Kumari Shweta Anand 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kumari Shweta Anand 15 Aug 2020 · 1 min read स्वतंत्रता दिवस आया है जश्न-ए-आजादी मनाएंगे स्वतंत्रता दिवस आया है लाख कठिनाइयां आए तो क्या कोरोणा हमें डराए तो क्या तिरंगा हम लहराएंगे स्वतंत्रता दिवस आया है।। नमन करेंगे वीर सपूत को नहीं छोड़ेंगे... Hindi · कविता 3 5 321 Share Kumari Shweta Anand 20 Jul 2020 · 1 min read आत्मनिर्भरता का संदेश आत्मनिर्भरता का संदेश जो मोदी जी ने सुनाई है 'लोकल को वोकल' करने की हमने भी यह कसम खाई है अपने उद्योग लगाना है अब दूर कहीं ना जाना है... Hindi · कविता 6 8 909 Share Kumari Shweta Anand 14 Jul 2020 · 1 min read कुछ करो तुम कुछ करो कुछ करो तुम कुछ करो, जीवन पथ पर सदा आगे तुम बढ़ो। सिख ले लो झरने से, क्या जाता ये करने से। राहों में आये अगर रुकावट, पथ बदल ले... Hindi · कविता 10 4 385 Share Kumari Shweta Anand 12 Jul 2020 · 1 min read तेरी याद मुझे तू याद करता है, तुझे मै याद करती हूं, तुम मुझसे मिलने आओगे यही फरियाद करती हूं। पर तुम जब नहीं आते ए....मेरे हमदम, तेरी तस्वीर से ही मैं...... Hindi · गीत 8 10 490 Share Kumari Shweta Anand 11 Jul 2020 · 1 min read औरत हूं अबला नहीं औरत हूं अबला नहीं सबल हूं निर्बला नहीं छू सकती हूं आसमां को झुका सकती मै इस जहां को मत समझो कमजोर तुम मुझको मैंने तुझको जन्म दिया है पाला... Hindi · कविता 9 8 469 Share Kumari Shweta Anand 10 Jul 2020 · 1 min read ********** जीवनसाथी *********** किसने मुझको सफल बनाया, जीवनसाथी तूने। जीवन का हर पाठ पढ़ाया, जीवनसाथी तूने। डर को मन से किसने भगाया, जीवनसाथी तूने। सपने बुनना किसने सिखाया, जीवनसाथी तूने। पंख फैलाकर आसमान... Hindi · कविता 7 12 452 Share Kumari Shweta Anand 9 Jul 2020 · 1 min read देखो री सखी सावन आयो देखो री सखी सावन आयो टिप- टिप पानी बरसे पिया मिलन को मन तरसे पेड़ों से लिपटी ये बेले मस्ती में हवाएं डोले राज यह दिल का खोलें हरियाली चहुं... Hindi · कविता 5 4 629 Share Kumari Shweta Anand 8 Jul 2020 · 1 min read धीरे धीरे तेरा आना मेरी जिंदगी में, यूं धीरे- धीरे दोस्ती का प्यार में बदल जाना, यूं धीरे - धीरे सोचती थी प्यार ना करूंगी कभी किसी से पर तेरी तरफ मेरा... Hindi · कविता 8 9 626 Share Kumari Shweta Anand 8 Jul 2020 · 1 min read कोरोना काल देश की हालत बिगड़ गई है ज़िन्दगी सबकी बिखर गई है हर तरफ महामारी है, बेरोज़गारी है, पर हम कर कुछ नहीं सकते क्योंकि यह हमारी लाचारी है बीमारी ये... Hindi · कविता 5 10 473 Share