Megha Agarwal 98 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Megha Agarwal 27 May 2020 · 1 min read फौजी का दिल आशिकी से दिल रखने वाले किसी की फ़िक्र कहां करते हैं, और जिसके दिल में बसता हो वतन वो मरने से कहां डरते हैं, जो अपनों को पीछे छोड़ सरहद... Hindi · कविता 1 482 Share Megha Agarwal 27 May 2020 · 1 min read बेजुबान की आवाज बिन मांगे खुदा ने रंगीन तोहफों से सजाया है हमें, पर उसके दिए हर तोहफे का मज़ाक बनाया है हमनें, उन्हीं तोहफों में से इक नायाब तोहफा उसने हमें दे... Hindi · कविता 1 500 Share Megha Agarwal 26 May 2020 · 1 min read कलम की दरकार झूठ की इस महफ़िल में सच का दावेदार कोई चाहिए, जो हर फरेब का नकाब उतार सके ऐसी इक कलम हमें चाहिए, लिखे जो सिर्फ रिश्ते प्यार मोहब्बत के बारे... Hindi · कविता 1 3 264 Share Megha Agarwal 26 May 2020 · 1 min read खुदा का इंसाफ जिंदगी की इस दौड़ में मै तुम्हे कुछ बताने आया हूं, सोते हुए अपने हर बन्दे को आज मै जगाने आया हूं, खुद चैन से सो कर नींदें चुरा ली... Hindi · कविता 2 1 372 Share Megha Agarwal 25 May 2020 · 1 min read गांव और शहर पहचान बनाने अपनी खुद की शहर की चकाचौंध में हम आ गए, आशियाना मानकर शहरों को सपनों का गांव को कहीं छोड़ आए, खुले आंगन और माटी की महक छूट... Hindi · कविता 3 2 248 Share Megha Agarwal 25 May 2020 · 1 min read गलतियां गलती इक शब्द ऐसा जो लाखों अच्छाइयां छुपा दे, हमारे हर किए को कभी पाप तो कभी गुनाह का रूप दे दे, थे जब छोटे हम तो हर गलती की... Hindi · कविता 1 543 Share Megha Agarwal 24 May 2020 · 1 min read धर्म और समाज चलो आज इक गुमनाम समाज का आइना सबको दिखाते हैं, इंसानियत का तमाशा करने वालों को सच्चाई से रूबरू कराते हैं, धर्म की बातें करने वालों को धर्म का असल... Hindi · कविता 2 207 Share Megha Agarwal 23 May 2020 · 1 min read संस्कार और समाज समाज में रहने वाले बात करते है नसीहत की, कर्म भाव दूसरों के देखकर हालत बताते संस्कारों के, सही गलत की सोचे बिना संस्कारों का चश्मा यह लगाते हैं, पुरुषों... Hindi · कविता 491 Share Megha Agarwal 22 May 2020 · 1 min read आइना समाज का अद्भुत नजारा इस जिंदगी का समझ कोई ना पाया है, मुंह पर मीठे बोल पीछे खंजर लेकर हर कोई यहां आया है, स्वाभिमान और अभिमान की बात करते रहते सब... Hindi · कविता 1 239 Share Megha Agarwal 21 May 2020 · 1 min read समय का चक्र समय का चक्र चला आज ऐसा पुराने दिन वो फिर लौट आए वो अपनो की महफ़िल जो खो गई थी शहर की चकाचौंध में, आज लौट अाई वो शहरों के... Hindi · कविता 2 206 Share Megha Agarwal 20 May 2020 · 1 min read लड़को का सफर घर में बड़ा होता या होता वो छोटा, पर किरदार गजब का उसका हमेशा होता, लड़ने झगड़ने और हसने के बाद भी जिसकी रोने की कभी इजाज़त न होती, लड़कियों... Hindi · कविता 3 2 230 Share Megha Agarwal 19 May 2020 · 1 min read समाज और बड़ा पर्दा कहने को बड़े पर्दे समाज के आइना का किरदार निभाते हैं, उस आइने में अपनी सभ्यता संस्कृति को ही हम क्यूं भूल जाते हैं, करते हैं अश्लीलता का प्रदर्शन भद्दे... Hindi · कविता 