अनुपम राय 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अनुपम राय 3 Nov 2016 · 1 min read मेरी कली उसकी यादों की खुशबू से, महकती है बगिया मेरी, उसका ही ज़िक़्र रहता है, अब हर गुफ़्तगू में मेरी, उसके बिन गुज़र जातीं हैं, मेरी रातें तो तन्हा, पर ये... Hindi · कविता 286 Share अनुपम राय 31 Oct 2016 · 1 min read हे कृष्ण मेरे सुनी-सुनी गुज़र गयी, अब की बार दीवाली भी, तुम बिन कौन निखारे मुझको, कौन बने मेरा सारथी, तुम तो थे कृष्ण मेरे, मैं अर्जुन तुम्हारा था, तुमने ही तो बस... Hindi · कविता 2 372 Share अनुपम राय 26 Oct 2016 · 1 min read यादें सोचता रहता हूँ हर पल, अब तो बस बातें तेरी, कैसे थे वो दिन मेरे, कैसी थीं रातें मेरी, मिलने खातिर तुमसे मैं, करता रहता था बहाने, वो तेरा हँस... Hindi · कविता 282 Share अनुपम राय 17 Oct 2016 · 2 min read एक स्वप्न तुम्हारे साथ का शरद पूर्णिमा का चाँद अपनी सोलहों कलाओं के साथ आकाश के मध्य में विराजमान था। पूरी धरा पर अमृत-रस की वर्षा के साथ शरद ऋतु का आरम्भ हो रहा था।... Hindi · लेख 389 Share अनुपम राय 14 Oct 2016 · 1 min read टुटा हुआ तारा दुःखों का जाल भी है, दर्द बेमिसाल भी है, फिर भी हँसते रहें है, ये भी कमाल ही है! लपटें भी उठ रहीं हैं, ज्वाला धधक रही है, बाहर से... Hindi · कविता 1 343 Share