Dhirendra Singh 41 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dhirendra Singh 21 Dec 2024 · 1 min read नेता, अफसर और बिल्डर नेता, अफसर और बिल्डर नोट निकल रहे इनके घर सोना चांदी किलो में निकले जनता के घर तोला भर कभी नहीं इनके मन भरते लूट रहे हैं जी भर भर... Quote Writer 13 Share Dhirendra Singh 16 Dec 2024 · 1 min read क्षणिक तैर पाती थी कागज की नाव क्षणिक तैर पाती थी कागज की नाव कुछ पल ही उड़ते थे कागज के जहाज भर देते थे आनंद से, पुलक उठते थे मन साईकिल के टायर से जब खेले... Quote Writer 19 Share Dhirendra Singh 23 Nov 2024 · 1 min read वेयरहाउस में सड़ गया वेयरहाउस में सड़ गया लाखों टन अनाज नोटिस कुछ को भेजकर अफसर हुए आजाद शराब माफिया चाहता सस्ता सड़ा अनाज सिस्टम ऐसे बेचता कौड़ी दर से अनाज जनता पर सब... Quote Writer 21 Share Dhirendra Singh 18 Nov 2024 · 1 min read सीपी सिंह दे रहे बधाई सीपी सिंह दे रहे बधाई और दे रहे हैं अविनाश भावसार, भुस्कुटे, तिवारी व्यक्त कर रहे खुशी अपार अड़तालिसवीं वर्षगांठ है बड़े जतन से है जो निभाई स्वस्थ रहें और... Quote Writer 34 Share Dhirendra Singh 12 Nov 2024 · 1 min read प्रश्न करे जब पत्रकार तो प्रश्न करे जब पत्रकार तो उत्तर देते अधिकारी नहीं पता, न ही कोई शिकायत दिखवा लेंगे इस बारी इतना अमला, गाड़ी घोड़ा लेकिन फील्ड में ना निकलें जनता जब रोये... Quote Writer 32 Share Dhirendra Singh 9 Nov 2024 · 1 min read हाथी मर गये कोदो खाकर हाथी मर गये कोदो खाकर यही रट रहे सब अफसर जांच में चाहे विष भी आए दोष मढ़ रहे हाथी पर बरसों से खाते हैं कोदो नाम रखा जिसका श्री... Quote Writer 45 Share Dhirendra Singh 24 Oct 2024 · 1 min read असली – नकली असली – नकली पीएमओ, सीएमओ नकली अब पकड़ाए नकली जज निपटा डाले असली मामले हमें नहीं होता अचरज नकली खाते खाते अब हम असली की पहचान हैं भूले बड़े बैंक... Quote Writer 30 Share Dhirendra Singh 10 Oct 2024 · 1 min read रतन चले गये टाटा कहकर रतन चले गये टाटा कहकर हर दिल को झकझोर दिया रत्नों में भी श्रेष्ठ रत्न थे सिद्ध पुरुष सा सिद्ध किया हर भारतवासी को लगता जैसे कोई अपना गया देशप्रेम... Quote Writer 40 Share Dhirendra Singh 7 Oct 2024 · 1 min read खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में जिसको तुम वह तो वहां भी था जहां तुमने पाप किये Quote Writer 48 Share Dhirendra Singh 27 Sep 2024 · 1 min read एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा देखभाल होगी, जनता के टैक्स से पलेगा फांसी जल्दी होगी, जैसे फटाफट पहले होती थी बीस पच्चीस साल कोई ज्यादा नहीं होते हमारे... Quote Writer 65 Share Dhirendra Singh 27 Sep 2024 · 1 min read एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा देखभाल होगी, जनता के टैक्स से पलेगा फांसी जल्दी होगी, जैसे फटाफट पहले होती थी बीस पच्चीस साल कोई ज्यादा नहीं होते हमारे... Quote Writer 34 Share Dhirendra Singh 2 Sep 2024 · 1 min read मित्र मित्र बचपन में जो मित्र रहे हैं , वे कहलाएं बाल सखा कालांतर में निभ जाए तो, हो जाते हैं कालसखा पलते रहते मित्र के दम पर, हैं वे सारे... Quote Writer 100 Share Dhirendra Singh 16 Aug 2024 · 1 min read सतयुग, द्वापर, त्रेतायुग को-श्रेष्ठ हैं सब बतलाते सतयुग, द्वापर, त्रेतायुग को-श्रेष्ठ हैं सब बतलाते कलियुग में हैं पाप बढ़ रहे-ऐसा हैं समझाते लेकिन पिछले तीन युगों में-हैं तेईस अवतार हुए केवल एक ही काफी होगा-कलियुग के उद्धार... Quote Writer 127 Share Dhirendra Singh 4 Aug 2024 · 1 