3 285 Share Megha Agarwal 18 May 2020 · 1 min read भारत की पुकार करुणा भरी इक पुकार मां की जिसने बच्चो को पुकारा है, घर में रहकर सुनो पुकार उसकी क्यूंकि यह भारत हमारा है, जरूरी नहीं लड़ाई हो जब सरहद पर तभी... Hindi · कविता 1 1 255 Share Megha Agarwal 14 May 2020 · 1 min read आया दौर फिर भारत का आज इक बार दौर फिर वो लौट आया है, कभी 1907 में उठाया जो स्वदेशी का मसला आज उसे अपनाना है, महामारी के इस दौर में हमें ही देश अर्थ... Hindi · कविता 2 301 Share Megha Agarwal 13 May 2020 · 1 min read लॉकडाउन का असर हमेशा बिज़ी रहने वालो को इसने थोड़ा आराम दिया, बेफिक्री से जीने वालों को अपनी फिक्र का काम दिया, ख़्वाबों की सोच समय के हाल छोड़े थे जो हमने, उनको... Hindi · कविता 4 234 Share Megha Agarwal 12 May 2020 · 1 min read समाज का रुख बातें दुनियादारी की करके रिश्ते कुछ ऐसे निभाते हैं, अपनों की खुशियां दबाकर पहले समाज के लिए सोचते हैं, शुरुआत करते कुछ अच्छे बुरे की तो ताने पहले यही मारते... Hindi · कविता 2 2 250 Share Megha Agarwal 10 May 2020 · 1 min read नानी मां कोख से भले न जन्मी मै तेरी पर तेरा ही एहसास हूं, रहूं दुनिया के किसी भी कोने पर तेरे ही साथ हूं, तेरी ही गोद में खेली मै खाया... Hindi · कविता 2 2 396 Share Megha Agarwal 10 May 2020 · 1 min read एहसान रिश्तों का अपनों के साथ बिताए कुछ लम्हों को याद करने का दिन आ गया, 364 दिन बेफिक्री के बाद इक दिन फ़िक्र का आ गया, पुरे साल खुद में ही खोने... Hindi · कविता 1 441 Share Megha Agarwal 9 May 2020 · 1 min read अनजानी राहें अजीब सी फितरत हो गई है इस जहां की, सब जानते हुए भी अनजान बना फिरता है, पांच सितारा में खाने वाला सादा खाकर सुर्खियों में आता है, और सादा... Hindi · कविता 2 3 625 Share Megha Agarwal 8 May 2020 · 1 min read ख़्वाब हर हिंदुस्तानी का सुनाई दी एक खबर जिससे दिल मेरा फिर झूम उठा, क्यूंकि भारत अपने अंग को दुश्मनों से छुड़ाने की तैयारी कर रहा, अगस्त 5 को हुआ था चमत्कार सत्तर साल... Hindi · कविता 1 379 Share Megha Agarwal 8 May 2020 · 1 min read त्रासदी का मंज़र दिखा आंध्र में इक भयावह दृश्य फिर इक बार, जिसने कराया 36 साल पुराने कांड को याद, कभी झुलसा था भोपाल सन चौरासी की जिस त्रासदी में, झुलस गया आज... Hindi · कविता 2 1 201 Share Megha Agarwal 7 May 2020 · 1 min read सैनिक और हमारे जज्बात अब तक लिखा देश ओ समाज के बारे में, लिखा अपने और रिश्तों के बारे में भी, पर नहीं लिखा कभी देश के उन चिरागों के लिए, जिनके कारण हम... Hindi · कविता 2 361 Share Megha Agarwal 6 May 2020 · 1 min read महखाना और हम घरों में कैद रह कर खुद को बचाया इक बीमारी से सबने आजाद हुए जब तो दुसरी मुसीबत से घिरा पाया खुदको हमने, नशा ए लत लगी कभी जिस महखाने... Hindi · कविता 1 530 Share Megha Agarwal 5 May 2020 · 1 min read सपना और हकीकत ख्वाइशों को अपनी दफन करके जिम्मेदारी का बोझ उठालेटे हैं, समय नहीं है कहकर अपने मन को समझा लेते हैं, भूल जाते हैं खुद की पहचान और अपने वजूद को,... Hindi · कविता 2 1 258 Share Megha Agarwal 5 May 