Megha Agarwal 98 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Megha Agarwal 30 Jul 2020 · 2 min read दो वक़्त की यारी का फर्क आज कुछ पुरानी बातों को याद कर एक नई दास्तां लिखते हैं, मिसाल है जो दोस्ती की जग में उनके बारे में बात करते हैं, इंटरनेट ईमेल के जमाने को... Hindi · कविता 6 7 279 Share Megha Agarwal 28 Jul 2020 · 1 min read प्रकृति जिन पांच तत्वों से बने हम उनकी ही बेकद्री करते हैं, कहने को तो है बहुत समझदार हम पर बेबकुफी बड़ी करते हैं, जिस विकास की खातिर हम प्रकृति को... Hindi · कविता 2 6 446 Share Megha Agarwal 26 Jul 2020 · 1 min read एक बहन की आस एक बहन आज भी दरवाज़े पर अपने भाई का इंतज़ार करती हैं, कहीं किसी हाथ उसके भाई का पैग़ाम आए, इसलिए एक टक खिड़की की ओर निगाहें रखती है, सन्... Hindi · कविता 2 5 406 Share Megha Agarwal 25 Jul 2020 · 1 min read समाज.......... अजीब सा दस्तूर है इस समाज का, लड़को संग घूमने वाली हर लड़की को निर्लज्ज, और लड़कियों के साथ ऐश करने वाले को हीरो का नाम दिया जाता है, समलैंगिकता... Hindi · कविता 4 13 585 Share Megha Agarwal 22 Jul 2020 · 1 min read लोकल से वोकल बन्द कर दिए जब पूरी दुनिया ने बाज़ार अपने, तब हमारे अपनों ने बाज़ार का बीड़ा उठाया था, ठुकराया कभी जिसको बेकार सस्ता हल्का कहकर, उसी लोकल ने कठिन समय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 610 Share Megha Agarwal 22 Jul 2020 · 1 min read टूटा दिल कौन कहता है कि सिर्फ मोहब्बत में ही दिल टूटा करते हैं, जिंदगी के अधूरे ख्वाब भी तकलीफ बहुत दिया करते हैं, मान लेते हैं किसी इंसान को हम अपनी... Hindi · कविता 1 5 570 Share Megha Agarwal 19 Jul 2020 · 1 min read मुखौटे के पीछे चेहरा जिंदगी के हर दर्द के आगे मुस्कुराहट का पहरा होता है, तभी हर नकाब के पीछे कई चेहरों का मुखौटा होता है, तकलीफ छिपाकर जमाने के लिए कोई जोकर बन... Hindi · कविता 4 343 Share Megha Agarwal 18 Jul 2020 · 1 min read मैने भगवान को देखा है जिंदगी से हार मानकर जब भी मैने खुद को खत्म करना चाहा था,तब तब मेरे इस ओर बढ़ते कदमों को रोकने के लिए मेरे नाना नानी का चेहरा सामने आया... Hindi · लेख 1 2 628 Share Megha Agarwal 16 Jul 2020 · 1 min read लड़की से मां बनने का सफर एक लड़की जब औरत से मां बन जाती है, तब खुदा को मंदिर में नहीं अपनी कोख में खोजती है, जो डर जाती थी कभी छिपकली और कॉकरोच से, वो... Hindi · कविता 1 4 385 Share Megha Agarwal 15 Jul 2020 · 1 min read किन्नर: वरदान या अभिशाप किसी इंसान में इंसानियत नहीं लिंग को पहले देखते हैं, समाज के ही एक वर्ग को हम हय दृष्टि से देखते हैं, जिसके मुख से निकली हर बात को दुआ... Hindi · कविता 4 5 864 Share Megha Agarwal 14 Jul 2020 · 1 min read स्वार्थी है यह ऐसा शब्द जो दुनिया की नज़रों में बहुत बुरा पर मेरे लिए अच्छा है, मतलब की इस दुनिया में खुद के लिए सोच सकु ऐसा वो इरादा है,... Hindi · कविता 1 411 Share Megha Agarwal 9 Jul 2020 · 2 min read समाज से गुफ्तगू आज बहुत समय बाद समाज से गुफ्तगू करने का मन कर रहा है, हर कदम पर हमें तजुर्बों से भर दिया उससे कहने का मन कर रहा है, जमाना कहता... Hindi · कविता 1 2 211 Share Megha Agarwal 7 Jul 2020 · 2 min read वजूद पर प्रश्न