डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read उसका प्रेम एक दिन सागर ने नदिया को रोककर पूछा “तुम मुझसे मिलने को दौड़ी-दौड़ी क्यों आती हो ? तुम मुझसे मिलने को भागी भागी क्यों आती हो ? क्या तुम्हें मुझ... Poetry Writing Challenge-2 1 65 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 26 Nov 2023 · 1 min read इंतजार इंतजार रोज की तरह ही आज भी पक्षी चहचहा रहे थे और सूरज भी रोज़ की तरह ही निकला। परंतु साधना के लिए आज का दिन कभी न भूलने वाला... 1 94 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 4 Oct 2023 · 1 min read जीवन काजल की बन कोर प्रिये हम तुमसे मिलने आयेंगे जीवन पथ पर चलते-चलते दो मोड़ कहीं चल पाएं हम, कर्मशील इस पथ पर बढ़ते , ओझल गर हो जाएं हम... 2 138 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 4 Jul 2023 · 1 min read हम हम अपनी हर पीड़ा अभिव्यक्त कर सकते हैं क्योंकि शब्द होते हैं हमारे पास परंतु जिस दर्द को हम लाखों लाख प्रयासों के बाद भी न कह सके उसे कैसे... 1 76 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 3 Jul 2023 · 1 min read फितरत फितरत बदल गए तुम ठीक उस तरह जैसे बदलता है मौसम हर नए मौसम की आहट पर या फिर जैसे बदलता है गिरगिट रंग अपना क्योंकि वह परिवेश की अनुकूलता... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 5 204 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 25 Jun 2023 · 1 min read फिर से याद आ गया कोई फिर से याद आ गया कोई अंतस के तार झन-झना गया कोई , वीणा में राग फिर से उमड़ा , फिर से मधुर गीत गा गया कोई ।। 1 204 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 24 Jun 2023 · 1 min read घाव सागर तेरी इन लहरों में किस पीड़ा का आकुल भाव है, नृत्य रत यूँ अनादिकाल से छिपा हृदय-तल कौन घाव है 1 95 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jun 2023 · 1 min read उसका प्रेम एक दिन सागर ने नदिया को रोककर पूछा "तुम मुझसे मिलने को दौड़ी-दौड़ी क्यों आती हो ? तुम मुझसे मिलने को भागी भागी क्यों आती हो ? क्या तुम्हें मुझ... Hindi 2 73 Share Previous Page 2