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जो छूट गया तुम्हारा साथ जीवन के किसी मोड़ पर..
शोभा कुमारी
ज़िंदगी की उलझन;
शोभा कुमारी
"अन्तरात्मा की पथिक "मैं"
शोभा कुमारी
किभी भी, किसी भी रूप में, किसी भी वजह से,
शोभा कुमारी
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
शोभा कुमारी
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
शोभा कुमारी