चिन्ह अक्सर जो पूछते समाज में कि नारी का खुद का वजूद क्या है? नर बिना नहीं अस्तित्व जिसका उसका खुद का मान क्या है? तो बताऊं उनको मै यह प्रश्न... Hindi · कविता 1 2 454 Share Megha Agarwal 5 Jul 2020 · 1 min read वैवाहिक यौन उत्पीडन एक मासूम की जिंदगी से खिलवाड़ का शोर सबको सुनाई देता है, पर होता जब किसी विवाहित के साथ तो ख़ामोश यह जहां हो जाता हैं, जहां की नज़रों में... Hindi · कविता 1 2 376 Share Megha Agarwal 4 Jul 2020 · 2 min read मासूमियत पर ग्रहण एक लड़की की जिंदगानी हम सबके लिए कहानी बन गई, छीन ली गई उससे मासूमियत पर वो अख़बार की शोभा बन गई, क्या कसूर उस मासूम का किस किए की... Hindi · कविता 5 635 Share Megha Agarwal 1 Jul 2020 · 1 min read सफेद लिबास वाला खुदा जानना हो जब खुद को तो दूसरों के काम आना सीखिए, हर पल तुम कर सको किसी की मदद खुद को इस काबिल बनाइए, कर नहीं सकता वो लाखों करोड़ों... Hindi · कविता 1 396 Share Megha Agarwal 30 Jun 2020 · 1 min read मेरी कल्पना कल्पना की एक रोज़ मैने एक अच्छे आदर्श समाज की, इंसानियत से लबरेज़ कल्पना की एक अच्छे इंसान की, जहां हर भूखे की भूख मिटाने खटकते संसद के द्वार की... Hindi · कविता 2 2 600 Share Megha Agarwal 29 Jun 2020 · 1 min read मै कौन हूं अपने ख्वाबों के लिए इस जहां की मोहताज नहीं मै, खुद की बनाई सीढ़ियों पर चलने को बेकरार हूं, शुरू से रही अपनी ही शर्तों पर जीती अाई मै, मेहनत... Hindi · कविता 3 483 Share Megha Agarwal 28 Jun 2020 · 2 min read लैंगिक समानता लैंगिक समानता का यह नारा इस दशक का आधार है, हमारी आधुनिकता को दर्शाने वाला सबसे बड़ा प्रचार है, ढिंढोरा पीटते पूरे जहां में दोनों की बराबरी का जो हम,... Hindi · कविता 4 2 941 Share Megha Agarwal 27 Jun 2020 · 2 min read समाज जिस समाज में रहते हम अक्सर वहीं गलत होता है, अच्छे बुरे दो नकाब पहनकर हम क्या यह समाज भी रहता है, एक तरफ देता लक्ष्मी का दर्जा और पूजता... Hindi · कविता 2 573 Share Megha Agarwal 24 Jun 2020 · 1 min read भारत की विविधता त्यौहार हर महीना साल का रंग अजब यहां दिखलाता, त्योहारों से शुरू होता जो सफर वो आनन्द में रुक जाता जहां पौष मास में पतंगों से यह आसमां सारा सज जाता,... Hindi · कविता 2 557 Share Megha Agarwal 23 Jun 2020 · 1 min read कविता और हम कविताएं पढ़कर मेरी अक्सर इसके पीछे का राज पूछा करते हैं, कैसे लिख देती कलम मेरी उन बातों को जो अक्सर गुमनाम हो जाती हैं, जज्बात जो होते मेरे अंदर... Hindi · कविता 4 2 441 Share Megha Agarwal 22 Jun 2020 · 2 min read एसिड अटैक का चेहरा नारा लगाते जो आत्मनिर्भर का वो औरत को गुलाम समझते हैं, अपने अहम के खातिर इनके अहम को चोट पहुंचाते हैं, कहानी यह अहम की अक्सर अख़बारों में हमें दिखाई... Hindi · कविता 3 4 238 Share Megha Agarwal 21 Jun 2020 · 2 min read जिंदगी की ख्वाहिश: बचपन मां का दुलार और पिता की डांट से शुरू होती कहानी बचपन की, इसी कहानी से शुरू होते दास्तां ए कहानी ख्वाबों की, पेंसिल से शुरू होकर कलम पर जो... Hindi · कविता 2 2 562 Share Megha Agarwal 20 Jun 2020 · 1 min read कागज कलम कलम से लिखे हर शब्द में समाज का दौर दिखाई देता है, हर वर्ग की ख़ामोशी का शोर यहां कागज पर सुनाई देता है, आधी आबादी से जुड़ा हर