min read मोबाइल का यूज कम करो मोबाइल का यूज कम करो यह भी मोबाइल समझाए दुष्परिणाम हैं इसके क्या क्या मोबाइल जी ही बतलाएं गुटका सिगरेट छूट न पाता चेतावनी बस छापे जाओ पहले तो हैं... Quote Writer 176 Share Dhirendra Singh 20 Jul 2024 · 1 min read की मैन की नहीं सुनी की मैन की नहीं सुनी तो उतर गयी पटरी से रेल इसको बचाओ, उसको फंसाओ यही चल रहा है अब खेल जनता की जानें हैं सस्ती टिकटें उतनी मंहगी हैं... Quote Writer 79 Share Dhirendra Singh 19 Jul 2024 · 1 min read अब सौंप दिया इस जीवन का अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार मशीनी हाथों में फ्लाइट भी इन्हीं के हाथों में ट्रेनें भी इन्हीं के हाथों में माइक्रो था काफी साफ्ट मगर थोड़ा सा... Quote Writer 131 Share Dhirendra Singh 3 Jul 2024 · 1 min read बाबा चतुर हैं बच बच जाते बाबा चतुर हैं बच बच जाते जनता मूरख मर मर जाती बाबा महल बनाते जाते जनता जेब कटाती जाती सारे तंत्र हाथ में इनके सभी बेशरम और हैं निडर महिमा... Quote Writer 93 Share Dhirendra Singh 25 Jun 2024 · 1 min read थप्पड़ एक किसान का खाकर थप्पड़ एक किसान का खाकर तहसीलदार गिर पड़ा जमीन पर सोचो कितना भ्रष्ट महकमा त्रस्त किसान है इसका नमूना Quote Writer 76 Share Dhirendra Singh 25 Jun 2024 · 1 min read अब भी देश में ईमानदार हैं अब भी देश में ईमानदार हैं बिना काम के नहीं हैं खाते कैसे भी हों पुल तो बनाए सभी एक दिन हैं गिर जाते पुल से अब सब दूर ही... Quote Writer 154 Share Dhirendra Singh 20 Jun 2024 · 1 min read पेपर लीक हो रहे ऐसे पेपर लीक हो रहे ऐसे नल से टपके पानी जैसे कैसी भी तुम सील लगाओ टप टप बूंदें रोक न पाओ ऐसे नल को बदलो जल्दी व्यर्थ बहाता रहता पानी... Quote Writer 95 Share Dhirendra Singh 19 Jun 2024 · 1 min read बकरा नदी अररिया में बकरा नदी अररिया में पुल गिर गया धड़ाम अफसर हैं समझा रहे नदी है जिम्मेदार नदियां बहुत मचल रहीं राज्य है एक बिहार पुल बेचारे क्या करें गिर रहे बारंबार Quote Writer 111 Share Dhirendra Singh 18 Jun 2024 · 1 min read बच्चों की परीक्षाएं बच्चों की परीक्षाएं बन गई एक मजाक खुले घूमते सरगना अभी चल रही जांच अभी चल रही जांच कि किस किस को पकड़ें सौदे में हैं लिप्त कि कितना लेकर... Quote Writer 102 Share Dhirendra Singh 14 Jun 2024 · 1 min read एक बनी थी शक्कर मिल एक बनी थी शक्कर मिल बाद में गयी मिट्टी में मिल मिट्टी उड़ गयी आंधी में जमीन चली गई वादी में सीहोर में कई एकड़ जमीन हो गई गुम चमत्कार... Quote Writer 1 91 Share Dhirendra Singh 11 Jun 2024 · 1 min read तुलना करके, दु:ख क्यों पाले तुलना करके, दु:ख क्यों पाले है कोई गोरा, तुम हो काले तुम गरीब, वो दौलत वाले तुम अनपढ़ वो डिग्री वाले मेरी झोपड़ी, उनके बंगले हीन भाव से ग्रस्त ही... Quote Writer 1 114 Share Dhirendra Singh 10 Jun 2024 · 1 min read वादे करके शपथें खा के वादे करके शपथें खा के नेताओं ने पद पाया जनता टुकुर टुकुर सब देखे क्या खोया और क्या पाया पहले जो आकर मिलते थे दुर्लभ होगा उनसे मिलना पांच बरस... Quote Writer 1 103 Share Dhirendra Singh 7 Jun 2024 · 1 min read रात-दिन जो लगा रहता रात-दिन जो लगा रहता जोड़ता है चार- पाई वृद्ध होकर अंत में फिर पकड़ लेता चारपाई छोड़कर जाना पड़ेगा जोड़ी हैं जो पाई पाई मुफ्त में बंटती है सबमें ऐश... Quote Writer 1 99 Share Dhirendra Singh 4 Jun 2024 · 1 min read शुक्र है, मेरी इज्जत बच गई शुक्र है, मेरी इज्जत बच गई E.V.M. Quote Writer 120 Share Dhirendra Singh 1 Jun 2024 · 1 min read 🌳 *पेड़* 