shweta pathak Tag: कविता 35 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid shweta pathak 8 May 2021 · 1 min read कुछ सवाल कुछ सवाल अक्सर मन में उठते हैं ना ताल्लुक़ है जिनका इनसे ये वही आकर रुकते हैं कश्मकश में दिल, दिमाग पर जोर देता है ना सवाल समझ में आते... Hindi · कविता 5 4 282 Share shweta pathak 8 May 2021 · 1 min read चलो चलो ,कुछ छोड़ आते हैं चलो कुछ भूल जाते हैं चलो ,आज से निकलते हैं चलो कल में खो जाते हैं बोझ सा लगता है, न जाने क्यों ये दिन... Hindi · कविता 1 435 Share shweta pathak 8 May 2021 · 1 min read जिन्दगी मुश्किल होता है कभी कभी खुद को संभाल पाना जिसने खोखला कर दिया उस दर्द से ऊबर पाना उम्मीद, उमंग ,सपने ,उत्साह नहीं रही किसी एक की भी चाह जीवन... Hindi · कविता 2 3 500 Share shweta pathak 12 Sep 2019 · 1 min read तूझसे मैं मुझसे ही तू तेरी नजर से मेरी नजरों का मिल जाना तुझे देखकर मेरी पलकों का झुक जाना शर्मीली मैं तो कभी नहीं थी इतनी मगर तुझे देख कर हया का आ जाना... Hindi · कविता 1 272 Share shweta pathak 12 Sep 2019 · 1 min read साथ उनका जो मिला साथ उनका जो मिला मानो मेरी दुनिया थम गई मेरे रातों को जैसे चांद की रोशनी मिल गई उसका यह छुप छुप कर देखना बातें किसी और की ,लबों पर... Hindi · कविता 1 2 517 Share shweta pathak 9 Sep 2019 · 1 min read देश मेरा मेरा देश है महान इसे नमन कीजिए शहीदों की शहादत को आज याद कीजिए जो आज हम स्वतंत्र हैं उनकी ही बदौलते उन्होंने प्राण त्याग कर जिंदगी दिए हमें मानवता... Hindi · कविता 1 373 Share shweta pathak 9 Sep 2019 · 1 min read चद्रंयान 2 जो सोचा हमने वह करके दिखाएंगे हम चांद पर ,चांद पर, घर बनाएंगे हम भारतवासी हैं हमने जो ठानी है वह सपना हकीकत भी, एक दिन बनाएंगे यह धरती हमारी... Hindi · कविता 1 309 Share shweta pathak 13 Apr 2019 · 1 min read दीवाने थे हम कहते कहते दिल की बात थम गई सांसों को संभाला ,अचानक दिल की धड़कनें बढ़ गई। अरमान थे कई दिल में मचलते अफसाने थे कई सांसों में पलते दीवाने थे... Hindi · कविता 2 4 621 Share shweta pathak 13 Apr 2019 · 1 min read मन बावरा मन बावरा है जाए कहां राहे जुदा है मंजिल खफा मन बावरा है जाए कहां रातों को नींद ना आए दिन क्यों डसता जाए हाय क्या करूं जो चैन तो... Hindi · कविता 1 4 349 Share shweta pathak 13 Apr 2019 · 1 min read आजादी आता हुआ कोई साया लगे कहीं दूर तलक है रोशनी जिसकी सालों बाद कुछ साफ दिखा इन आंखों पर अब तक था कुहरा घना बात अब तक मेरी दीवारों ने... Hindi · कविता 2 404 Share shweta pathak 22 Mar 2019 · 1 min read पुलवामा हमला 14 फरवरी का दिन साथ दोस्तों का, याद प्यार की थी साथ चले थे यारों के हाथ में हाथ डाल। कोई वैलेंटाइन की यादों में खोया कोई कर रहा था... Hindi · कविता 3 2 269 Share shweta pathak 22 Mar 2019 · 1 min read आज़ादी के परवाने कब तलक यह धरती पापों का बोझ सहेगी मां कब तक जख्मों को लेकर चुप रहेगी। आजाद