2020 · 1 min read रिश्ता भाई बहन का कहते हैं इक लड़की अपने बाप की राजकुमारी होती और जो इसकी जहां से इफाजत करता है वो भाई होता है, लड़ते झगड़ते है एक दूजे से पर दो जिस्म... Hindi · कविता 2 340 Share Megha Agarwal 5 May 2020 · 2 min read दरिंदगी और समाज बदनाम करते जमाने को गलती अपनी छुपाते हैं, गंदी करते नियत को पर इल्ज़ाम कपड़ों पर लगाते लाल हमारा सही है,इशारे उसके ही गलत होंगे, नजर में उनकी दो साल... Hindi · कविता 2 505 Share Megha Agarwal 5 May 2020 · 1 min read अस्तित्व इक नारी का डेढ़ अक्षर के जिस शब्द में समाया ईश और संसार और कोई नहीं स्त्री उस शब्द का नाम है, मां, बहन,संगिनी और बन के बेटी कराई जिसने पार हर मझधार... Hindi · कविता 1 208 Share Megha Agarwal 5 May 2020 · 1 min read प्यार और दोस्ती धोखा प्यार में मिले तो इंसा दुनिया भूल जाता है, धोखा अगर दोस्ती में मिले तो इंसा जीना ही भूल जाता है, प्यार और दोस्ती का रिश्ता ऐसे जैसे रिश्ता... Hindi · कविता 1 496 Share Megha Agarwal 5 May 2020 · 1 min read एहसान की जिंदगी जमाना नहीं खराब खराब है यह दुनिया यह बात लोगों को बताते हैं, इंसा की इंसानियत मर गई यह अहम में अपने छुपाते क्या सही क्या गलत गीता ज्ञान सबको... Hindi · कविता 1 1 537 Share Megha Agarwal 5 May 2020 · 1 min read बचपन का वो सफर बैठे बैठे यूं ही कुछ हसीं लम्हों को याद करते हैं, चलो आज वापस बचपन की राहों पर निकल पड़ते हैं, जहां ना होती आज की चिंता और कल की... Hindi · कविता 4 2 390 Share Megha Agarwal 4 May 2020 · 1 min read सोच और रूह का फर्क अजीब सा सुरूर है इस जहां ए महफ़िल का, हर इक को पहले गालियां फिर तालियां देता है, जब तक अपनी जान पर बन ना आए किसी की, दूसरों के... Hindi · कविता 1 263 Share Megha Agarwal 4 May 2020 · 1 min read जज्बा देश हित का इसकी माटी से बना मै इसमें ही मिल जाऊंगा, गुमनामी से निकलकर नाम कुछ कर जाऊंगा, क्या कहते लोग इस बात से फर्क नहीं पड़ता कोई, अपनों के लिए जीने... Hindi · कविता 2 1 476 Share Megha Agarwal 4 May 2020 · 1 min read इंसानियत और हुनर ख्वाइश नहीं मशहूर होने की,बस कर्म अपना करता ख़ामोशी की महफ़िल में मै शोर मचाया करता हूं, लोग करते हैं इंसानियत की बातें, मै उसी का फ़र्ज़ अदा करता हूं,... Hindi · कविता 2 1 430 Share Megha Agarwal 4 May 2020 · 1 min read नशा यौवन का भयावह रूप है यह, फिर भी हर एक की तमन्ना है यह, महफिलों की शान बढ़ाता यह, मॉडर्न का नया रूप दिखलाता यह, बिना इसके शाम बेरंग लगती... Hindi · कविता 2 2 252 Share Megha Agarwal 4 May 2020 · 1 min read समलैंगिकता और समाज प्यार रूह से किया जाए तो प्यार कहलाता, गर जिस्म से हो जाए तो समाज बीच में आ जाता, जिंदगी जीने और प्यार चुनने का हक है गर हमें,, तो... Hindi · कविता 2 1 486 Share Megha Agarwal 4 May 2020 · 1 min read जुर्म दो अक्षर के इस शब्द से जिंदगी कई बिगड़ जाती है, कभी बदले तो कभी बदलाव की वजह से, जिंदगी में जुर्म की दस्तक हो जाती हैं, मंशा अच्छी इसकी... Hindi · कविता 2 1 342 Share Megha Agarwal 4 May 2020 · 1 min read अभद्रता और हमारी संस्कृति