मुद्दा... Hindi · कविता 3 599 Share Megha Agarwal 17 Jun 2020 · 1 min read भारत की हुंकार एक रोज़ यहां महफ़िल सजी वीर रस के मुशायरों की, जंग छिड़ी जहां जुबानों से और बहस हुई क्रांति भरे विचारों की, शुरू हुई जो बात क्रांति की वो आजाद... Hindi · कविता 6 570 Share Megha Agarwal 16 Jun 2020 · 2 min read मानसिक तनाव और हम जिंदगी के सफ़र में हर किसी को चुभते हैं कांटे कई, लहूलुहान हो जाते पांव पर क़दमों को थामता नहीं कोई, फर्श से अर्श तक पहुंचने के हज़ारों सपने देखते... Hindi · कविता 1 1 301 Share Megha Agarwal 15 Jun 2020 · 2 min read जिंदगी का सच जिंदगी के हंसी लम्हों का अंत युं अचानक ही हो जाता हैं, जहां की नज़रों में पा लेता कुछ पर अपनी नज़रों में सब छोड़ देता है, हर भूल भुलैया... Hindi · कविता 541 Share Megha Agarwal 14 Jun 2020 · 2 min read आत्महत्या: ताकत या कमजोरी दुनिया की इस महफ़िल में आसान नहीं होता हंसकर जीना, कई बार खुद को तोड़कर अपनों को जोड़ना पड़ता है, दिल को छू लेने वाले किरदार जो निभाते हैं इस... Hindi · कविता 2 2 517 Share Megha Agarwal 13 Jun 2020 · 1 min read समाज का दर्शन सम्मान की परवाह करने वाले अक्सर अपनो की जंग हार जाते है, जो करते हैं अपनों से लड़ने की कोशिश अपना स्वाभिमान हार जाते हैं, करते हैं शान से दुनियादारी... Hindi · कविता 4 2 352 Share Megha Agarwal 12 Jun 2020 · 1 min read समाज का आदर्श पत्थरों में हीरा खोजते खोजते कोहिनूर की कीमत भूल बैठे हैं, जहां की कीमत क्या समझेंगे हम जब अपनों का ही मोल भूल बैठे हैं, किसी बेजुबान के मारे जाने... Hindi · कविता 3 283 Share Megha Agarwal 11 Jun 2020 · 1 min read पहचानने में गलती आवाज़ उठाने वाले आजादी की आज चुप क्यूं बैठे हैं, सेक्युलरिज्म की सोच में क्यूं मुंह छिपाए बैठे हैं, महफूज़ नहीं देश में शोषण हमारा यहां होता है, हिंदुओ का... Hindi · कविता 3 4 312 Share Megha Agarwal 10 Jun 2020 · 2 min read हालातों का मारा बचपन कहानी है यह उन बच्चो की जिनके ख्वाब हकीकत से बड़े थे, सोच जिनकी समुंद्र से गहरी और इरादे लोहे से मजबूत थे, राहों पर गुजारते दिन अपना और आसमां... Hindi · कविता 2 2 533 Share Megha Agarwal 5 Jun 2020 · 1 min read शिक्षा का स्तर अब तक साक्षरता दर को ही शिक्षा का पैमाना समझा गया, इसलिए हर बार इंसानियत को शर्मशार किया गया, पढ़ें लिखों ने भी यहां जानवर से बदतर व्यवहार किया, किताबी... Hindi · कविता 1 1 581 Share Megha Agarwal 4 Jun 2020 · 1 min read इंसानियत का सच सुनाकर इक कहानी आज नए समाज से तुम्हे मिलवाते हैं, ढिंढोरा पीटते जहां इंसानियत का और मन में राक्षस छुपाते हैं, जो खुद की कौम की परवाह न करते उनसे... Hindi · कविता 2 395 Share Megha Agarwal 3 Jun 2020 · 1 min read खौफनाक आइना नारीवाद का नारा देने वाले खुद उसका अपमान करते हैं, श्रद्धांजलि देने के नाम पर किसी को खरी खोटी खूब सुनाते हैं, करता कोई दूसरा गलत तो कैंडल मार्च शान... Hindi · कविता 2 348 Share Megha Agarwal 3 Jun 2020 · 1 min read इंसानियत को श्रद्धांजलि बरपाया जो प्रकृति ने कहर उसे बर्बरता का नाम दे रहे हैं, और किया जो इंसानों ने इसके साथ उसे विकास का नाम दे रहे हैं, इंसानियत को ताक पर... Hindi · कविता 2 440 Share Megha Agarwal 2 Jun 2020 · 1 min