Radha shukla 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Radha shukla 27 Jun 2023 · 1 min read स्वदेश धर्म : घनघोर सनातन धर्मी हूँ , लेकिन मुझमें अन्धत्व नहीं।। पंथी बन परचम फहराऊं , ऐसा कोई बंधत्व नही।। पूरी धरती में भारत की , तेवर सूरज का दिखता है।।... Hindi · कविता-हिन्दी 205 Share Radha shukla 20 Jun 2023 · 1 min read राम राज्य द्वार खुले रह जायें कभी तो , न चौरन भीति परै दिखलाई।। साँझ में देहरी के दीप जलैं , तो राह मे राही क दें उजराई।। मीत के हिय जो... Hindi · कवि सम्मेलन · हिन्दी कविता 494 Share Radha shukla 19 Jun 2023 · 1 min read चाटुकारिता प्रस्तुत रचना सभी पत्रकारों और अखबारों के लिए नहीं है अतः क्षमा के साथ निवेदित कर रही हूँ। लोकतंत्र के चौथे खंभे, तुम तो पूरे भाँड़ हो गये।। सुन सुन... English · Poem 442 Share Radha shukla 18 Jun 2023 · 1 min read एक रूपक ज़िन्दगी का, एक रूपक ज़िन्दगी का, इक अमावस का दिया हूं।। इक अधूरे प्रेम की, संकीर्णता संचित किया हूं।। मै नवोदित अति विवेचित, फिर अनूदित काव्य जैसीं।। पूर्णता में रिक्तता की ,... Quote Writer 356 Share Radha shukla 18 Jun 2023 · 1 min read एक रूपक ज़िन्दगी का, एक रूपक ज़िन्दगी का, इक अमावस का दिया हूं।। इक अधूरे प्रेम की, संकीर्णता संचित किया हूं।। मै नवोदित अति विवेचित, फिर अनूदित काव्य जैसीं।। पूर्णता में रिक्तता की ,... Quote Writer 2 443 Share