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क्यों करें हम
siva sandeep garhwal
एक मुसलसल ग़ज़ल
siva sandeep garhwal
चांद का मेला
siva sandeep garhwal
अमीरों की बनकर रही रौशनी है
siva sandeep garhwal
दोरे-हाजिर से डर रहा हूँ मैं,
siva sandeep garhwal