गालियां देना स्वभाव और संस्कृति नहीं हमारी, पर गालियां देने से कभी हिचकिचाते भी नहीं, गालियां जो देता बेबाक उसको मॉडर्न बोलते हैं, और जो इन सबसे दूर रहे उसको... Hindi · कविता 2 1 413 Share Megha Agarwal 3 May 2020 · 1 min read नैतिकता सर्तकता से है इसका गहरा नाता, इंसा में इंसानियत लाने का जो बनी आधार, धर्म ,समाज का वास्तविक मर्म है यह, हमारी अंतरात्मा की सत्यता का सार हैं यह बुद्ध... Hindi · कविता 2 210 Share Megha Agarwal 3 May 2020 · 1 min read इंसानियत का कर्ज महफूज़ हम हो सके इसलिए खुद दर्द सहते हैं, हम अपनो के साथ रहे इसलिए वो खुद घर से दूर रहते हैं, महामारी की इस जंग में वो किरदार गजब... Hindi · कविता 1 210 Share Megha Agarwal 3 May 2020 · 1 min read जिंदगी और जिंदादिली जिंदगी ए महफिल बचाने की कोशिश हज़ार जारी है, कर रहे हाथों की सफाई पर दिल में कालिख जारी है, जिन रिवाजो के नाम पर बोझ कर्ज का उठाता इंसा... Hindi · कविता 1 300 Share Megha Agarwal 3 May 2020 · 1 min read जिंदगी और जिंदादिली जिंदगी ए महफिल बचाने की कोशिश हज़ार जारी है, कर रहे हाथों की सफाई पर दिल में कालिख जारी है, जिन रिवाजो के नाम पर बोझ कर्ज का उठाता इंसा... Hindi · कविता 435 Share Megha Agarwal 2 May 2020 · 1 min read लौटती जिंदगी समय जब करवट लेता है तो खुदा भी बदल जाता है, जिंदगी के इस सफर में कोई नया मोड़ आ जाता है, कभी पैसों की खातिर अपनों से दूरी बना... Hindi · कविता 1 1 509 Share Megha Agarwal 2 May 2020 · 1 min read प्रकृति का पलटवार ना होते बन्द यूं मां भवानी के द्वार आराधना के वक़्त पर गर प्रकृति के इशारे समय रहते हमने समझ लिए होते, ना होती बन्द यूं मस्जिद बन्द जुम्मे -... Hindi · कविता 1 1 589 Share Megha Agarwal 2 May 2020 · 1 min read देशभक्ति अजीब फसाना है इस शब्द का जनाब, शब्द छोटा और अर्थ सबसे परे हैं इसका, किसी के लिए डीपी और स्टेटस तक साथ निभाती हैं, तो किसी की इस दुनिया... Hindi · कविता 1 1 496 Share Megha Agarwal 2 May 2020 · 1 min read जिंदगी मौत का खेल शुरू होती कहानी का अंत जरूर होता है, जो खुद आता रोता हुआ वो रुलाकर सबको जाता है, गर दुनिया इक कहानी है तो उस का लेखक खुदा है, जो... Hindi · कविता 1 1 299 Share Megha Agarwal 1 May 2020 · 1 min read अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस खुद के सर पर छत नहीं, पर हमारे लिए बड़ी इमारत बनाते हैं, दो वक़्त का खाना भी जिसको चैन से नसीब नहीं, पर आधे घंटे में पिज़्ज़ा घर में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 238 Share Megha Agarwal 1 May 2020 · 1 min read फौजी प्यार और जिंदगी सोलह श्रृंगार कर सज संवर आई वो किसी और के घर, भूल कर अपनी दुनिया किसी और दुनिया में रंगने लगी वो अब, मिलने ही लगी थी जहां की खुशियां... Hindi · कविता 4 4 427 Share Megha Agarwal 1 May 2020 · 1 min read नारी और घरेलू हिंसा दुनिया के महफ़िल को रंगमंच का , और खुद को कठपुतली का नाम देते हैं, खुदा के इशारों पर हम यही अनेक किरदार निभाते हैं, पूरी जिंदगी करते हैं खुद... Hindi · कविता 4 1 363 Share Previous Page 2