औ स्वर्ण सम सब रेत हैं अन्नपूर्णा सी जहाँ सोना उगलते... Poetry Writing Challenge · कविता · शक्ति छन्द 501 Share नाथ सोनांचली 14 Jun 2023 · 1 min read बेबसी (शक्ति छन्द) सड़क के किनारे पड़ी बेटियाँ कहीं से उन्हें ना मिले रोटियाँ ग़रीबी विवशता रुलाती उन्हें सदा भूख भी है सताती उन्हें ।। निवाला बने जो पिता काल के ख़ुसी भागती... Poetry Writing Challenge · कविता · शक्ति छंद 1 377 Share नाथ सोनांचली 14 Jun 2023 · 1 min read बिल्ली मौसी (बाल कविता) बिल्ली मौसी बड़ी सयानी, छिपकर घर में आती है पा जाए जो दूध कहीं तो झट पट चट कर जाती है आँखे इसकी नीली भूरी, देख सदा मटकाती है धीरे... Poetry Writing Challenge · कविता · ताटंक छन्द · बाल कविता 1 587 Share नाथ सोनांचली 14 Jun 2023 · 1 min read वर्तमान परिदृश्य में महाभारत (सरसी) अंधा राजा मौन सभासद, द्यूत सभा तैयार अस्त्र त्याग कर चूड़ी पहने, पाण्डव हैं लाचार भीष्म उचित अनुचित की गणना, आज गए हैं भूल विवश प्रजा के सपने सारे, रहे... Poetry Writing Challenge · कविता · सरसी छंद 1 427 Share नाथ सोनांचली 14 Jun 2023 · 1 min read निभाना साथ प्रियतम रे (विधाता छन्द) पड़े जब भी जरूरत तो, निभाना साथ प्रियतम रे सुहानी हो डगर अपनी, मिले मुझको न फिर गम रे बहे सद प्रेम की सरिता, रगों में आपके हरदम नहाता मैं... Poetry Writing Challenge · कविता · गीत · विधाता छन्द 1 402 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read झुग्गियाँ आज सुनो मैं तुमको यारों, सच्ची बात बताता हूँ | झुग्गी में रहने वालों की, इक तस्वीर दिखाता हूँ || दूषित पानी हवा विषैली, जैसी कई निशानी है | ये... Poetry Writing Challenge · कविता 1 185 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read विविध विषय आधारित कुंडलियां सब जन हैं आगोश में, धुन्ध धुएँ के आज अतिशय कम है दृश्यता, सभी प्रभावित काज सभी प्रभावित काज, नहीं कुछ अपने कर में जन जीवन बेहाल, छुपे सब अपने... Poetry Writing Challenge · कविता · कुण्डलिया 379 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read भूख किसकी खातिर लोग यहाँ हैं, हरपल जीते मरते? यार बताओ जरा सोच कर, भूख किसे है कहते? राजमहल हो सोने का या, सिर पर मुकुट चमकता आग लगी हो अगर... Poetry Writing Challenge · कविता · गीत 1 256 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read तितली रानी (बाल कविता) तितली रानी तितली रानी। बाग-बगीचों की महरानी।। फूलों पर तुम रहने वाली। चाल तुम्हारी है मतवाली।। दिखती हो तुम रंग बिरंगी। ज्यों पहने चुनरी सतरंगी।। कोमल-कोमल पंख तुम्हारे। नयन-नक्श है... Poetry Writing Challenge · कविता · चौपाई 513 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read पापा जी कभी पेट पर लेकर अपने, हमें सुलाते पापा जी कभी बिठा काँधे पर हमको, खूब घुमाते पापा जी छाया देते घने पेड़ सी, लड़ते वो तूफानों से हो निष्कंटक राह... Poetry Writing Challenge · कविता · गीत 555 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read पर्यायवरण (दोहा छन्द) आज प्रदूषण कर गया, हर सीमा को पार। लोग अभी भी मस्त हैं, ये कैसा संसार।।1 शुद्ध हवा मिलती नहीं, जल थल या आकाश। जीवन निस-दिन घट रहा, आया निकट... Poetry Writing Challenge · कविता · दोहा 408 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read प्रार्थना (मधुमालती छन्द) कर जोड़ के, है याचना, मेरी सुनो, प्रभु प्रार्थना बल बुद्धि औ, सदज्ञान दो, परहित जियूँ, वरदान दो निज पाँव पे, होऊं खड़ा, संकल्प लूँ, कुछ तो बड़ा मुझ से... Poetry Writing Challenge · कविता 220 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read वीर रस की कविता (दुर्मिल सवैया) उस देश धरा पर जन्म लिया, मकरंद सुप्रीति जहाँ छलके। वन पेड़ पहाड़ व फूल कली, हर वक़्त जहाँ चमके दमके। वसुधा यह एक कुटुम्ब, जहाँ, सबके मन भाव यही... Poetry Writing Challenge · कविता · दुर्मिल सवैया छन्द 412 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read आधुनिक समाज (पञ्चचामर छन्द) करे विचार आज क्यों समाज खण्ड खण्ड है प्रदेश वेश धर्म जाति वर्ण क्यों प्रचण्ड है दिखे न एकता कहीं सभी यहाँ कटे हुए अबोध बाल वृद्ध या जवान हैं... Poetry Writing Challenge · कविता · नाथ सोनांचली के छन्द 1 379 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read नारी नारी तुम! सुकुमार कुमुदिनी सौम्य स्नेह औ प्रेम प्रदाता || धरती पर हो शक्ति स्वरूपा तुम रण चंडी भाग्य विधाता || संस्कारों की शाला तुम हो तुम लक्ष्मी सावित्री सीता... Poetry Writing Challenge · कविता 282 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read पेड़ पौधे (ताटंक छन्द) पौधे-पेड़ धरा के गहने, मिलकर धरा सजाते हैं। ये जीवों का पोषण करते, पर्यावरण बचाते हैं। चम्पा, जूही, बेला, गेंदा, उपवन को महकाते हैं। इनका ही रस लेकर भौरे, मस्त... Poetry Writing Challenge · कविता 1 530 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 1 min read नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द) नवीन वर्ष को लिए, नया प्रभात आ गया प्रभा सुनीति की दिखी, विराट हर्ष छा गया विचार रूढ़ त्याग के, जगी नवीन चेतना प्रसार सौख्य का करो, रहे कहीं न... Poetry Writing Challenge · कविता 386 Share नाथ सोनांचली 13 Jun 2023 · 2 min read खेत -खलिहान जहाँ बैठ कर रची गयी थी, एक कथा गोदान की चलो करें कुछ बातें यारों, उन्हीं खेत खलिहान की जहाँ खेलती खेल लहरियाँ, खेलें सँग-सँग झरने ताल तलैया सोन चिरैया,... Poetry Writing Challenge · कविता 581 Share