🌳 🌳 *पेड़* 🌳 चिपको आंदोलन में कैसे, वृक्षों को था बचाया लिपट गयी जनता पेड़ों से, नहीं काट कोई पाया गर्मी का प्रकोप देख कर, नारा फिर से गूंज रहा... Quote Writer 1 160 Share Dhirendra Singh 29 May 2024 · 1 min read गर्मी गर्मी तप रहीं, तपा रहीं सीमेंट की सड़कें पेड़ काट- काट कर, बना दी हैं सड़कें प्रकृति के तेवर देख, घर में छिपे हैं लोग दिन में नहीं निकलते, सूनी... Quote Writer 84 Share Dhirendra Singh 28 May 2024 · 1 min read निबंध निबंध निबंध लिखो और छूट जाओ आज समझ में आया स्कूलों में निबंध लिखना क्यों हमको सिखलाया अमीरजादे कुछ भी कर लें बाल न बांका होता नोटों की गड्डी पाकर... Quote Writer 100 Share Dhirendra Singh 28 May 2024 · 1 min read *दर्शन शुल्क* *दर्शन शुल्क* नोट के दर्शन तुम करवा दो पंडा करवाए प्रभु दर्शन महाकाल चाहे ओंकारेश्वर शासन भी लूटे जी भरकर कितनी लूट खसोट मची है कैसे श्रद्धा भक्ति करोगे ध्यान... Quote Writer 97 Share Dhirendra Singh 28 May 2024 · 1 min read निर्दोष कौन ? निर्दोष कौन ? बरी हो गया राम-रहीम आस लगाए आशाराम रामपाल भी छूट जाए तो चकित न होना हिंदुस्तान सबमें राम लगा है इनके लगता महिमा उनकी होगी नेता, नोट,... Quote Writer 120 Share Dhirendra Singh 19 Dec 2023 · 1 min read दृष्टिकोण दृष्टिकोण ऊपर से देखो तो सीढ़ी नीचे जाती है नीचे से देखो तो सीढ़ी ऊपर जाती है सीढ़ी में नहीं कोई अंतर दृष्टिकोण में अंतर है फिर भी लोगों में... Quote Writer 323 Share Dhirendra Singh 18 Dec 2023 · 1 min read नेता जब से बोलने लगे सच नेता जब से बोलने लगे सच सच से विश्वास उठ गया है नेता जब से करने लगे वादे वादों से भरोसा हट गया है नेता जब से करने लगे सहायता... Quote Writer 1 278 Share Dhirendra Singh 16 Dec 2023 · 1 min read आसमान आसमान अम्बर, आकाश, गगन, नभ, व्योम कोई कहता इसको आसमान छूने को हर कोई मचल रहा भर रहा बहुत ऊंची उड़ान पर जिस धरती पर जन्म लिया उसका न विस्मरण... Quote Writer 1 241 Share Dhirendra Singh 16 Dec 2023 · 1 min read बाहर-भीतर बाहर-भीतर शोर मच रहा जितना बाहर भीतर है उतना सन्नाटा बाहर बहुत उजाला है पर भीतर है उतना अंधियारा मिलने पर खुश होते दिखते भीतर ईर्ष्या भरी हुई कहीं मुखौटा... Quote Writer 2 331 Share Dhirendra Singh 15 Dec 2023 · 1 min read --: पत्थर :-- --: पत्थर :-- पत्थरों, पेड़ों, नदी को पूजते प्रकृति का संरक्षण हमारा मंत्र है ईश्वर की प्रार्थना कैसे भी करें सनातन में हर कोई स्वतंत्र है पत्थरों से मूर्तियां हमने... Quote Writer 1 4 414 Share Dhirendra Singh 14 Dec 2023 · 1 min read कर्म कर्म छूट मिली है हर जन्मों में मन आए वे कर्म करो पुण्यकर्म कर लो या फिर पापाचरण में लिप्त रहो दुष्टात्मा जो मजे में दिखते फल ये पिछले पुण्य... Quote Writer 380 Share Dhirendra Singh 12 Dec 2023 · 1 min read पुष्प पुष्प खिले हैं कुछ ही पल पहले, जुड़े हैं शाख से दम भर न तोड़ो तुम इन्हें असमय, जरा मुरझा तो जाने दो हवा तूफान झोंकों से, बचा कर जिसने... Quote Writer 2 304 Share Dhirendra Singh 10 Dec 2023 · 1 min read इतना रोई कलम इतना रोई कलम कि अब तो स्याही सूख गयी थोड़ा सा विश्राम इसे दो क्लांत मलिन मुख घोर निराशा रुक कर इसे श्वास लेने दो आगे और बहुत कुछ लिखना... Quote Writer 1 308 Share Dhirendra Singh 10 Dec 2023 · 1 min read दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ मंजिलों की सूचियां हैं अनगिनत मिल गईं जो मंजिलें, ओझल हुईं और कितनी शेष हैं मालुम नहीं मन ने गर संतोष करना नहीं... Quote Writer 1 328 Share