शिव मोहन यादव Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शिव मोहन यादव 14 Feb 2017 · 1 min read बंदर एवं भालू बंदर एवं भालू उछल-कूद कर बंदर आया, घूम-घाम कर भालू। बोले सब्जी-मंडी चलकर, ले लें थोड़े आलू। मण्डी में झगड़े के कारण, छूटी एक दुनालू। पूँछ पकड़कर बंदर भागा, हाथ... Hindi · कविता 556 Share शिव मोहन यादव 14 Feb 2017 · 1 min read होली की चौपाल बंदर के घर लगी हुई थी, होली की चौपाल, सभी जानवर मस्ती में थे, उड़ने लगा गुलाल! ऊंचे स्वर में आज गधे ने, गाई लम्बी फाग। भालू दादा ढोलक लेकर,... Hindi · कविता 465 Share