भारत का सपना लेकर आए थे वो तुम जैसे ही जवान धरती पर... Hindi · कविता 1 306 Share shweta pathak 23 Feb 2018 · 1 min read कुछ है तुममे मत सोचो कोई है ऐसा मत सोचो कोई है कैसा जो राह तुम को मिलती जाए चलते ही जाओ उस पर तुम वैसा क्यों सोचते हो सारी कमियां छुपी सिर्फ... Hindi · कविता 2 1 262 Share shweta pathak 23 Feb 2018 · 1 min read क्यों सोए हो तुम अब तो खोल दो इन नाजुक पंखुड़ियों को सपनों में डूबे इन कोमल नैनो को सूरज की पहली किरण आज तुमसे मिलने को आई है रात की काली घटा पर... Hindi · कविता 3 1 509 Share shweta pathak 23 Feb 2018 · 1 min read दिल की आवाज दिल की आवाज को रूह में उतर जाने दो अब तक बिन पर के थे ..जरा पर को तो आ जाने दो आसमां पर इतराते तारे भी दूर है बस... Hindi · कविता 542 Share shweta pathak 25 Oct 2017 · 1 min read क्या हो गया होते होते ये क्या हो गया जो नहीं था मेरा वह खुदा हो गया देख कर उसको आंखें झुकी न जाने कब यह क्या हो गया बड़ी छोटी सी यह... Hindi · कविता 2 1 309 Share shweta pathak 25 Oct 2017 · 1 min read पता ना चला दुश्मनों की जंग लड़ते लड़ते अपने भी कब दुश्मन बन गए पता न चला सरहदों की सीमा तय करते करते कब घरों में बंटवारा हुआ पता न चला लहू बहते-बहते... Hindi · कविता 1 634 Share shweta pathak 1 Apr 2017 · 1 min read दिल की आरजू.. टूटे हुए दिल की आऱजू लेआ मै इसको जोड दू कही दूर चल इस अंधेरे से तूझे पुकारता है नया जहॉ ये नयी जमी नया आसमॉ उम्मीदो से भरा ये... Hindi · कविता 489 Share shweta pathak 6 Mar 2017 · 1 min read खामोशी चारो तरफ खामोशी ही खामोशी बाहर खामोशी, भितर खामोशी बिस्तर भी खामोशी से सो रहा है. जैसे बरसो की चाहत बोल रहा है. खिड़कियॉ दरवाजे गुमसुम पड़े है जैसे अभी... Hindi · कविता 1 1 277 Share shweta pathak 6 Mar 2017 · 1 min read दरियादिल जिन्दगी वो लम्हे जो खुशी से जीये हमने.. उस लम्हे की एक एक दास्तान लिख रहे हैं गमे जिन्दगी इतनी खौफनाक थी.उस वक्त का एक पल गिन कर लिख रहे हैं...... Hindi · कविता 1 405 Share shweta pathak 5 Feb 2017 · 1 min read मुझे दोगे तूम मेरा पता मुझे दोगे तुम मेरा पता कही खो सी गयी हूं अपने ही आप मे..जिना चाहती हू सारी जिन्दगी एक ही सॉस में.. खुश हू, खुद से मिलने की आस में..... Hindi · कविता 1 261 Share shweta pathak 5 Feb 2017 · 1 min read ए खुदा... क्या करू दर्दे दिल की बयॉ... तुने तो रहम भी नही की जरा सी.. अगर सिकायत करू भी तो करू क्या जख्म भी दिये है तुने बडी इनायत से. तेरी... Hindi · कविता 1 275 Share shweta pathak 5 Feb 2017 · 1 min read बिछडन.. अजीब इत्तेफाक है'जिन्दगी का तुम मिले भी तो बिछडने के लिये... दो पल साथ था अपना' सदिया गुजर गयी मुद्दत हुए... कल वक्त न था हमे तुम्हारे लिये आज वक्त... Hindi · कविता 2 510 Share shweta pathak 15 Jan 2017 · 1 min read अपनें अपनो को अपनो का सहारा चाहिए दो पल एक साथ गुजारा चाहिए.. अपने ही अपनो को समझ सकते हैं औरोम को समझने की