shubhra jha 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid shubhra jha 24 Jul 2018 · 1 min read अनजाना भय अनजाना भय गर्भ के नौवें महिना होने को है और उसका मन न चाहते हुए भी एक अनजाने दर्द और चिंता से घिरा है, कल रात ही सासु माँ ने... Hindi · लघु कथा 281 Share shubhra jha 27 Feb 2018 · 1 min read प्रार्थना प्रार्थना ******** हे प्रभु हूँ झुका मैं चरणों में लिए अपना शीश बन्द कर सभी इन्द्रियाँ गाऊँ बस यह गीत बन के काले मेघ सा आत्मा भारी बरसुँ तेरे चरणों... Hindi · कविता 267 Share shubhra jha 27 Feb 2018 · 1 min read जन्नत जन्नत *********** आज भी झेलम में पड़ी होंगी जो बजती थी चूड़ियाँ कलाईयों पे कभी। झुलता था बाजुओं मे मेरे आज भी लिपटा होगा दुपट्टा वहीं पे कहीं। चौंक कर... Hindi · कविता 1 323 Share shubhra jha 27 Feb 2018 · 1 min read कहाँ जा रही हैं औरतें कहाँ जा रही है औरतें ******************** आज फिर बैठेगीं कस्बे की औरतें आकर झुण्ड में अपने शाम को खाने के बाद सभी होती इकट्ठी फिर कुछ देर बाद गुनगुनाएगीं हंसी... Hindi · कविता 535 Share