Shobhit Ranjan Language: Hindi 61 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Shobhit Ranjan 24 Nov 2019 · 1 min read मां दुश्मन घबरा गए हमरी कामयाबी पर, जो जाते हुए उन्हें मेरी हार दिख गई, और, मार दूंगा हर एक सक्श को मैं, अगर बेबस उसके होते हुए मुझे उसकी मां... Hindi · मुक्तक 3 234 Share Shobhit Ranjan 20 Nov 2019 · 1 min read सायरी ये नया वक़्त, दौर बनने लगा, धूप छट्टे ही आसमां सोर करने लगा, और, हौंसला इन जीनों का तो देखिए जनाब, चंद पैसे आते ही अपने आकाओं को दूर करने... Hindi · मुक्तक 2 448 Share Shobhit Ranjan 17 Nov 2019 · 1 min read शायरी समंदर की गहराई से मोती धुंड लाओ, सायारो के शेर की गहराई धुंड लाओ, और क्या कहते रहते तुम मेरे बारे में आक्सर, जाओ बाज़ार वहां से पहले तुम अपना... Hindi · मुक्तक 2 491 Share Shobhit Ranjan 16 Nov 2019 · 1 min read मां घर की वीरानी को, वो औरत दूर कर देगी, अरे, मां को घर तो ला, वो मका को घर कर देगी। Hindi · मुक्तक 2 548 Share Shobhit Ranjan 13 Nov 2019 · 1 min read मां जिसकी ओढ़नी ओढ़ कर सोया करते थे, जिसकी जिंदगी के कारण हम जिया करते थे, प्यार क्या है उसने मुझे बताया, उस खुदा के फरिश्ते को हम मां कह के... Hindi · मुक्तक 2 279 Share Shobhit Ranjan 10 Nov 2019 · 1 min read देश प्यार करना है तो वतन से करो, सनम में क्या रक्खा है, अलग ही करना है तो अपने दुश्मनी को करो, कश्मीर में क्या रक्खा है, निकाल कर फैंक दो... Hindi · मुक्तक 2 239 Share Shobhit Ranjan 9 Nov 2019 · 1 min read शायरी हर शाम परिंदों को चह-चहाते देखा है, मैंने लोगों को पैसे के लिए जान लुटाते देखा है, फिर कहां किसी को मोहब्बत की तस्वीर अच्छी लगी, जिसने भी मां को... Hindi · मुक्तक 2 253 Share Shobhit Ranjan 8 Nov 2019 · 1 min read मैं और तेरी सोच। जूते फटे पहनकर ऊपर कभी चढ़े थे, जरूरते हमारी हरदम इच्छाओं से परे थे। काम लेने से पहले हमने दाम न पूछ पाया, सोच हमारी हर दम तुम्हारी औकात से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 272 Share Shobhit Ranjan 7 Nov 2019 · 1 min read ग़ज़ल मैं हिंदू हूं मगर कुरान लिखता हूं, तुम लड़ते हो चलो, मैं तुम्हारे लड़ाई की दास्तान लिखता हूं, क्या फर्क है अपने अंदर उसे ढूंढो तुम, मैं तुम्हारे मौत का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 254 Share Shobhit Ranjan 6 Nov 2019 · 1 min read मां प्यार, यार, वादे, इरादे सब छुट जाएंगे, और आसमान, सूरज, चांद, सितारों से क्या सिकायात करू, मेरे बाद तो मुझे मेरे अपने है भूल जाएंगे, और ज़िन्दगी ने बदल दिए... Hindi · मुक्तक 2 458 Share Shobhit Ranjan 5 Nov 2019 · 1 min read मैं क्या चाहता हूं। ना मैं हुस्न की अंजुमन चाहता हूं, ना मैं धन दौलत,ना दुल्हन चाहता हूं, ना मैं चांद जैसा बदन चाहता हूं, ना मैं रोशनी की समा चाहता हूं, ना दोस्ती,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 255 Share Previous Page 2