स्नेहिल कान्त "स्नेही" 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid स्नेहिल कान्त "स्नेही" 8 Jul 2021 · 1 min read "स्त्री" एक स्त्री प्रेम में सर्वस्व दान कर देती है, वह निश्छल, निर्मल, नि:स्वार्थ भाव से स्वयं को सौंप देती है...! मगर एक पुरूष प्रेम में नि:स्वार्थ होने का स्वांग कर,... Hindi · कविता 3 451 Share