मोहलत चाहिए.. गैरो ने दिया हर वक्त... Hindi · कविता 1 286 Share shweta pathak 11 Jan 2017 · 1 min read क्या हो तुम? अनदेखा सा ख्वाब हो तुम.. जो अब तक पूरी न हो सकी वो आस हो तुम... धुधली सी एक तस्वीर झलकती है इन आखो में. कानों तक न पहुची, धड़कन... Hindi · कविता 1 360 Share shweta pathak 11 Jan 2017 · 1 min read पहचान एक बूंद जो आसमा से अचानक छलक पड़ी... रोती बिलकती धरती पर आ गिरी मैं अपनो से अलग होकर कहां जाऊगी अपनी पहचान से दूर होकर ठोकर पाऊगी.. फूलो पर... Hindi · कविता 1 502 Share shweta pathak 9 Jan 2017 · 1 min read मै दोषी नही जितना पायी गई हूं मैं उलझती नही जितना उलझायी गयी हू मैं गिरती नही जितना गिरायी गयी हूं.. मैं रोती नहीं, जितना रूलाई गयी हूं मैं बहकती नही, जितना बहकायी गयी हूं.. मैं डरती... Hindi · कविता 1 1 278 Share shweta pathak 8 Jan 2017 · 1 min read कलयुग की वास्तविकता आज हो रहा देश भर मे राष्ट् वाद हंगामा है.... कही जुझते नेता तो कही मीडिया का डामा है............ असलीयत से तो सब परे हो जाते है.कैसे बचाऊ कुर्सी अपनी... Hindi · कविता 1 1 280 Share shweta pathak 8 Jan 2017 · 1 min read सोंच. खोखला है ये समाज, खोखले है लोग खोखली है मानवता, खोखली है सोंच,कहने को तो वादो के पुल, बधते जाते है रातो दिन... निभाने की किसको परवाह, सायद हमसफर मिल... Hindi · कविता 2 327 Share shweta pathak 8 Jan 2017 · 1 min read जीवन का खेल बडा अनोखा है. दो हसीन पल जी लेने दो यारो. ये जिन्दगी मिली है, बड़ी मुद्दतो बाद. इसमे गम ही सही. इस गम को पी लेने दो यारो.... कल नसीब मे क्या लिखा... Hindi · कविता 276 Share shweta pathak 8 Jan 2017 · 1 min read जीवन का खेल बडा अनोखा है. दो हसीन पल जी लेने दो यारो. ये जिन्दगी मिली है, बड़ी मुद्दतो बाद. इसमे गम ही सही. इस गम को पी लेने दो यारो.... कल नसीब मे क्या लिखा... Hindi · कविता 301 Share shweta pathak 8 Jan 2017 · 1 min read जीवन का खेल बडा अनोखा है. दो हसीन पल जी लेने दो यारो. ये जिन्दगी मिली है, बड़ी मुद्दतो बाद. इसमे गम ही सही. इस गम को पी लेने दो यारो.... कल नसीब मे क्या लिखा... Hindi · कविता 2 497 Share shweta pathak 8 Jan 2017 · 1 min read जीवन का खेल बडा अनोखा है. दो हसीन पल जी लेने दो यारो. ये जिन्दगी मिली है, बड़ी मुद्दतो बाद. इसमे गम ही सही. इस गम को पी लेने दो यारो.... कल नसीब मे क्या लिखा... Hindi · कविता 1 382 Share shweta pathak 8 Jan 2017 · 1 min read जो मिला उसे खुशी से जीना सीखो. ना करो गिला''ना हो सिकवा' सिकायत का रूख ना हो खुदा से; क्या मांगते हो उससे खुश रहो उसमे जो मिल गया इत्तफ़ाक से... मागते हो उससे दौलत हो बेसुमार... Hindi · कविता 2 700 Share shweta pathak 8 Jan 2017 · 1 min read हालाते वतन जुल्म की दुनिया.सब खौफ है.सब खौफ है....रहनुमा जो बन गया .रहगुजर वो और है.......कल तक सम्हाला था जिन्होने वतन की आबरू ...घर की आबरू बेच रहे वो नौजवॉ अब बात... Hindi · कविता 1 1 278 Share