read कैमरा खुलकर जीने वालों को हर पल कैद करना सिखा दिया, सेल्फी के सहारे ही सही इसने लोगों को हंसना सिखा दिया, अकेले में भी जो रहते थे सबके साथ उनको... Hindi · कविता 1 280 Share Megha Agarwal 2 Jun 2020 · 1 min read परिवार दुनिया ए महफ़िल में हमें ऊपरवाले ने कई रिश्तों से सजाकर भेजा है, जिंदगी जी सके हम खुलकर इसलिए उसने परिवार से नाता जोड़ा है, छोटा या बड़ा हो या... Hindi · कविता 1 237 Share Megha Agarwal 1 Jun 2020 · 1 min read तंबाकू याद दिलाकर इक दिन खुदको पूरे साल भूल जाते हैं, तंबाकू को बनाया हमने ऐसा कि इक पल भी उसके बिन रह नहीं पाते हैं, हज़ारों की संख्या में इसके... Hindi · कविता 1 232 Share Megha Agarwal 1 Jun 2020 · 1 min read बाज़ार चलो आज समाज के नए पहलू से सबको रूबरू कराते हैं, जो है हमारी रोजमर्रा जिंदगी का हिस्सा उस बाज़ार का आइना दिखाते हैं, निर्जीव से लेकर सजीव तक जहां... Hindi · कविता 2 240 Share Megha Agarwal 31 May 2020 · 1 min read मजदूर रौनक बनी जिससे शहरों की वो शहर अब छोड़ रहे हैं, न चाहकर भी अमीर की उंगलियों पर नाचने वाले अब अपने गांव लौट रहे हैं जगमग रहता था जिससे... Hindi · कविता 2 2 406 Share Megha Agarwal 31 May 2020 · 1 min read नवनिर्माण भारत बिगड़ी हुई कुछ व्यवस्था में बदलाव नया आ रहा है, हां विश्वगुरु भारत का नवनिर्माण शुरू हो गया है, दूसरों पर निर्भरता कम कर आत्मनिर्भर देश बन रहा हैं, हां... Hindi · कविता 3 455 Share Megha Agarwal 30 May 2020 · 1 min read गाथा भारत की सन 47 से इक्कीस वीं सदी तक का सफर तय किया है हमने, कई धोखे और फरेब के साथ हर कदम को आगे बढ़ाया है हमनें, हर पड़ोसी के साथ... Hindi · कविता 3 1 366 Share Megha Agarwal 30 May 2020 · 1 min read लोकतंत्र वैसे शासन चलाने के होते हैं कई आधार यहां, पर हर आधार में लोकतंत्र है बेमिसाल हर जगह, जहा चलता शासन किसी एक का नहीं पूरी जनता का, वहीं पर... Hindi · कविता 4 328 Share Megha Agarwal 29 May 2020 · 1 min read पक्षी और इंसान देखकर हमले इंसानों पर हर पक्षी आज खुश हुआ, कैद हो कर भी जिसका मन पहली बार आजाद हुआ, बर्बादी से जिसको बचाने के लिए इन्होंने पक्षी को कैद किया,... Hindi · कविता 1 4 506 Share Megha Agarwal 29 May 2020 · 1 min read लड़की के जीवन का आधार एक रंग आधुनिकता का शोर मचाने वाले पुराने ख्यालात अपनाते है, बेटा बेटी एक समान बोलने वाले खुद ही बहुत बड़ा फर्क करते हैं, जिससे चलती दुनिया यह उसी को अपशब्द बेहिसाब... Hindi · कविता 1 532 Share Megha Agarwal 28 May 2020 · 1 min read इंसान की फितरत जल संरक्षण की बात बहुत है इस जहां में करने वाले, पर इसे बचाने वाले उंगलियों पर गिने जाते हैं, मौसम और बारिश को दोष देने वाले खुद इसको बर्बाद... Hindi · कविता 3 1 450 Share Megha Agarwal 28 May 2020 · 1 min read राम और रावण अगर राम अपनी जगह सही थे, तो रावण भी गलत न था, नियति के जाल में दोनों कुछ फंसे ही इस तरह थे, अगर रावण को अभिमान ने घेरा तो... Hindi · कविता 1 584 Share Megha Agarwal 27 May 2020 · 1 min read वनों पर कहर खुदा की बनाई हंसी प्रकृति ने खेल गजब दिखाया है, अब तक बरपाया इंसा पर कहर अब वनों को भी जलाया है, क्रोध इतना प्रकृति का देखा नहीं कभी किसी... Hindi · कविता 2 2 238 Share Page 1 Next