Dr.sima Tag: कविता 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.sima 15 Oct 2024 · 1 min read श्री राम जी से आपके रूपों का हजारों वर्णन है। पर श्री राम सा कोई नहीं। मेरे भावों का अर्पण, परख लीजिए ये समर्पण। दारुण दुर्गति लिए खड़ी है, नारी कब होगा आपका कलकि... Hindi · कविता 1 38 Share Dr.sima 7 Oct 2024 · 1 min read अपनों से शिकायत खास कर शिकायत सभी से हो जाती है , उम्र के दरम्यान, जलन, ईर्ष्या,लोभ प्रायः सभी में है। पल दोस्ती क्षण भर में शिकायत। क्या अपना क्या पराया यहां गैरों... Hindi · कविता 1 60 Share Dr.sima 7 Oct 2024 · 1 min read अपना जख्म अपना जख्म अभी ताजा है। मवाद भरा है। जरूरत से ज्यादा दर्द भरा है। कहने वाले दर्द बयां करते हैं । पर ,तन -मन दोनों जख्मी है। हैरान हूं ,... Hindi · कविता 1 2 61 Share Dr.sima 5 Oct 2024 · 1 min read ढूंढे तुझे मेरा मन ढूंढे तुझे मेरा मन हैरान हूं, परेशान हूं, तुझसे अलग हूं, पर,हरेक पल ढूंढे तुझे मेरा मन बेचैन जिंदगी ढूंढे तुझे कितनी मोहब्बत कितनी शिद्दत नेमत जिसने मोहब्बत पाई ।... Hindi · कविता 1 50 Share Dr.sima 27 Sep 2024 · 1 min read भूलने दें हृदय मंथन की मारी हूं। आज भी मां-बाप की दुलारी हूं । कैसे कहूं अपनी सहजता को, कैसे कहूं अपनी निजता को, जो जीवन तलाक बना दी गई कमी, जो... Hindi · कविता 1 72 Share Dr.sima 18 Aug 2024 · 1 min read बलात्कार गिरते हुए परिवेश में, अपने ही वेश में, ज्यादातर अहित करता यह समाज का दानव। कितनी घृणित, विकृत मानसिकता हैं, बलात्कार। उसपर हत्या जघन्य अपराध, फिर भी करते हुए नही... Hindi · कविता 1 54 Share Dr.sima 18 Aug 2024 · 1 min read मर्यादा पुरुषोत्तम राम सरल सलोना मेरे राम, त्याग की प्रकाष्ठा में ,मेरे राम, अद्भुत जीवन चरित्र, जीवन संघर्ष महान धैर्यवान में ,मेरे राम। राम से वियोग, सीता जी का वनवास। नियत में नियति... Hindi · कविता 2 2 46 Share Dr.sima 23 Jun 2024 · 1 min read परित्यक्त अपने को सक्षम करें। परित्यक्त होना बेचारी हैं । परित्यक्तता जीवन जो निबाहें वो नारी है। नही तो बड़ी बदलचन है । ये बोझ कलंक बड़ी भारी हैं। परित्यक्त कहती हैं कि क्या स्वीकार... Hindi · कविता 2 67 Share Dr.sima 23 Jun 2024 · 1 min read मित्रता कृष्ण और सुदामा वाली मित्रता मिली होती । विरले नसीब वालों को मिलती है ऐसी मित्रता। प्राय:कुमित्र मिलते हैं , आज कल। कहावत है ना संगत से गुण आत ,संगत... Hindi · कविता 1 84 Share Dr.sima 18 Jun 2024 · 1 min read संकट भीषण गर्मी छाई है,भूमि पर आपदा आयीं हैं ।संकट गहराई है । ये आपदा स्वयं नहीं आई। उन्नत हरियाली खोना, अपने को विकसित कहना,जीवन को स्वयं संकट में डालना।कुछ शब्द... Hindi · कविता 1 111 Share Dr.sima 13 Jun 2024 · 1 min read बिखरना बिखरना किसे अच्छा लगता है । शायद फूलों को भी खिलकर बिखरना अच्छा नहीं लगता । खुशबू महकना अच्छा लगता है । पंखुड़ियां का टूट कर बिखरना अच्छा नहीं लगता... Hindi · कविता 2 140 Share Dr.sima 26 May 2024 · 1 min read कलियुग सीमित बुद्धि ,अहंकार युग चल रहा हैं। व्यक्ति अपना ही विध्वंस रच रहा है । हर घर क्लेश व्यक्ति में द्वेष हो रहा है। ईर्ष्या मन से ग्रस्त है, व्यक्ति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 110 Share Dr.sima 25 May 2024 · 1 min read वापस ससुराल (घर से) से लौटा दिया हमको (लड़की), डर कर ही सही पर अपना ईमान, स्वार्थ दिखा दिया हमको। विदा होकर गयी थी ,जिस गली से,उसी में छोड़ गया हमको।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 89 Share Dr.sima 25 May 2024 · 1 min read मांगती हैं जिंदगी सुकून मांगती हैं जिंदगी। तनाव , विवाद के जगह, चैन, संवाद मांगती है जिंदगी। राहत की सांसें मांगती है जिंदगी, आदत के बोझ तले जिंदगी चाहत मांगती हैं। रूप यौवन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 4 117 Share Dr.sima 20 May 2024 · 1 min read प्रेम जीवन में सार प्रेम जीवन में पुलकित हो, यह जीवन मिले बार-बार। ऐसा हो मेरा सौहार्द्र। जीवन की सच्चाई में, अपने को भलाई में, विषाद से दूर जीवन के करीब ला पाए तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 133 Share Dr.sima 20 May 2024 · 1 min read भाई पीढ़ी को आगे बढ़ाने वाला, भाई। भाभी को ब्याह कर घर लाने वाला भाई। पूरे घर का भरोसा विश्वास मेरा भाई, यूं कहे तो घर का नाज है भाई ।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 110 Share Dr.sima 19 May 2024 · 1 min read गरीबी मोहताज जिंदगी बड़ी दुखद होती है। गरीबी अभिश्राप सी है,जीवन के लिए। दयनीय जीवन संघर्ष हरेक पल । ढोते हैं जिंदगी लाचार बोझ की तरह । आहत करती है गरीबी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 68 Share Dr.sima 17 May 2024 · 1 min read मेरे भाव मेरे भगवन धनुष वाले हो रामा, बंशी वाले हरे कृष्णा। जरा सुधी लेना ,जरा सुधी लेना। धनुष वाले हो रामा ,बंशी वाले हरे कृष्णा। पिंजरे के पंछी को,बस तेरा ही ठिकाना। ये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 97 Share Dr.sima 17 May 2024 · 1 min read खोते जा रहे हैं । हरेक पडाव पर उम्र खोते जा रहे हैं । मुकम्मल जिंदगी करने के लिए, अतिरिक्त पेशा ढोते जा रहे हैं। जरूरत के फेर में चैन को खोते जा हैं ।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 90 Share